BCI
संदर्भ:
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को (UCSF) के शोधकर्ताओं ने एक स्थिर ब्रेन–कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) विकसित किया है, जिसकी मदद से एक पक्षाघातग्रस्त व्यक्ति ने केवल अपने विचारों के माध्यम से सात महीनों तक न्यूनतम पुनः-संयोजन के साथ एक रोबोटिक हाथ को नियंत्रित किया।
ब्रेन–कंप्यूटर इंटरफ़ेस (BCI) क्या है?
- BCI एक ऐसी तकनीक है जो मानव मस्तिष्क और बाहरी उपकरणों (जैसे कंप्यूटर या रोबोटिक हाथ) के बीच सीधा संचार स्थापित करती है।
- यह मस्तिष्क से प्राप्त संकेतों को पढ़कर उन्हें निर्देशों में बदल देती है, जिससे मशीनों को नियंत्रित किया जा सकता है — विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके तंत्रिका मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
BCI कैसे काम करता है?
- सेंसर प्रत्यारोपण (Implantation): इलेक्ट्रोड्स को सर्जरी के माध्यम से मोटर कॉर्टेक्स (मस्तिष्क का वह हिस्सा जो गति नियंत्रित करता है) में लगाया जाता है।
- संकेत विश्लेषण: जब उपयोगकर्ता किसी हरकत की कल्पना करता है, तो तंत्र उन न्यूरल संकेतों को पढ़कर मशीन लर्निंग के जरिए उन्हें आदेशों में बदलता है।
- वर्चुअल प्रशिक्षण: उपयोगकर्ता को पहले एक वर्चुअल रोबोटिक हाथ से प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उसकी मानसिक नियंत्रण क्षमता सटीक होती जाती है।
- वास्तविक उपयोग: प्रशिक्षित उपयोगकर्ता ने ब्लॉक्स उठाना, कैबिनेट खोलना, और पानी का कप भरना जैसे कार्य सफलतापूर्वक किए — यह प्रणाली की सटीकता और निरंतरता को दर्शाता है।
BCI के अनुप्रयोग
- चलन शक्ति की बहाली: लकवाग्रस्त लोगों के लिए मशीन को नियंत्रित करने की क्षमता।
- वाक क्षमता की पुनःस्थापना:
- ब्रेनस्टेम स्ट्रोक या Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी।
- बारीक इलेक्ट्रोड्स और कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क के ज़रिए व्यक्ति की सोच को टेक्स्ट, ऑडिबल स्पीच, या स्पीकिंग अवतार में बदला जा सकता है।