शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल सुरक्षा और सुरक्षा दिशानिर्देश-2021 को लागू करने का निर्देश जारी किया है। ये दिशानिर्देश मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत तैयार किए गए हैं।
सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय की प्रतिबद्धता (POCSO):
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस पहल की है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने ‘स्कूल सुरक्षा और संरक्षा के बारे में दिशानिर्देश-2021’ विकसित किए हैं, जो बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO) दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य सरकारी, गैर सरकारी सहायता प्राप्त, और निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी को स्पष्ट करना है।
दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएँ और उद्देश्यों की जानकारी:
- दिशानिर्देशों की जानकारी और लागूकरण –
- ये दिशानिर्देश 10.2021 को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, और संबंधित मंत्रालयों को भेजे गए थे।
- सलाहकार स्वरूप में प्रस्तुत इन दिशानिर्देशों में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए विभिन्न हितधारकों की जिम्मेदारी का विवरण प्रदान किया गया है।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन दिशानिर्देशों को अपनी विशिष्ट जरूरतों के अनुसार संशोधित या परिवर्धित करने की अनुमति दी गई है।
- दिशानिर्देशों की विस्तृत जानकारी डीओएसईएल की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- मुख्य उद्देश्य
- सुरक्षित स्कूली माहौल की स्थापना: छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों के बीच सुरक्षित और संरक्षित स्कूली माहौल के निर्माण की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाना।
- विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता: भौतिक, सामाजिक-भावनात्मक, संज्ञानात्मक, और प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित सुरक्षा और संरक्षा के पहलुओं पर पूर्व में उपलब्ध अधिनियमों, नीतियों, प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी प्रदान करना।
- हितधारकों को सशक्त बनाना: दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन में विभिन्न हितधारकों की भूमिका को स्पष्ट करना।
- सुरक्षा और संरक्षा में जिम्मेदारी: बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निजी/गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल प्रबंधन और सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और शिक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी तय करना।
‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’: स्कूलों में सुरक्षा और संरक्षा के मामलों में किसी भी लापरवाही के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर जोर देना।
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