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न्यूरालिंक के ‘ब्लाइंडसाइट’ को यूएस एफडीए द्वारा निर्णायक डिवाइस का दर्जा दिया गया

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चर्चा में क्यों ?

हाल ही में एलन मस्क (Elon Musk’s) की ब्रेन-चिप स्टार्टअप कंपनी न्यूरालिंक (brain-chip startup company Neuralink) ने दृष्टिहीनों के लिए एक नई डिवाइस विकसित की है। कंपनी का दावा है कि यह उपकरण उन लोगों को भी देखने में मदद करेगा, जिन्होंने अपनी दोनों आंखें खो दी हैं।

  • इस डिवाइस को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिली है।
  • इसे ब्लाइंडसाइट (Blindsight) नाम दिया गया है।
  • यह विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगी, जिन्होंने अपनी दोनों आंखें खो दी हैं या जिनकी ऑप्टिक नर्व (optic nerve) को नुकसान पहुंचा है।

मुख्य बिंदु (Key points):

  • ब्लाइंडसाइट डिवाइस (Blindsight device): न्यूरालिंक (Neuralink’s) की एक्सपेरिमेंटल ब्लाइंडसाइट डिवाइस दृष्टिहीन व्यक्तियों की मदद के लिए बनाई गई है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपनी दोनों आंखें और ऑप्टिक नर्व (optic nerves) खो दी हैं। यह मस्तिष्क के दृश्य कार्टेक्स को लक्षित करके काम करती है।
  • सीमित दृष्टि (Limited vision): मस्क ने बताया कि डिवाइस से शुरुआत में लो-रेजोल्यूशन (low-resolution) में दिखेगा। धीरे-धीरे विजन बेहतर होता जाएगा। इतना ही नहीं, डिवाइस लगाने वाला शख्स इन्फ्रारेड, अल्ट्रावॉयलेट वेव्ज भी देख सकेगा।
  • FDA अनुमोदन (FDA approval): FDA ने ब्लाइंडसाइट को “ब्रेकथ्रू डिवाइस” (breakthrough device) का दर्जा दिया है, जिससे न्यूरालिंक (Neuralink) को FDA के साथ मिलकर विकास और समीक्षा प्रक्रियाओं को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि डिवाइस अभी व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमोदित है।
  • भविष्य की योजनाएँ (Future plans): ब्लाइंडसाइट न्यूरालिंक (Neuralink’s) के चिकित्सा क्षेत्र में महत्त्वाकांक्षी रोडमैप का एक हिस्सा है। कंपनी मस्तिष्क-चिप इंटरफेस भी विकसित कर रही है, जो लकवाग्रस्त (paralyzed) व्यक्तियों को केवल सोचने से डिजिटल उपकरणों को नियंत्रित करने की अनुमति देगा।

 ब्लाइंडसाइट डिवाइस का कार्यप्रणाली (Functioning of Blindsight Device):

2016 में एलन मस्क द्वारा स्थापित न्यूरालिंक एक कंपनी है जो स्वास्थ्य सेवा अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (brain computer interfaces) पर काम कर रही है।

एलन मस्क के अनुसार, ब्लाइंडसाइट डिवाइस (Blindsight device) मस्तिष्क के दृश्य कार्टेक्स (visual cortex) को लक्षित करके काम करता है। यह तकनीक कार्यात्मक आंखों या ऑप्टिक नर्व्स (functional eyes or optic nerves) की आवश्यकता को दरकिनार करती है। यह कैसे काम करेगा:

  • दृश्य कार्टेक्स का महत्व (Importance of visual cortex): दृश्य कार्टेक्स मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो दृष्टि संबंधी जानकारी को संसाधित करता है। यदि यह हिस्सा सुरक्षित और सक्रिय है, तो ब्लाइंडसाइट इसे सीधे उत्तेजित कर सकता है।
  • सिग्नल का प्रसंस्करण (Processing of signals): ब्लाइंडसाइट डिवाइस रेटिना से आने वाले संकेतों की आवश्यकता के बिना काम करेगा। यह सीधे मस्तिष्क में विद्युत संकेत भेजेगा, जो दृश्य जानकारी को संसाधित करने के लिए आवश्यक हैं।

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (Brain-Computer Interfaces- BCIs)

