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चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अटल पेंशन योजना (APY) योजना के तहत 56 लाख से अधिक नए नामांकन हुए हैं, जिससे कुल सकल नामांकन 7 करोड़ को पार कर गया है।
अटल पेंशन योजना:
अटल पेंशन योजना (APY) को मई 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों, और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली स्थापित करना है।
प्रसार:
- व्यापकता: यह योजना पूरे देश में बड़े पैमाने पर लागू की गई है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इस योजना से जुड़ने वाले व्यक्तियों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 57:43 है।
- पात्रता: हालाँकि अभी तक केवल 5% पात्र आबादी को ही इस योजना के अंतर्गत कवर किया गया है।
प्रशासन: अटल पेंशन योजना को ‘पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण’ (PFRDA) के माध्यम से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत प्रशासित किया जाता है।
योग्यता:
- उम्र: इस योजना में 18 से 40 वर्ष के बीच के भारत के नागरिक शामिल हो सकते हैं।
- योगदान: इस योजना में देर से शामिल होने वाले ग्राहकों की योगदान राशि अधिक होती है, जबकि जल्दी शामिल होने वाले ग्राहकों की योगदान राशि कम होती है।
लाभ:
- पेंशन राशि: योजना 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 1000 रुपए से 5000 रुपए तक की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्रदान करती है।
- पति या पत्नी के लिए लाभ: यदि अभिदाता की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति या पत्नी को जीवन भर के लिए पेंशन की गारंटी दी जाती है।
- नॉमिनी के लिए लाभ: यदि अभिदाता और उसकी/उसका पति/पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को पूरी पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) अधिनियम:
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) अधिनियम को 19 सितंबर 2013 को अधिसूचित किया गया और यह 1 फरवरी 2014 से लागू हुआ। इसका उद्देश्य पेंशन क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से विकसित और विनियमित करना है, जिससे विभिन्न पेंशन योजनाओं का सटीक और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
NPS का नियमन:
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS): NPS के अभिदाता में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, निजी संस्थान/संस्थाएं और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल हैं। इसका नियमन PFRDA द्वारा किया जाता है।
- पेंशन बाजार का विकास: PFRDA का कार्य पेंशन बाजार के व्यवस्थित विकास और वृद्धि को सुनिश्चित करना है।
ओएएसआईएस परियोजना:
- OASIS परियोजना: भारत सरकार ने वर्ष 1999 में वृद्धावस्था आय सुरक्षा से संबंधित योजनाओं के अध्ययन के लिए OASIS (वृद्ध अवस्था सामाजिक और आय सुरक्षा) नामक राष्ट्रीय परियोजना को मंजूरी दी।
- रिपोर्ट के सुझाव: ओएएसआईएस की रिपोर्ट के सुझावों के आधार पर, भारत सरकार ने मौजूदा परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली के स्थान पर नई परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली की शुरुआत की, जिसमें सैनिक बलों को छोड़कर केंद्र और राज्य सरकारों के नए सदस्यों को शामिल किया गया।
PFRDA की स्थापना:
- स्थापना: पेंशन क्षेत्र को प्रोन्नत, विकसित और नियमन करने के लिए भारत सरकार के अध्यादेश द्वारा 23 अगस्त 2003 को PFRDA की स्थापना की गई।
- अंशदान पेंशन प्रणाली: भारत सरकार द्वारा अंशदान पेंशन प्रणाली को 22 दिसंबर 2003 में अधिसूचित किया गया, जो 1 जनवरी 2004 से लागू हुआ और जिसे अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से जाना जाता है।
NPS का विस्तार: 1 मई 2009 से NPS का विस्तार स्वैच्छिक आधार पर देश के सभी नागरिकों के लिए किया गया, जिसमें स्वयं-रोजगार पेशेवर और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।
PFRDA का मुख्य उद्देश्य:
- संस्थागत निर्माण: सभी हितधारकों और बाजार प्रतिभागियों के लिए उत्पादों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों में नए अन्वेषणों के लिए सक्षम संरचना प्रदान करना।
- वृद्धावस्था आय की आवश्यकताओं की पूर्ति: अभिदाताओं और पेंशन प्रणाली के सर्वश्रेष्ठ हित में सभी नागरिकों की वृद्धावस्था आय की आवश्यकताओं को पूरा करना।
- विनियमन: पेंशन प्रणाली के निर्देशित विकास एवं विवेकपूर्ण विनियमन द्वारा पेंशन प्रणाली को स्थापित और विकसित करना।
PFRDA और NPS का यह ढांचा भारत में पेंशन क्षेत्र को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे अधिक से अधिक लोग वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा का लाभ उठा सकें।
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