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हिरोशिमा दिवस 2024

हिरोशिमा दिवस 2024 (Hiroshima Day 2024):

  • हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) प्रतिवर्ष 6 अगस्त (6 August) को मनाया जाता है।
  • इस दिवस को पहली बार (first time) 6 अगस्त 1947 को मनाया गया था
  • 2024 में, हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) की 79वीं वर्षगांठ (anniversary) होगी।
  • यह दिन हिरोशिमा (जापान) मे परमाणु बम द्वारा मारे गए लोगों की याद और उनके सम्मान (remember and honor) के लिए मनाया जाता है।

हिरोशिमा दिवस क्या है (What is Hiroshima Day)?

  • 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) द्वारा जापान के हिरोशिमा (Hiroshima in Japan) शहर पर गिराए गए परमाणु बम (atomic bomb) की याद में मनाया जाता है, जिससे लाखों लोगों की जान गई थी और शहर को भारी नुकसान हुआ था।
  • इस विशाल परमाणु विस्फोट में हजारों लोग मारे गए और शहर का 90% हिस्सा नष्ट हो गया। 70,000 से 126,000 नागरिक और लगभग 20,000 सैन्यकर्मी मारे गए थे।
  • यह पहली बार था, जब परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था।
  • इस दिन का उद्देश्य purpose) परमाणु हथियारों (nuclear weapons) के दुष्प्रभावों को याद करना और वैश्विक शांति और निरस्त्रीकरण (global peace and disarmament) के संदेश को फैलाना है।

महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts)

  • 6 अगस्त, 1945 को सोमवार सुबह करीब 8:15 बजे, हिरोशिमा (Hiroshima) पर परमाणु बम (atomic bomb) गिराया गया।
  • बम का नाम (name of the bomb): “लिटिल बॉय” (Little Boy) था।
  • इसके तीन दिन बाद 9 अगस्त 1945 को जापान के नागासाकी में अमेरिका के द्वारा दूसरा परमाणु बम -“फैट मैन” (“Fat Man) गिराया गया था ।
  • विमान (plane): अमेरिकी विमान, बोइंग बी-29 सुपरफोर्ट्रेस “एनोल गेय” (Enola Gay) , द्वारा ‘लिटिल बॉय’ नामक परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराया था।
  • अमेरिका की चेतावनी (US warning): संयुक्त राज्य अमेरिका ने महीनों तक इस संभावित हवाई हमलों के बारे में जापानी नागरिकों को चेतावनी दी थी और पूरे जापान में 63 मिलियन से अधिक पर्चे गिराए थे। लेकिन, हिरोशिमा पर बम गिराने से पहले परमाणु बम के बारे में कोई चेतावनी नहीं दी गई थी।
  • बम का लक्ष्य ( target of the bomb): बम को ऐओई पुल (Aoi Bridge) पर गिराया जाना था लेकिन क्रॉसविंड (lateral air) के कारण यह लक्ष्य से चूक गया और इसके बजाय सीधे शिमा सर्जिकल क्लिनिक के ऊपर फट गया।
  • तत्काल प्रभाव (Immediate effects): विस्फोट से लगभग 80,000 लोग तत्काल मारे गए और 35,000 से अधिक लोग घायल हुए।
  • विनाश (Destruction): हिरोशिमा में लगभग 90,000 इमारतों में से केवल 28,000 ही विस्फोट के बाद बचीं।
  • बम की शक्ति (Power of the bomb): ‘लिटिल बॉय’ ने 16 ± 2 किलोटन टीएनटी (TNT) के बराबर ऊर्जा उत्पन्न की। यह बम केवल 1.7 प्रतिशत फिशन सामग्री (fission material) का उपयोग कर पाया, जो इसे कम प्रभावी बनाता है।
  • विनाश का क्षेत्र (Area of ​​destruction): बम का कुल विनाश का क्षेत्र लगभग 1.6 किलोमीटर था, जबकि आग ने लगभग 11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को घेर लिया।

नागासाकी दिवस (Nagasaki Day)

नागासाकी दिवस (Nagasaki Day) 9 अगस्त (August) को मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों की याद में समर्पित है जो 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के नागासाकी शहर पर गिराए गए दूसरे परमाणु बम (second atomic bomb)- “फैट मैन” (“Fat Man) के हमले में मारे गए थे।

  • इस बम विस्फोट से तुरंत लगभग 40,000 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल (injured) हुए थे।
  • नागासाकी दिवस का उद्देश्य (purpose): परमाणु हमले की त्रासदी को याद करना और विश्व शांति और निरस्त्रीकरण के लिए जागरूकता फैलाना है।

नागासाकी दिवस का इतिहास (History of Nagasaki Day):

अगस्त 9, 1945: सुबह 11:02 बजे, अमेरिका ने नागासाकी पर “फैट मैन” नामक प्लूटोनियम परमाणु बम (plutonium atomic bomb) गिराया।

  • हमले का प्रभाव (Effect of the attack): इस बम विस्फोट से लगभग 40,000 लोग तुरंत मारे गए, और इसके बाद कई और लोग विकिरण और चोटों के कारण मारे गए।
  • युद्ध का अंत (End of the War): नागासाकी पर बमबारी के तीन दिन बाद, जापान ने 15 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ।
  • यादगार और शांति (Remembrance and Peace): हर साल नागासाकी में इस दिन को शांति प्रार्थना और यादगार कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

हिरोशिमा दिवस क्यों मनाया जाता है (Why is Hiroshima Day celebrated)?

