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क्वाड समूह ने कैंसर मूनशॉट पहल को मंजूरी दी, जानिए कैंसर मूनशॉट पहल के बारे में 

Mains GS II – भारत से जुड़े समूह और समझौते और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले, द्विपक्षीय समूह और समझौते

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, 21 सितंबर, 2024 को क्वाड समूह ने कैंसर मूनशॉट पहल (Cancer Moonshot Initiative) को मंजूरी दी है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कैंसर मूनशॉट पहल कैंसर से संबंधित एक वैश्विक प्रयास है। यह पहल कैंसर अनुसंधान, निदान और उपचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में असमानताओं को दूर करने और कैंसर की रोकथाम में नए उपायों को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल (Quad Cancer Moonshot Initiative) क्या है? 

  • क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल एक महत्वाकांक्षी वैश्विक प्रयास है जिसका उद्देश्य कैंसर को खत्म करना है। 
  • यह पहल क्वाड देशों (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) द्वारा शुरू की गई एक संयुक्त पहल है। 
  • इस पहल का मुख्य लक्ष्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर के बोझ को कम करना है, खासकर सर्वाइकल कैंसर। 
  • यह पहल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार, अनुसंधान सहयोग का विस्तार, डेटा सिस्टम का निर्माण और कैंसर की रोकथाम, पता लगाने, उपचार और देखभाल के लिए अधिक सहायता प्रदान करके इंडो-पैसिफिक में समग्र कैंसर देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी। 
  • इस पहल के तहत, ये देश कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर शोध करेंगे, नई दवाओं और उपचार विकसित करेंगे, और कैंसर की रोकथाम और जांच के लिए नए तरीके खोजेंगे। 
  • इस पहल के माध्यम से, क्वाड देश एचपीवी टीकाकरण को बढ़ावा देकर, स्क्रीनिंग तक पहुँच बढ़ाकर और कम सेवा वाले क्षेत्रों में उपचार के विकल्प और देखभाल का विस्तार करके इन कमियों को दूर करने के लिए काम करेंगे।

क्वाड (QUAD):

  • क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (Quadrilateral Security Dialogue) भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है।
  • इस वर्ष 2024 क्वॉड का पांचवां संस्करण अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित किया गया।
  • इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और खुले व्यापार को बढ़ावा देना है।
  • क्वाड की शुरुआत 2007 में हुई थी, लेकिन कुछ कारणों से यह 2008 में बंद हो गया था। 2017 में इसे फिर से शुरू किया गया।
  • यह क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे मुद्दों पर सहयोग करता है।
  • सदस्य देश उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और 5G में सहयोग करते हैं।
  • क्वाड की स्थापना का एक प्रमुख कारण चीन का बढ़ता प्रभाव है। क्वाड का उद्देश्य क्षेत्र में संतुलन बनाए रखना और एक वैकल्पिक मंच प्रदान करना है।

कैंसर मूनशॉट पहल की शुरुआत क्यों हुई?

  • कैंसर मूनशॉट पहल की शुरुआत दुनिया भर, विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते बोझ के कारण हुई है। 
  • इस क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या है, जो महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में एचपीवी टीकाकरण और स्क्रीनिंग की दरें बहुत कम हैं। 
  • इसका मतलब है कि कई महिलाएं इस बीमारी के बारे में जानती भी नहीं हैं और उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच, संसाधनों की कमी और जागरूकता का अभाव भी इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। कैंसर मूनशॉट पहल इस तरह की समस्या को हल करने के लिए ही बनाई गई है।
  • 2 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अमेरिका के लिए कैंसर मूनशॉट पहल की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 2047 तक अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों को कम से कम आधे से कम करना है। यह दिखाता है कि कैंसर एक वैश्विक समस्या है और इसे खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।

सर्वाइकल कैंसर:

  • गर्भाशय ग्रीवा कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय के निचले हिस्से की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ बना लेती हैं। 
  • यह कैंसर महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है, जो योनि से जुड़ता है। 
  • लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर के मामलों (99%) का संबंध उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण से होता है। 
  • ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) एक सामान्य वायरस है जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। HPV संक्रमण कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर इसके प्रमुख परिणामों में से एक है। 
  • संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन और नियमित स्क्रीनिंग (जैसे पाप स्मीयर) बेहद महत्वपूर्ण हैं।

कैंसर मूनशॉट पहल के प्रमुख उद्देश्य:

  • इस पहल का मुख्य फोकस सर्वाइकल कैंसर पर है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है।
  • क्वाड देश स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार करके कैंसर की रोकथाम, पता लगाने और उपचार के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
  • कैंसर अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देकर नई दवाओं और उपचारों का विकास किया जाएगा।
  • डेटा सिस्टम का निर्माण करके कैंसर के प्रसार और उपचार के बारे में बेहतर समझ विकसित की जाएगी।
  • कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाकर लोगों को समय पर उपचार के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  • यह पहल इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • यह पहल वैश्विक स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देगी।

