चर्चा में क्यों?
ब्रिटेन की संसद ने 23 अप्रैल को विवादित रवांडा डिपोर्टेशन बिल (Rwanda Bill) को पास कर दिया है। इस कानून के तहत ब्रिटेन शरणार्थियों को रवांडा भेज सकेगा।
रवांडा डिपोर्टेशन बिल क्या है?
- रवांडा की सुरक्षा (शरण और आप्रवासन) अधिनियम 2024 यूनाइटेड किंगडम की संसद का एक अधिनियम है।
- इसका उद्देश्य कुछ प्रवासियों को रवांडा गणराज्य में भेजने की अनुमति देकर, विशेष रूप से असुरक्षित और अवैध मार्गों से होने वाले गैरकानूनी प्रवास को रोकना है।
- यह विचार पहली बार 2022 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिन्होंने रवांडा सरकार के साथ अवैध प्रवासियों के लिए “यूके द्वारा अस्वीकार्य समझे गए” शरण आवेदनों को रवांडा भेजने के लिए मल्टीमिलियन-डॉलर की साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे।
- नवम्बर 2023 में ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने शरणार्थियों को रवांडा भेजने की यूके सरकार की योजना को गैरकानूनी बताया था। अदालत का मानना था कि रवांडा एक सुरक्षित देश नहीं है।
- दिसंबर 2023 में, यूके ने वर्तमान कानून का प्रस्ताव रखा, जो पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र में शरण चाहने वालों के लिए उसे “सुरक्षित” घोषित करता है।
- इसके पश्चात् ब्रिटेन की संसद ने 23 अप्रैल, 2024 को विवादित रवांडा डिपोर्टेशन बिल को पास कर दिया।
शरण चाहने वाला क्या है? (What is an asylum seeker?)
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शरणार्थियों को रवांडा क्यों भेज रहा ब्रिटेन
- ब्रिटेन आने वाले ज्यादातर अवैध शरणार्थी इंग्लिश चैनल पार करके आते हैं।
- अवैध इसलिए कि नावों से आ रहे लगभग 98% लोगों के पास पासपोर्ट नहीं होता। वे बिना किसी पहचान के UK पहुंच जाते हैं।
- सुनक सरकार ने आते ही जो वादे किए, उनमें से एक था चैनल क्रॉस करने वालों पर रोक लगाना।
- अगर लोग तब भी चोरी-छिपे आ जाएं तो एक और तरीका था- रवांडा नीति।
- ब्रिटिश नेशनलिटी एंड बॉर्डर्स एक्ट के मुताबिक उन्हीं लोगों को शरण मिल सकती है, जो वैध ढंग से आए हों और यूरोप के किसी देश के रहने वाले हों। लेकिन ज्यादातर लोग युद्ध में घिरे देशों से भागकर ब्रिटेन पहुंचते हैं।
- ब्रिटेन उन्हें वापस भगाकर खुद को क्रूर नहीं दिखा सकता।
- यही वजह है कि उसने रवांडा के साथ ऐसा करार किया जिससे वहां आए अवैध लोग रवांडा डिपोर्ट हो जाएं।
रवांडा के बारे में –
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कितने शरण चाहने वालों को रवांडा भेजा जा सकता है और पहली उड़ानें कब रवाना हो सकती हैं?
- रवांडा भेजे जाने वाले सरणार्थियों की संख्या बहुत अधिक है। वर्तमान में 52,000 लोग ऐसे हैं जिन पर विचार किया जा सकता है । रवांडा के लिए पहली उड़ान जून 2022 के लिए निर्धारित थी, लेकिन कानूनी चुनौतियों के बाद रद्द कर दी गई।
- 22 अप्रैल को बोलते हुए, प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने कहा कि पहली उड़ान अब 10-12 सप्ताह में रवाना होगी। यह वसंत ऋतु में लोगों को भेजने के सरकार के पिछले लक्ष्य से बाद में है।
- श्री सुनक ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि विमान में कितने लोग सवार होंगे, लेकिन कहा कि “गर्मियों और उसके बाद एक महीने में कई उड़ानें होंगी”।
- प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने “एक हवाई क्षेत्र को स्टैंडबाय पर रखा है” और वाणिज्यिक चार्टर विमान बुक किए हैं।
- पहली रवांडा उड़ान जून 2022 में उड़ान भरने से कुछ समय पहले रद्द कर दी गई थी
- उन्होंने कहा कि सरकार जिन लोगों को हटाने की तैयारी कर रही है, उनके लिए हिरासत स्थानों की संख्या बढ़ाकर 2,200 कर दी गई है और मामलों को शीघ्रता से निपटाने के लिए “200 प्रशिक्षित, समर्पित केसवर्कर” उपलब्ध हैं।
- श्री सुनक ने कहा कि किसी भी कानूनी मामले से निपटने के लिए 25 अदालत कक्ष और 150 न्यायाधीश उपलब्ध थे, और “500 उच्च प्रशिक्षित व्यक्ति अवैध प्रवासियों को रवांडा तक ले जाने के लिए तैयार थे”, और 300 को प्रशिक्षित किया जाना था।
मानव अधिकार संगठनों ने ब्रिटेन पर सवाल उठाए
- यूरोप की मानवाधिकार संगठनों ने ऋषि सुनक के रवांडा बिल की आलोचना की है। उनके मुताबिक ये बिल ‘राइट टू लिव’ यानी रहने के अधिकार के खिलाफ है। अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने सरकार पर कोर्ट का आदेश का पालन न करने के आरोप लगाए हैं।
- मानव अधिकार संगठनों का कहना है कि बिल अमीर और गरीब में फर्क करता है। बिल लोगों के बीच भेदभाव बढाएगा। इससे अवैध शरणार्थियों पर सरकार जुर्म करेगी।
- ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस साल फ्रांस और ब्रिटेन के बीच बने इंग्लिश चैनल को पार कर ब्रिटेन पहुंचने वालों की संख्या 4600 से अधिक है। इसके अलावा आज इस चैनल को पार करने में पांच लोगो ने अपनी जान गंवा दी। जान गंवाने वालों में सात साल की एक बच्ची भी थी।
क्या रवांडा सुरक्षित है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या था?
