Apache combat helicopter
संदर्भ:
भारतीय सेना को अमेरिका से दुनिया के सबसे उन्नत माने जाने वाले अपाचे AH-64E गार्डियन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त हो गई है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर एंटोनोव ट्रांसपोर्ट विमान के ज़रिए लाया गया।
(Apache combat helicopter) अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर: अत्याधुनिक सैन्य शक्ति:
परिचय:
- अपाचे हेलीकॉप्टर को अमेरिका की रक्षा कंपनी बोइंग ने विकसित किया है।
- इसका नवीनतम संस्करण AH-64E Apache Guardian है, जिसे दुनिया का सबसे आधुनिक मल्टी–कॉम्बैट हेलीकॉप्टर माना जाता है।
- यह हेलीकॉप्टर संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।
मुख्य विशेषताएँ:
- अधिकतम रफ्तार: 280 किमी/घंटा
- अधिकतम ऊँचाई: 21,000 फीट
- AGM-114 हेलफायर मिसाइलें (16): भारी बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम।
- स्ट्रिंगर मिसाइलें: हवा से आने वाले खतरों को निष्क्रिय करने के लिए।
- हाइड्रा–70 अनगाइडेड मिसाइलें: जमीनी लक्ष्यों पर हमले के लिए।
- 30 मिमी ऑटो–कैनन गन: एक बार में 1,200 राउंड फायर कर सकती है।
- निशाने की क्षमता: एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर सटीक हमला।
- हाई–क्वालिटी नाइट विजन सिस्टम: अंधेरे में भी दुश्मन की पहचान और ट्रैकिंग में सक्षम।
- हर मौसम में ऑपरेशन: चाहे बारिश, धूल, कोहरा या अंधकार हो, मिशन में सक्षम।
- प्रयोग के क्षेत्र: हमला, सुरक्षा, निगरानी (टोह), और शांति अभियान।
स्टील्थ, सर्वाइवल और स्ट्राइक: अपाचे हेलीकॉप्टर से भारत की हवाई शक्ति और मजबूत
स्टील्थ और सर्वाइवल क्षमता:
- अपाचे हेलीकॉप्टर सेमी–स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस है, जो इसे दुश्मन के रडार से छिपने में मदद करती है।
- इसकी कम ऊँचाई पर उड़ने की क्षमता इसे आसानी से रडार से बचाकर मिशन को अंजाम देने योग्य बनाती है।
- लॉन्गबो रडार सिस्टम इसमें लगा होता है, जो:
- धूल, धुंध, कोहरा और बारिश जैसी परिस्थितियों में भी काम करता है।
- दुश्मन की गतिविधियों और स्ट्राइकिंग पॉइंट्स की पहचान में सक्षम होता है।
- यह तकनीक युद्धक्षेत्र में हेलीकॉप्टर की Survivability (जीवित रहने की क्षमता) को कई गुना बढ़ा देती है।
भारत–अमेरिका रक्षा सौदा और डिलीवरी में देरी:
- सौदा वर्ष: 2020
- समझौता हुआ: तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान
- कुल हेलीकॉप्टर: 6 अपाचे AH-64E
- अनुमानित लागत: लगभग 600 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,691 करोड़)
- प्रारंभिक डिलीवरी अनुमान: मई-जून 2024
- डिलीवरी में देरी के कारण:
- वैश्विक सप्लाई चेन में बाधा
- भू–राजनीतिक तनाव (जैसे यूक्रेन युद्ध, चीन-अमेरिका व्यापार संघर्ष)
- अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक संकट
भारतीय वायुसेना में अपाचे की तैनाती:
- वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 2 अपाचे स्क्वाड्रन हैं:
- पठानकोट (पंजाब)
- जोरहाट (असम)
- नए अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने के बाद इनका इस्तेमाल भारतीय सेना के आर्मी एविएशन कोर के लिए किया जाएगा, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी साबित होंगे।
अपाचे हेलीकॉप्टर रखने वाले प्रमुख देश: अमेरिका, भारत, मिस्र, ग्रीस, इंडोनेशिया, इजराइल, जापान, दक्षिण कोरिया, कुवैत, नीदरलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), यूनाइटेड किंगडम (UK)
निष्कर्ष: अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती से भारतीय सेना को न केवल आधुनिक युद्ध क्षमताएं मिली हैं, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक बढ़त भी हासिल हुई है। यह भारत की हवाई शक्ति को और अधिक घातक, सटीक और भरोसेमंद बनाता है।
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