क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल में क्वाड देशों का सहयोग:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका इस पहल का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। उसने एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए अगले पांच वर्षों में कम से कम 1.58 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, अमेरिका ने कैंसर अनुसंधान, नैदानिक परीक्षणों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रशिक्षण में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है।
  • ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन भागीदारी (EPICC) संघ के लिए कुल वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं का विस्तार AUD $29.6 मिलियन (लगभग 2.1 बिलियन रुपये) तक किया है। EPICC का उद्देश्य क्षेत्र के किसी भी देश में HPV से संबंधित नीतियों, नियोजन और तत्परता में सुधार करके इंडो-पैसिफिक में सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन को आगे बढ़ाना है।
  • भारत: भारत ने कैंसर मूनशॉट पहल में अहम योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर के परीक्षण, जांच और निदान के लिए 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, भारत रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण के माध्यम से कैंसर की रोकथाम में भी मदद करेगा। GAVI और क्वाड कार्यक्रमों के तहत, भारत 40 मिलियन वैक्सीन खुराक भी उपलब्ध कराएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की डिजिटल स्वास्थ्य पहल में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देकर, भारत कैंसर स्क्रीनिंग और देखभाल के लिए तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा। भारत इस बीमारी के लिए एआई आधारित उपचार प्रोटोकॉल पर भी काम कर रहा है, जो कैंसर के इलाज में एक नया आयाम जोड़ेगा। 
  • जापान: जापान ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कैनर सहित चिकित्सा उपकरण और लगभग 27 मिलियन डॉलर (लगभग 216 करोड़ रुपये) की अन्य सहायता प्रदान की है। जापान वैश्विक स्वास्थ्य पहलों या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे कि गवी, यूएनएफपीए, आईपीपीएफ के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण सहित टीकों तक पहुंच में सुधार और महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

कैंसर मूनशॉट पहल में अन्य संगठनों का योगदान:

  • विश्व बैंक: वैश्विक स्तर पर HPV से संबंधित 400 मिलियन डॉलर का निवेश करके इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहा है।
  • महिला स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण नेटवर्क (WHEN): दक्षिण पूर्व एशिया में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए धन जुटाने के लिए अगले तीन वर्षों में $100 मिलियन से अधिक का निवेश करेगा।
  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में वितरण के लिए HPV वैक्सीन की 40 मिलियन खुराक तक की खरीद का समर्थन करेगा।
  • बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन: एचपीवी टीकों के वैश्विक उपयोग में तेजी लाने के लिए चार वर्षों में 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक की प्रतिबद्धता जताएगा।
  • ग्लोबल एचपीवी कंसोर्टियम: भारत में “100 सर्वाइकल कैंसर मुक्त (कैंसर मुक्त) जिलों” का संचालन करने के लिए भारत सरकार के साथ सहयोग करेगा।
  • Jhpiego: फिलीपींस के स्वास्थ्य विभाग के साथ साझेदारी में, HPV परीक्षण के महत्व और सर्वाइकल कैंसर के जोखिम के बारे में महिलाओं को शिक्षित कर रहा है।
  • बेकटन डिकिंसन: इंडो-पैसिफिक में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग में व्यापक निवेश कर रही है। इसका लक्ष्य 2025 की शुरुआत तक 1,200 से अधिक और 400 स्क्रीनिंग कैंप प्रदान करना है।
  • परियोजना ECHO: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन में तेजी लाने के लिए 10 नए शिक्षण नेटवर्क के माध्यम से प्रभावी और सुलभ रोकथाम और देखभाल की सुविधा प्रदान करेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA): इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रेडियोथेरेपी और मेडिकल इमेजिंग क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपनी रेज़ ऑफ़ होप पहल का विस्तार कर रही है।
  • यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल: गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के उन्मूलन में वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए 172 देशों में अपने 1150 सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • फ़ाइज़र: इंडो-पैसिफिक में प्राथमिक देखभाल स्तर पर ऑन्कोलॉजी क्षमता का निर्माण करने के लिए इंडोवेशन पहल का विस्तार करेगा।

कैंसर मूनशॉट पहल की चुनौतियाँ :

  • इस तरह की बड़ी पहल के लिए भारी मात्रा में वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है। सभी भागीदार देशों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए लगातार धनराशि जुटाने की आवश्यकता होगी।
  • विभिन्न देशों के बीच समन्वय स्थापित करना और संसाधनों को कुशलता से आवंटित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
  • इस तरह की पहल को सफल बनाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है। अगर राजनीतिक परिवर्तन होते हैं तो इससे पहल बाधित हो सकती है।
  • लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक करना और उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए प्रेरित करना एक बड़ी चुनौती है।
  • नए नैदानिक उपकरण और उपचार विधियों को अपनाने में समय लग सकता है और इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।

UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न :‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD) वर्तमान समय में स्वयं को एक सैन्य गठबंधन से व्यापार गुट के रूप में परिवर्तित कर रहा है। चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

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