- नवंबर 2023 में, यूके सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि रवांडा योजना गैरकानूनी थी।
- इसमें कहा गया है कि वास्तविक शरणार्थियों को उनके गृह देशों में लौटने का खतरा होगा, जहां उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
- यह मानवाधिकार पर यूरोपीय कन्वेंशन (ईसीएचआर) का उल्लंघन है, जो यातना और अमानवीय व्यवहार पर रोक लगाता है। यूके ईसीएचआर का हस्ताक्षरकर्ता है।
- फैसले में रवांडा के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड और शरणार्थियों के साथ उसके पिछले व्यवहार के बारे में चिंताओं का भी हवाला दिया गया।
- न्यायाधीशों ने कहा कि 2021 में, यूके सरकार ने स्वयं “न्यायेतर हत्याओं, हिरासत में मौतों, जबरन गायब होने और यातना” को लेकर रवांडा की आलोचना की थी।
- उन्होंने 2018 की एक घटना पर भी प्रकाश डाला, जब रवांडा पुलिस ने विरोध कर रहे शरणार्थियों पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 11 लोग मारे गए।
रवांडा योजना की लागत क्या होगी?
- यूके सरकार ने 2023 के अंत तक रवांडा को £240m का भुगतान किया था।
- हालाँकि, राष्ट्रीय लेखा परीक्षा कार्यालय के अनुसार , पाँच वर्षों में कुल भुगतान कम से कम £370 मिलियन होगा ।
- यदि 300 से अधिक लोगों को रवांडा भेजा जाता है, तो यूके देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए £120m की एकमुश्त राशि का भुगतान करेगा, साथ ही प्रति स्थानांतरित व्यक्ति को £20,000 का अतिरिक्त भुगतान करेगा।
- एनएओ रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, वहां भेजे गए प्रत्येक व्यक्ति के लिए £150,000 तक का भुगतान किया जाएगा।
- इन आंकड़ों में स्वेच्छा से रवांडा जाने का विकल्प चुनने वाले किसी भी व्यक्ति को किए गए भुगतान की लागत शामिल नहीं होगी।
- पहले जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी तीसरे देश में ले जाने पर ब्रिटेन में रखने की तुलना में £63,000 अधिक खर्च होंगे ।
- प्रधान मंत्री ने पहले दावा किया था कि रवांडा योजना “वास्तव में लंबे समय में हमें अरबों की बचत कराएगी”, लेकिन आंकड़ों की व्याख्या नहीं की।
- यूके की शरण प्रणाली पर प्रति वर्ष लगभग £4 बिलियन का खर्च आता है , जिसमें होटल आवास पर प्रति दिन लगभग £8 मिलियन भी शामिल है ।
- अक्टूबर 2023 में सांसदों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शरण दावों को कुशलतापूर्वक संसाधित करने में विफलता के कारण “करदाता को अस्वीकार्य लागत का सामना करना पड़ा”।
मानव अधिकार संगठनों ने ब्रिटेन पर सवाल उठाए –
- यूरोप की मानवाधिकार संगठनों ने ऋषि सुनक के रवांडा बिल (Rwanda Bill) की आलोचना की है। उनके मुताबिक ये बिल ‘राइट टू लिव’ यानी रहने के अधिकार के खिलाफ है। अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने सरकार पर कोर्ट का आदेश का पालन न करने के आरोप लगाए हैं।
- मानव अधिकार संगठनों का कहना है कि बिल अमीर और गरीब में फर्क करता है। बिल लोगों के बीच भेदभाव बढाएगा। इससे अवैध शरणार्थियों पर सरकार जुर्म करेगी।
- एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल फ्रांस और ब्रिटेन के बीच बने इंग्लिश चैनल को पार कर ब्रिटेन पहुंचने वालों की संख्या 4600 से अधिक है।
बिल से ऋषि सुनक को फायदा होगा –
- ब्रिटेन इन दिनों आर्थिक संकट और अवैध शरणार्थियों से जुझ रहा है। ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी देश में बेरोजगारी और मंहगाई को अवैध शरणार्थियों से जोड़ती है।
- Rwanda Bill पास होने से ब्रिटेन में 2025 में होने वाले प्रधानमंत्री के चुनाव में ऋषि सुनक को फायदा हो सकता है।
- 2019 में ब्रिटेन में हुई प्रधानमंत्री के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी ने रवांडा बिल (Rwanda Bill) का वादा किया था और ऋषि सुनक इसी पार्टी से आते हैं। हालांकि, जून 2022 में रवांडाबिल को यूरोपीयन युनियन की कोर्ट ने गैरकानूनी बताया था।
- बाद में यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के बाद मामला वहां की सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
- ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने भी यूरोपीयन यूनियन के फैसले को बरकरार रखा था। लेकिन, अब बिल को संसद से पास होते ही कानून बन गया है।
MCQ’s
Q. इनमें से कौन सा शहर रवांडा की राजधानी है?
(a) डोडोमा
(b) लोमे
(c) विक्टोरिया
(d) किगाली
उत्तर: – (d) किगाली
Q. रवांडा श्रृंखला में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन है?
(a) माउंट करिसिंबी
(b) माउंट गहिंगा
(c) माउंट बिसाक
(d) माउंट मुबुरुरा
उत्तर: – (c) माउंट बिसाक
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