  • शांति और अहिंसा का संदेश (Message of peace and non-violence): इस दिन का मुख्य उद्देश्य (objective) लोगों में शांति और अहिंसा (peace and non-violence) का संदेश फैलाना है। हिरोशिमा और नागासाकी की त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि परमाणु हथियारों (nuclear weapons) का इस्तेमाल मानवता (humanity) के लिए कितना विनाशकारी (devastating) हो सकता है।
  • युद्ध के विनाश का स्मरण (Remembrance of the destruction of war): Hiroshima Day हमें याद दिलाता है कि युद्ध और हिंसा से कितना विनाश हो सकता है। यह दिन हमें उन निर्दोष लोगों (innocent people) की याद दिलाता है जो इस विनाश में मारे गए थे या घायल हुए थे।
  • परमाणु निरस्त्रीकरण का समर्थन (Support to nuclear disarmament): यह दिन परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण (disarmament) के बारे मे सोचने और उस पर नियंत्रित करने का अवसर भी प्रदान करता है। विश्व समुदाय (world community) को परमाणु हथियारों के खतरे को समझने और उन्हें समाप्त करने की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
  • मानवाधिकार और मानवीय मूल्यों की सुरक्षा (Protection of Human Rights and Human Values): हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि सभी मनुष्यों को सुरक्षित, सम्मानजनक और शांतिपूर्ण जीवन का अधिकार है।
  • भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षित करना (Educating future generations): यह दिन शिक्षण और जागरूकता का अवसर भी है, विशेषकर नई पीढ़ियों के लिए।

द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की भूमिका (Role of Japan in World War II) :

युद्ध की शुरुआत (Beginning of the war)-1937

जापान ने 1937 में चीन (China) के खिलाफ युद्ध छेड़ा, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से पहले का एक प्रमुख संघर्ष माना जाता है। इस युद्ध को “सात वर्ष का युद्ध” (Seven Years’ War) या “चीनी जापानी युद्ध” (Chinese Japanese War) के नाम से जाना जाता है।

अक्ष राष्ट्र में शामिल होना (Joining the Axis Nations)- 1940: जापान (Japan), जर्मनी (Germany) और इटली (Italy) के साथ मिलकर “अक्ष राष्ट्र” (Axis Nations) के गठबंधन (alliance) में शामिल हुआ। ये तीनों देश द्वितीय विश्व युद्ध में मुख्य आक्रमणकारी शक्तियाँ (aggressor powers) थीं।

पर्ल हार्बर पर हमला (Attack on Pearl Harbor)- 1941: 7 दिसंबर 1941 को, जापान (Japan) ने अमेरिका के पर्ल हार्बर (हवाई) (Pearl Harbor (Hawaii)) पर हमला किया। इस हमले ने अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) में शामिल कर दिया और एक प्रमुख मोर्चा खोला।

एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आक्रमण (Invasions in Asia and the Pacific): जापान ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र (Asia and the Pacific) के कई हिस्सों पर आक्रमण किया, जिनमें फिलीपीन्स (Philippines), मलेशिया (Malaysia), इंडोनेशिया (Indonesia) और बर्मा (अब म्यांमार / Myanmar) शामिल थे। जापान ने इस क्षेत्र में एक विशाल साम्राज्य स्थापित करने का प्रयास किया।

युद्ध की दिशा बदलना (Changing the course of the war)- 1942-1943: अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों की ताकतवर प्रतिक्रिया और कई निर्णायक लड़ाइयों के बाद, जैसे कि मिडवे की लड़ाई -1942 (Battle of Midway 1942), जापान की आक्रमणकारी नीति पर अंकुश लगना शुरू हुआ।

नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम (Atomic bombs on Nagasaki and Hiroshima)- 1945 : 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने हिरोशिमा और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम गिराए। इन हमलों से दोनों शहरों में व्यापक तबाही हुई और लाखों लोग मारे गए या घायल हुए। इन हमलों ने जापान को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया।

आत्मसमर्पण (Surrender)- 1945: 15 अगस्त 1945 को जापान ने आधिकारिक रूप से आत्मसमर्पण (surrendered) कर दिया। इसका परिणामस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया। 2 सितंबर 1945 को आधिकारिक शांति संधि (peace treaty) पर हस्ताक्षर किए गए।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण (Nuclear Disarmament after World War II):

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण (Nuclear disarmament) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया। हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने के विनाशकारी परिणामों ने पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि परमाणु हथियारों का नियंत्रण (control of nuclear weapons) और उनका निरस्त्रीकरण (disarmament) कितना जरूरी है।

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका (Role of the United Nations): 1945 में संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना के बाद, परमाणु निरस्त्रीकरण (nuclear disarmament) को प्राथमिकता दी गई। UN ने परमाणु हथियारों को नियंत्रित करने और उन्हें समाप्त करने के प्रयासों का नेतृत्व किया।

Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT): 1968 में, परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना,

  • परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करना था।
  • यह संधि 1970 में लागू हुई और अधिकांश देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए।

Strategic Arms Limitation Talks (SALT): 1970 के दशक में, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ (United States and the Soviet Union) ने परमाणु हथियारों की सीमित संख्या पर बातचीत शुरू की।

SALT I और SALT II समझौते परमाणु हथियारों की संख्या को नियंत्रित करने के महत्वपूर्ण प्रयास थे।

Nuclear Test Ban Treaty (CTBT) : 1996 में, व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (Nuclear Test Ban Treaty- CTBT) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाना था। हालांकि, यह संधि अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है, क्योंकि कुछ प्रमुख देशों ने इसे अभी तक अनुमोदित (ratified) नहीं किया है।

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