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCIs) ऐसे सिस्टम होते हैं, जो मस्तिष्क और बाहरी डिवाइस के बीच सीधा संचार मार्ग (communication pathway) बनाते हैं। यह सिस्टम मस्तिष्क के संकेतों को पकड़ते हैं, उन्हें डिकोड करते हैं और फिर इन संकेतों को कंप्यूटर या रोबोटिक सिस्टम के लिए आदेशों में अनुवादित करते हैं। BCIs का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो शारीरिक विकलांगता का सामना कर रहे हैं, या मशीनों को सीधे मस्तिष्क के माध्यम से नियंत्रित करना।

BCIs कैसे काम करते हैं (How BCIs work):

  • सिग्नल अधिग्रहण (Signal acquisition): मस्तिष्क पर या भीतर रखे गए इलेक्ट्रोड या सेंसर मस्तिष्क से आने वाले न्यूरल संकेतों का पता लगाते हैं।
  • सिग्नल प्रसंस्करण (Signal processing): इन मस्तिष्क संकेतों को बढ़ाया और शोर हटाने के लिए फ़िल्टर किया जाता है।
  • सिग्नल अनुवाद (Signal translation): उन्नत एल्गोरिदम इन न्यूरल गतिविधियों को अर्थपूर्ण आदेशों में अनुवादित करते हैं, जिन्हें एक कंप्यूटर या डिवाइस क्रियान्वित कर सकता है।
  • आउटपुट (Output):अनुवादित आदेश बाहरी उपकरणों जैसे रोबोटिक अंग, व्हीलचेयर, या कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित करते हैं।

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस के प्रकार (Types of Brain-Computer Interfaces -BCIs):

  • इंवेसिव (Invasive): इसमें सेंसर या चिप्स सीधे मस्तिष्क की कॉर्टेक्स में लगाए जाते हैं। उदाहरण: न्यूरालिंक का इम्प्लांट।
  • नॉन-इंवेसिव (Non-Invasive): इसमें सेंसर खोपड़ी के ऊपर लगाए जाते हैं, जैसे EEG मशीनों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • पार्शियली इंवेसिव (Partially Invasive): इसमें सेंसर खोपड़ी के अंदर लगाए जाते हैं, लेकिन मस्तिष्क के बाहर रहते हैं।

BCIs के उपयोग (Uses of BCIs):

  • चिकित्सा (Medical): BCIs खोई हुई शारीरिक क्षमताओं को बहाल करने में मदद करते हैं, जैसे कि कृत्रिम अंगों को नियंत्रित करना या पक्षाघात (paralysis) से पीड़ित मरीजों को सहायता प्रदान करना।
  • मानसिक स्वास्थ्य (Mental Wellness): उपयोगकर्ता के मानसिक स्वास्थ्य का रियल-टाइम फीडबैक प्रदान करता है और मानसिक स्वास्थ्य प्रथाओं को बेहतर बनाता है।
  • गेमिंग और मनोरंजन (Gaming and Entertainment): एक-तरफा या द्वि-दिशात्मक न्यूरल संचार के माध्यम से BCIs इमर्सिव गेमिंग अनुभव प्रदान करते हैं।

ब्लाइंडसाइट के लाभ (Benefits of Blindsight):

न्यूरालिंक की ब्लाइंडसाइट डिवाइस के संभावित लाभ निम्नलिखित हैं:

  • दृष्टि की पुनर्स्थापना (Restoration of vision): यह डिवाइस उन व्यक्तियों के लिए दृष्टि प्रदान कर सकती है, जिन्होंने अपनी दृष्टि खो दी है, यहां तक कि जिनकी आंखें और ऑप्टिक नर्व्स भी काम नहीं कर रहे हैं।
  • जन्म से दृष्टिहीन लोगों की सहायता (Help for people who are blind from birth): यदि मस्तिष्क का दृश्य कार्टेक्स ठीक है, तो यह डिवाइस जन्म से दृष्टिहीन लोगों को पहली बार देखने में मदद कर सकती है।
  • नई तकनीकी सीमाओं का विस्तार (Expanding new technological frontiers): ब्लाइंडसाइट नई तकनीकी संभावनाओं को खोल सकती है, जैसे कि अन्य संवेदनाओं को भी उत्तेजित करने की क्षमता।
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार (Improving quality of life): दृष्टि की पुनर्स्थापना से व्यक्तियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, जिससे वे स्वतंत्रता और आत्मविश्वास के साथ जी सकते हैं।
  • वैज्ञानिक और चिकित्सा अनुसंधान में योगदान (Contribution to scientific and medical research): यह तकनीक मस्तिष्क के कामकाज को समझने में मदद कर सकती है और भविष्य में अन्य मस्तिष्क-आधारित उपचारों के लिए आधार प्रदान कर सकती है।

