Baratang mud volcano
संदर्भ:
2 अक्टूबर 2025 को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थित बराटांग मिट्टी ज्वालामुखी ने अचानक और हिंसक रूप से फटने का दृश्य प्रस्तुत किया। यह विस्फोट बीस वर्षों से शांति की अवधि को समाप्त करता है और इसके दौरान धुआँ और मिट्टी का उद्गम हुआ, साथ ही ध्वनि में जोरदार विस्फोट जैसी आवाज़ सुनाई दी।
बारातांग मिट्टी ज्वालामुखी के बारे में:
- स्थान: बारातांग द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित, बंगाल की खाड़ी का लोकप्रिय पर्यटन स्थल।
- भौगोलिक स्थिति: यह मध्य और दक्षिण अंडमान द्वीपों के बीच के अंडमान समूह का हिस्सा है।
- विशेषता: जब गैसें मिट्टी को सतह पर धकेलती हैं, तो यह क्रेटर और बुलबुलाते टीले बनाती है।
- महत्व: भारत में यह एक विशेष भौगोलिक संरचना है, जो पर्यटकों और शोधकर्ताओं दोनों को आकर्षित करती है।
बारातांग, अंडमान में हालिया मिट्टी ज्वालामुखी विस्फोट:
- घटना का विवरण:
- गवाहों ने ज़ोरदार विस्फोटक आवाज़ सुनी, जिसके बाद मिट्टी और धुआँ उभर आया।
- विस्फोट से लगभग 3–4 मीटर ऊँचा मिट्टी का टीला बन गया और 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में मलबा फैला।
- सुरक्षा उपाय:
- अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से पर्यटकों के लिए स्थल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
- गतिविधियों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
- विशेषज्ञों की भागीदारी: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) को जांच और स्थल मूल्यांकन के लिए बुलाया गया है।
मिट्टी ज्वालामुखी की विशेषताएँ:
- विस्फोट का कारण: प्राकृतिक गैसों के दबाव से मिट्टी और पानी सतह पर फूटते हैं।
- रूपरेखा: ये बड़े, लावा-उत्सर्जन वाले ज्वालामुखी नहीं, बल्कि छोटे, बुलबुलेदार मिट्टी और गैस के पूल होते हैं।
- ऐतिहासिक संदर्भ: बारातांग में आखिरी बड़ा विस्फोट 2005 में हुआ था। अंडमान में Barren Island भी स्थित है, जहां सक्रिय लावा ज्वालामुखी है।