Bill of Lading Bill
Bill of Lading Bill –
संदर्भ:
राज्यसभा ने ‘बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया है।
बिल ऑफ लेडिंग विधेयक 2025: भारत के समुद्री व्यापार कानून में ऐतिहासिक सुधार
विधेयक का परिचय:
- नाम: बिल ऑफ लेडिंग विधेयक, 2025
- किसे प्रतिस्थापित करता है: 169 वर्ष पुराना Indian Bills of Lading Act, 1856
- उद्देश्य: आधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप शिपिंग दस्तावेज़ों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करना।
- स्थिति: मार्च 2025 में लोकसभा से पारित; अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया।
विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ:
- औपनिवेशिक कानून की समाप्ति: पुराने औपनिवेशिक प्रावधानों को निरस्त कर नया, सरलीकृत और स्पष्ट ढांचा पेश किया गया है।
- स्पष्ट भाषा: प्रावधानों को दोबारा व्यवस्थित कर कानूनी भाषा को सरल बनाया गया है, जिससे सभी हितधारक उन्हें बेहतर समझ सकें।
- अंतरराष्ट्रीय अनुरूपता: विधेयक को वैश्विक व्यापार मानकों और समुद्री दस्तावेज़ों की आधुनिक प्रकृति के अनुसार तैयार किया गया है।
- केंद्र सरकार को अधिकार: कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार केंद्र सरकार को दिया गया है।
- विवादों में कमी: अधिकारों और उत्तरदायित्वों को स्पष्ट कर विवाद और मुकदमों की संख्या में कमी लाने का प्रयास।
विधेयक का महत्व:
- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047″ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- भारत की Ease of Doing Business रैंकिंग को बेहतर बनाने में सहायक।
- भारत के विस्तारशील शिपिंग सेक्टर को कानूनी सहारा और स्पष्टता प्रदान करता है।
- यह सुधार भारत की औपनिवेशिक कानूनों को हटाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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