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अल्टरमैग्नेटिज़्म (Altermagnetism) | UPSC Preparation

Altermagnetism

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संदर्भ

वैज्ञानिकों ने चुंबकत्व की एक नई श्रेणी की पुष्टि की, जिसे अल्टरमैग्नेटिज़्म (Altermagnetism) कहा गया। यह खोज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस खोज को म्यूनिख तकनीकी विश्वविद्यालय और प्राग विज्ञान संस्थान के संयुक्त अनुसंधान में किया गया और 2024 में इसे प्रयोगात्मक रूप से प्रमाणित किया गया।

अल्टरमैग्नेटिज़्म क्या है?

  • अल्टरमैग्नेटिज़्म चुंबकत्व का ऐसा रूप है जिसमें परमाणुओं के स्पिन (spin) विपरीत दिशाओं में होते हैं, लेकिन उनकी व्यवस्था सरल विपरीतता के बजाय दर्पण या घूर्णन सममिति (mirror or rotational symmetry) पर आधारित होती है।
  • इसमें बाहरी चुंबकीय क्षेत्र नहीं बनता, फिर भी इलेक्ट्रॉनिक स्तर पर यह बहुत सक्रिय रहता है।
  • 2019 में इस अवधारणा की सैद्धांतिक पहचान की गई थी, और 2024 में इसे मैंगनीज़ टेल्यूराइड (MnTe) नामक यौगिक में प्रयोगात्मक रूप से प्रमाणित किया गया।

मुख्य विशेषताएँ

  • शून्य बाहरी चुंबकत्व (Zero External Magnetism): अल्टरमैग्नेटिक पदार्थों में बाहरी चुंबकीय क्षेत्र नहीं बनता। इसका कारण यह है कि विपरीत स्पिन वाले परमाणु एक-दूसरे के प्रभाव को संतुलित कर देते हैं।
  • आंतरिक स्पिन असमानता (Internal Spin Asymmetry): हालाँकि बाहरी चुंबकत्व शून्य होता है, परंतु इलेक्ट्रॉनों के ऊर्जा स्तर स्पिन दिशा के अनुसार भिन्न होते हैं। यह गुण इसे पारंपरिक चुंबकीय पदार्थों से अलग बनाता है।
  • तेज़ प्रतिक्रिया (Ultrafast Response): यह चुंबकत्व टेराहर्ट्ज़ (THz) आवृत्तियों पर कार्य कर सकता है, जो सामान्य फेरोमैग्नेटिक उपकरणों से लगभग 1000 गुना तेज़ है।
  • स्थिरता (High Stability): अल्टरमैग्नेटिक पदार्थ तापमान और बाहरी दबाव के बावजूद अपने चुंबकीय क्रम को स्थिर बनाए रखते हैं।
  • क्रिस्टल आधारित संरचना (Crystal-Based Symmetry): इस प्रकार का चुंबकत्व परमाणु संरचना की सममिति से उत्पन्न होता है, न कि किसी बाहरी संरेखण से।

वैज्ञानिक महत्त्व

  • अल्टरमैग्नेटिज़्म विज्ञान में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। यह इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा स्तरों की असमानता और भविष्य की इलेक्ट्रॉनिक तकनीकों, जैसे स्पिन्ट्रॉनिक्स (Spintronics) और क्वांटम कंप्यूटिंग, के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकती है।
  • यह तकनीक इलेक्ट्रॉन के स्पिन का उपयोग करके डेटा संग्रहण और प्रोसेसिंग करने में सक्षम है, जिससे भविष्य में ऊर्जा खपत कम होगी।
  • क्वांटम बिट्स (qubits) को चुंबकीय शोर से बचाने के लिए अल्टरमैग्नेटिक पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है, जिससे गणनाएँ अधिक स्थिर रहेंगी।
  • इस चुंबकत्व के टेराहर्ट्ज़ स्तर की गति के कारण भविष्य के प्रोसेसर और लॉजिक डिवाइस अत्यधिक तेज़ बन सकेंगे।

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