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ASMITA PROJECT: 22 भाषाओं में तैयार होगी 22,000 किताबें

ASMITA PROJECT भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के द्वारा किया गया एक सराहनीय प्रयास है।

ASMITA PROJECT क्यों चर्चा में हैं:

  • ASMITA का अर्थ अनुवाद और अकादमिक लेखन के माध्यम से भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री का संवर्धन है।
  • इस परियोजना का शुभारंभ 16 जुलाई को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) के द्वारा शुरू किया गया है।
  • इस परियोजना का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 22,000 पुस्तकें भारतीय भाषाओं में तैयार करना है।

क्या है ASMITA PROJECT:

  • यह परियोजना भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने हेतु मंत्रालय यूजीसी और भारतीय भाषा समिति का एक प्रमुख पहल और सराहनीय प्रयास है।
  • ASMITA PROJECT के तहत 5 वर्षों में 1000 पुस्तकें 22 अलग–अलग भाषाओं में तैयार होंगी। जिसके फलस्वरूप कुल 22,000 पुस्तकें प्रकाशित होंगी।
  • ASMITA PROJECT का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से सदस्य विद्यालयों के साथ 13 नोडल विद्यालयों की पहचान की गई है।
  • यूजीसी ने प्रत्येक निर्दिष्ट भाषा (specified language) में पुस्तक लेखन प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी बनाई है ।
  • Standard Operating Procedure (SOP) में नोडल अधिकारियों, लेखकों की पहचान, शीर्षक, विषय और कार्यक्रम का आवंटन, लेखन और संपादन, समीक्षा और साहित्यिक चोरी की जांच, अंतिम रूप देना, प्रूफरीडिंग और ई-प्रकाशन शामिल हैं।

ASMITA PROJECT के साथ शुरू हुई पहल:

  • ASMITA के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने बहुभाषा शब्दकोष भी शुरू किया जो सभी भारतीय भाषाओं और उनके अर्थों के लिए एकल बिंदु संदर्भ है।
  • यह पहल भारतीय भाषा समिति के सहयोग से केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान(CIIL) के द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह शब्दकोष विभिन्न क्षेत्रों आईटी, उद्योग, शिक्षा जैसे कई प्रकार के भारतीय शब्दों और वाक्यों का उपयोग करने में मदद करेगा।

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:

असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी।

UGC क्या है:

यूजीसी की स्थापना 28 दिसंबर 1953 को तत्कालीन शिक्षा, प्राकृतिक संसाधन और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री स्वर्गीय श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा किया गयाभारत का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग केन्द्र सरकार का एक आयोग है जो विश्वविद्यालयों को मान्यता देता है। यही आयोग सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान भी प्रदान करता है।

  • इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है और इसके छः क्षेत्रीय कार्यालय पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलुरु में हैं।
  • University Grants Commission (UGC) का मुख्य कार्य विश्वविद्यालयों को धन उपलब्ध कराना और उच्च शिक्षा संस्थानों में नैतिकता का समन्वय, निर्धारण और रखरखाव करना है।
  • केंद्र और राज्य सरकारों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संबंध बनाए रखना।
  • विश्वविद्यालय शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों को अनिवार्य प्रक्रियाओं का सुझाव देना।
  • विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देना और समन्वय को बनाए रखना।
  • यूजीसी शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर नियम बनाता है।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा के क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जांच करना भी UGC के कार्य क्षेत्र में ही आता है।

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