Banswara Nuclear Power Plant
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रस्तावित 2800 मेगावाट परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखने वाले हैं। यह परियोजना NTPC लिमिटेड और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के संयुक्त सहयोग से स्थापित की जाएगी।
2036 तक पूरी तरह ऑपरेशनल होगा माही न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट:
- इस परियोजना की पहली यूनिट से बिजली उत्पादन वर्ष 2032 में शुरू होगा, जबकि दूसरी यूनिट 6 माह बाद, तीसरी 11 माह बाद और चौथी यूनिट उसके बाद स्थापित की जाएगी।
- इस क्रम में परियोजना की सभी चारों यूनिटें वर्ष 2036 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएंगी।
कुल क्षमता 2800 मेगावाट:
- बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट की कुल उत्पादन क्षमता 2800 मेगावाट होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब ₹45,000 करोड़ आँकी गई है। इसका निर्माण लगभग 623 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा।
- परियोजना से रोजगार सृजन की दृष्टि से भी बड़ी उम्मीदें हैं। अनुमान है कि इसके चलते करीब 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 20,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
राजस्थान का पहला परमाणु ऊर्जा केंद्र – रावतभाटा परमाणु ऊर्जा स्टेशन:
- राजस्थान का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र रावतभाटा (चित्तौड़गढ़ जिला) में स्थित है, जिसे प्रायः ‘परमाणु नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह संयंत्र 1965 में कनाडा के सहयोग से स्थापित किया गया था और इसे Rajasthan Atomic Power Station या Rajasthan Atomic Power Project कहा जाता है।
- वर्तमान में रावतभाटा में 6 यूनिटें संचालित हो रही हैं, जिनसे लगभग 1180 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके अतिरिक्त यहाँ यूनिट-7 और यूनिट-8 का भी निर्माण किया गया है। इन दोनों से कुल 1400 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता जुड़ जाएगी।
भारत में परिचालित परमाणु ऊर्जा संयंत्र:
भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम लगातार विस्तार कर रहा है और स्वच्छ ऊर्जा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अप्रैल 2025 तक देश में:
- 25 परिचालित रिएक्टर
- 8 परमाणु ऊर्जा केंद्रों में स्थापित
- कुल 8,880 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ कार्यरत हैं।
इन सभी नागरिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का स्वामित्व और संचालन न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा किया जाता है।
प्रमुख परमाणु ऊर्जा केंद्र:
- तारापुर परमाणु ऊर्जा केंद्र (महाराष्ट्र): भारत का पहला वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा संयंत्र।
- कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा केंद्र (तमिलनाडु): देश का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र।
- राजस्थान परमाणु ऊर्जा केंद्र (रावतभाटा, राजस्थान)
- कैगा जनरेटिंग स्टेशन (कर्नाटक)
- काकरापार परमाणु ऊर्जा केंद्र (गुजरात)
- मद्रास परमाणु ऊर्जा केंद्र (कलपक्कम, तमिलनाडु)
- नरोरा परमाणु ऊर्जा केंद्र (उत्तर प्रदेश)
- गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना (हरियाणा): निर्माणाधीन।
भविष्य की योजनाएँ: भारत में वर्तमान में 11 और रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। इनके चालू होने से आने वाले वर्षों में देश की परमाणु बिजली उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता:
वर्तमान में भारत की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 8,880 मेगावाट है। इसके अतिरिक्त लगभग 6,600 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है और करीब 8,000 मेगावाट क्षमता योजना के चरण में है। इन सबको मिलाकर आने वाले वर्षों में भारत की परमाणु बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 23,480 मेगावाट तक पहुँचने की उम्मीद है।
हालाँकि यह प्रगति निरंतर है, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बड़ी हैं। वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट (1,00,000 मेगावाट) परमाणु क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को अभी लगभग 76,520 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता जोड़नी होगी।