Village Defense Guards

संदर्भ:
जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय सेना की ‘सेबर ब्रिगेड’ (Sabre Brigade) ने जम्मू के पुरमंडल क्षेत्र में विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) के लिए एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
पुरमंडल क्षेत्र में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम:
- उद्देश्य: इस प्रशिक्षण का प्राथमिक उद्देश्य विलेज डिफेंस गार्ड्स की परिचालन तत्परता (Operational Readiness) को बढ़ाना और सुरक्षा बलों के साथ उनके समन्वय (Coordination) को बेहतर बनाना था।
- परिचालन संबंधी सहयोग (Operational Collaboration): प्रशिक्षण में सुरक्षा बलों के साथ प्रभावी ढंग से सहयोग करने और किसी भी सुरक्षा संबंधी घटना की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के महत्व पर जोर दिया गया।
- सामुदायिक सुरक्षा में भागीदारी (Community Involvement in Security): स्वयंसेवकों को स्थानीय सुरक्षा बनाए रखने में उनकी भूमिका के बारे में संवेदनशील बनाया गया और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
- सूचना का आदान-प्रदान (Information Exchange): प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों के बीच सूचना के आदान-प्रदान को सुव्यवस्थित करना था। VDGs को सिखाया गया कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत और सटीक तरीके से सेना या पुलिस तक कैसे पहुँचाई जाए।
- आपदा प्रतिक्रिया (Disaster Response): आपातकालीन स्थितियों, जिनमें प्राकृतिक आपदाएं भी शामिल हैं, के दौरान बुनियादी प्रतिक्रिया तकनीकों और घायलों की सहायता कैसे करें, इसका संक्षिप्त अवलोकन भी प्रदान किया गया।
विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) योजना
- परिचय: विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) जम्मू और कश्मीर में संवेदनशील इलाकों में स्थानीय नागरिकों का एक सशस्त्र समूह है, जिसे आतंकवाद का मुकाबला करने और सुरक्षा बलों की मदद के लिए बनाया गया है।
- शुरुआत: इस योजना को 1990 के दशक में शुरू किया गया था, जिसे पहले विलेज डिफेंस कमेटी (VDC) कहा जाता था। 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा अनुमोदन के बाद इसका नाम बदलकर VDG कर दिया गया।
- संरचना: इसमें गांवों के स्थानीय स्वयंसेवक शामिल होते हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा निर्देशित किया जाता है। प्रत्येक समूह में लगभग 15 लोग होते हैं और उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- कार्य: VDG, जिला पुलिस (SSP/SP) के निर्देश पर काम करते हैं। ये सुरक्षा बलों के लिए ‘दूसरी रक्षा पंक्ति’ (Second Line of Defence) के रूप में कार्य करते हैं और खुफिया जानकारी साझा करते हैं।
- प्रशिक्षण: सीआरपीएफ /सेना द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। जो SSP के अधीन काम करते हैं।
- सुविधाएँ: सदस्यों को एक बंदूक और 100 राउंड गोला-बारूद मिलता है। समूह के प्रमुख को ₹4,500 और अन्य सदस्यों को ₹4,000 मासिक भत्ता मिलता है।
