Apni Pathshala

अमेरिका का नया छात्र वीज़ा प्रस्ताव (America New Student Visa Proposal) | UPSC Preparation

America New Student Visa Proposal

सामान्य अध्ययन पेपर II: भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में अमेरिका ने स्टूडेंट वीज़ा अपॉइंटमेंट्स अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। यह फैसला सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की कड़ी जांच की तैयारी के तहत लिया गया है। ट्रंप प्रशासन आवेदकों की डिजिटल गतिविधियों के विश्लेषण हेतु नई नीति पर कार्य कर रहा है।

(America New Student Visa Proposal) अमेरिका का नया छात्र वीज़ा प्रस्ताव
  • अमेरिका ने विदेशी छात्रों के छात्र वीज़ा इंटरव्यू अपॉइंटमेंट्स पर अस्थायी रोक लगाकर एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है।
  • अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार सभी छात्र वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच की योजना बनाई जा रही है। 
    • इसमें किसी भी प्रकार की विवादास्पद पोस्ट या गतिविधि वीज़ा प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
  • यह नीति पहले से लागू DS-160 वीज़ा फॉर्म की उस शर्त का विस्तार होगी जिसमें आवेदकों से सोशल मीडिया पहचान (Identifiers) मांगी जाती है।
  • यह प्रस्तावित जांच प्रक्रिया आतंकवाद को रोकने और यहूदी विरोधी विचारों के विरुद्ध अमेरिका की नीति को मज़बूती देने के उद्देश्य से की जा रही है।
  • इस प्रक्रिया को केंद्रीय स्तर पर विस्तारित किया जा सकता है, जहां डिजिटल गतिविधियां, राजनीतिक विचारधारा, और विदेशी मामलों पर व्यक्तिगत राय भी जांच के दायरे में आ सकती है। 

अमेरिका का विदेशी छात्रों के लिए स्टूडेंट वीज़ा

    • उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए लंबे समय से एक लोकप्रिय विकल्प रहा है।
    • अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए छात्रों को वैध छात्र वीज़ा प्राप्त करना अनिवार्य होता है।
    • अमेरिका तीन प्रकार के प्रमुख छात्र वीज़ा प्रदान करता है,  जिनकी अपनी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। 
    • वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया अमेरिकी विदेश विभाग (Department of State) द्वारा संचालित की जाती है।
    • जबकि अमेरिका में छात्रों के प्रवेश और ठहराव की निगरानी का जिम्मा Department of Homeland Security (DHS) निभाता है।
    • SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) छात्रों की शैक्षणिक स्थिति पर निरंतर नजर रखता है।
    • प्रकार:
  • F-1 वीज़ा उन छात्रों के लिए होता है जो पूर्णकालिक डिग्री कोर्स के लिए अमेरिका जाते हैं। F-1 वीज़ा के तहत छात्रों को Form I-20 दिया जाता है, जो उनकी वैध शैक्षणिक स्थिति का प्रमाण होता है।
  • J-1 वीज़ा का उद्देश्य शैक्षणिक और संस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भागीदारी को बढ़ावा देना होता है। इस वीज़ा के लिए संस्थानों को विदेश विभाग से अधिकृत होना अनिवार्य है और छात्रों को Form DS-2019 प्राप्त होता है।
  • M-1 वीज़ा तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने वालों के लिए उपयुक्त है। M-1 वीज़ा की प्रक्रिया F-1 जैसी ही होती है, लेकिन इसका फोकस व्यावसायिक दक्षता और प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पर होता है।
  • आवेदन प्रक्रिया:
      • SEVP स्वीकृत संस्थान में प्रवेश पाना।
      • SEVIS में पंजीकरण और शुल्क भुगतान।
      • Form DS-160 ऑनलाइन आवेदन भरना।
      • एक हालिया पासपोर्ट-आकार फोटो अपलोड करना
      • वीज़ा साक्षात्कार के लिए अपॉइंटमेंट लेना।
      • दूतावास में साक्षात्कार देना और सभी आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करना।
  • वैधता
    • नए विद्यार्थियों को 365 दिन पूर्व तक वीज़ा जारी किया जा सकता है, लेकिन वे अमेरिका में अपनी कक्षाओं के आरंभ से अधिकतम 30 दिन पहले ही प्रवेश पा सकते हैं। 
    • पहले से नामांकित विद्यार्थी किसी भी समय अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं, बशर्ते वे SEVIS में सक्रिय हों।
    • किसी भी शैक्षिक उद्देश्य से अमेरिका में पर्यटक वीज़ा (B वीज़ा) पर प्रवेश करना अवैध माना जाता है, सिवाय अवकाशीय पाठ्यक्रम में भाग लेना, जो डिग्री या प्रमाणपत्र के लिए न हो।

अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों की रुचि

  • हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों में अमेरिका को शिक्षा गंतव्य के रूप में अपनाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। 
  • अमेरिका के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों को इतिहास में सबसे अधिक वीज़ा जारी किए गए हैं।
  • वर्ष 2022 और 2023 में जितने छात्र वीज़ा भारत से जारी हुए, वे 2018, 2019 और 2020 के संयुक्त आंकड़ों से भी अधिक रहे।
  • साल 2022 में 1,15,115 और 2023 में 1,30,730 भारतीय छात्रों को छात्र वीज़ा मिला, जो शिक्षा के प्रति भारतीय युवाओं के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
  • 2024 में वीज़ा संख्या घटकर 86,110 हो गई, लेकिन इसके बावजूद भारत ने अमेरिका से सबसे अधिक छात्र वीज़ा प्राप्त करने वाला देश बना रहना जारी रखा। 
    • चीन लगभग 82,000 वीज़ा के साथ दूसरे स्थान पर है। 
  • 2024 में विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि कुल 13,35,878 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 4,27,000 कनाडा में और 3,37,630 अमेरिका में हैं। 
  • भारत और अमेरिका के बीच शैक्षणिक सहयोग मजबूत हो रहा है। गुणवत्ता शिक्षा, वैश्विक नेटवर्क और रोजगार के अवसरों के कारण अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 
    • 2023-24 में अमेरिका पहुंचे 3,31,602 भारतीय छात्रों में से 42.9% ने गणित और कंप्यूटर विज्ञान को चुना।
    • 1,96,567 छात्रों ने ग्रेजुएट स्तर पर दाखिला लिया।
    • 36,053 छात्रों ने अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों में प्रवेश लिया। 

भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका कैसे बना शीर्ष शैक्षणिक गंतव्य?

  • संस्थागत विविधता: अमेरिका में 4,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थान उपलब्ध हैं, जिनमें से अधिकांश चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हैं। यह विविधता भारतीय छात्रों को अपनी पसंद, क्षमता और रुचियों के अनुसार कोर्स और संस्थान चुनने की स्वतंत्रता देती है।
  • तकनीकी, व्यवसायिक, चिकित्सा, और कला जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय शिक्षा मिलने के कारण अमेरिका एक आकर्षक विकल्प बन गया है।
  • भाषाई योग्यता: कई अमेरिकी संस्थान IELTS जैसे परीक्षा परिणामों की अनिवार्यता नहीं रखते, फिर भी अंग्रेज़ी भाषा में दक्षता प्रमाणित करना आवश्यक होता है। इससे उन छात्रों के लिए राह थोड़ी आसान होती है जो प्रतिभाशाली हैं लेकिन महंगे टेस्ट की बाधा के कारण विदेश नहीं जा पाते थे।
  • अमेरिकी विश्वविद्यालयों का सक्रिय प्रचार: अमेरिकी अधिकारियों ने भारत में कई शैक्षणिक मेलों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया है, जिनके माध्यम से छात्रों को अमेरिका की शिक्षा प्रणाली, छात्र वीज़ा प्रक्रिया, और संभावित करियर विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई। यह रणनीति सीधे छात्रों के मन में विश्वास और रुचि उत्पन्न करने में सफल रही है।
  • अन्य देशों की सख्त नीति: कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन द्वारा हाल के वर्षों में अपनी छात्र वीज़ा नीतियाँ कठोर बनाने से कई छात्र इन देशों की ओर से हटकर अमेरिका की ओर आकर्षित हुए हैं। 
  • 2024 में कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर सीमा तय कर दी, जिससे प्रवेश प्रक्रिया और कठिन हो गई। 
  • भुगतान में लचीलापन: अमेरिका में किफायती आवास विकल्प, कनाडा की तुलना में अपेक्षाकृत अनुकूल मौसम, और फीस भुगतान की लचीली व्यवस्थाएं, जैसे कि संस्थान में शामिल होने के समय ही शुल्क चुकाने की सुविधा, छात्रों के लिए अमेरिका को और भी आकर्षक बनाते हैं। इससे मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों के लिए विदेश में पढ़ाई एक वास्तविक संभावना बनती है।

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top