 आने वाली चुनौतियाँ (Challenges ahead):

न्यूरालिंक की ब्लाइंडसाइट डिवाइस के लिए कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ सामने हैं:

  • प्रतिस्पर्धा (Competition): न्यूरालिंक अकेली नहीं है; अन्य कंपनियाँ भी दृष्टि पुनर्स्थापित करने वाले इम्प्लांट्स पर काम कर रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  • जटिलताएँ (Complications): जन्म से दृष्टिहीन लोगों के लिए दृष्टि पुनर्स्थापन की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि उनके पास आवश्यक जैविक मार्ग विकसित नहीं हो सकते।
  • सीमाएँ (Limitations): यह स्पष्ट नहीं है कि ब्लाइंडसाइट कितनी प्रभावी होगी, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने जीवन भर अंधेपन का सामना किया है।
  • नैतिक चिंताएँ (Ethical concerns): न्यूरालिंक के पशु परीक्षणों पर नैतिक सवाल उठे हैं। हालांकि मस्क ने नुकसान से इनकार किया है, जांच जारी है, जो नैतिकता और विज्ञान के बीच संतुलन की आवश्यकता को दर्शाती है।

ऑप्टिक नर्व क्या है (What is the Optic Nerve)?

ऑप्टिक नर्व (Optic Nerve) एक महत्वपूर्ण तंत्रिका है जो आँखों से मस्तिष्क तक दृष्टि संबंधी सूचनाओं को संचारित करती है। इसे द्वि-क्षेत्रीय तंत्रिका के रूप में भी जाना जाता है और यह दृष्टि प्रणाली का एक अहम हिस्सा है।

ऑप्टिक नर्व का कार्य (Function of the optic nerve):

  • दृष्टि संवेदन (Vision sensation): ऑप्टिक नर्व आँख के रेटिना (Retina) से संकेत प्राप्त करती है। रेटिना में प्रकाश संवेदक कोशिकाएँ होती हैं, जो प्रकाश को विद्युत संकेतों में बदलती हैं। ये संकेत फिर ऑप्टिक नर्व के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँचते हैं।
  • सूचना का संचार (Transmission of information): जब आप कुछ देखते हैं, तो रेटिना उस दृश्य को पहचानती है और संकेतों को ऑप्टिक नर्व के माध्यम से मस्तिष्क के दृश्य कार्टेक्स में भेजती है, जहाँ इसे संसाधित किया जाता है।
  • दृष्टि की प्रक्रिया (Process of vision): मस्तिष्क में, इन संकेतों को विभिन्न तत्वों में विभाजित किया जाता है, जैसे रंग, आकार, गति आदि, जिससे हमें वस्तुओं का स्पष्ट दृष्टिकरण प्राप्त होता है।

ऑप्टिक नर्व की संरचना (Structure of the Optic Nerve):

  • रचना (Structure): ऑप्टिक नर्व मुख्य रूप से तंत्रिका फाइबर से बनी होती है, जो रेटिना के गैंग्लियन कोशिकाओं से निकलती हैं।
  • लंबाई (Length): यह नर्व लगभग 25-30 सेंटीमीटर लंबी होती है और यह मस्तिष्क के पीछे स्थित होती है।

 ऑप्टिक नर्व के रोग (Diseases of the Optic Nerve):

कुछ सामान्य स्थितियाँ जो ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकती हैं:

  • ऑप्टिक न्यूराइटिस (Optic neuritis): यह एक सूजन की स्थिति है जो दृष्टि में कमी या धुंधलापन पैदा कर सकती है।
  • ग्लूकोमा (Glaucoma): यह एक आंख की बीमारी है जो ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुँचाती है, जिससे दृष्टि में हानि हो सकती है।
  • ऑप्टिक नर्व पेड्यूकुलर (Optic nerve peduncle): यह स्थिति तब होती है जब ऑप्टिक नर्व को मस्तिष्क के भीतर कोई संरचना प्रभावित करती है।

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