चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत के दवा नियामक की एक विशेषज्ञ समिति ने Tirzepatide (तिरज़ेपाटाइड) नामक दवा को मंजूरी दे दी है और जल्दी ही भारत सरकार भी इसे अंतिम मंजूरी दे सकती है। Tirzepatide दवा मधुमेह (Diabetes) तथा वजन घटाने में सहायक है। इसे पहले ही अमेरिका और यूरोप में टाइप-2 Diabetes और मोटापे (Obesity) के इलाज के लिए मंजूरी मिल चुकी है। क्लिनिकल परीक्षणों में इसने अच्छे परिणाम दिखाए हैं।
Tirzepatide के बारे में:
- Tirzepatide एक नई दवा है जिसे वयस्कों में टाइप-2 Diabetes के इलाज के लिए बनाया गया है। यह एक विशेष दवा है जो दो हार्मोन, GIP और GLP-1, पर काम करती है।
- Tirzepatide का निर्माण एली लिली एंड कंपनी ने किया था तथा इसका पेटेंट 2016 में मिला। यह एक अमेरिकी दवा कंपनी है जिसका मुख्यालय इंडियानापोलिस, इंडियाना में है, जिसके 18 देशों में कार्यालय हैं। इसके उत्पाद लगभग 125 देशों में बेचे जाते हैं।
- इसे मधुमेह के उपचार के लिए मौनजारो (Mounjaro) और वजन घटाने के लिए ज़ेपबाउंड (Zepbound) ब्रांड नामों के तहत बेचा जाता है।
- Tirzepatide को संयुक्त राज्य अमेरिका में Diabetes के उपचार के लिए मई 2022 में, सितंबर 2022 में यूरोपीय संघ में, नवंबर 2022 में कनाडा में, और दिसंबर 2022 में ऑस्ट्रेलिया में मंजूरी दी गई थी।
- इसे नवंबर 2023 में वजन घटाने के लिए S. Food and Drug Administration (FDA) द्वारा अनुमोदित किया गया था। नवंबर 2023 में, यूके मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने वजन घटाने के उपचार को शामिल करने के लिए Tirzepatide के संकेत को संशोधित किया।
कैसे काम करती है (क्रियाविधि):
Tirzepatide दो हार्मोनों, GIP और GLP-1, के असर को मिलाकर काम करती है, जो शरीर में शुगर (ग्लूकोज) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
GIP – GIP हार्मोन अग्न्याशय (Pancreas) से इंसुलिन रिलीज़ को बढ़ाता है और ग्लूकागन नामक हार्मोन को कम करता है, जिससे खून में शुगर कम होती है।
GLP-1 – यह भी इंसुलिन रिलीज़ को बढ़ाता है और ग्लूकागन (Glucagon) को कम करता है। यह पेट को धीरे-धीरे खाली होने देता है और भूख को कम करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
दोनों हार्मोनों को लक्षित करके, Tirzepatide शरीर में शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता है, खाने के बाद ग्लूकागन (Glucagon) हार्मोन को कम करता है, और भूख को कम करता है, जिससे शुगर का स्तर संतुलित रहता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
क्लिनिकल परीक्षण
Tirzepatide के कई क्लिनिकल परीक्षण (Clinical trials) हुए है, जिसमें यह साबित हुआ है कि यह टाइप-2 डायबिटीज (Diabetes) वाले लोगों में शुगर नियंत्रण और वजन घटाने में प्रभावी है।
SURPASS कार्यक्रम:
- SURPASS-1: अकेले इस्तेमाल होने पर Tirzepatide ने नकली दवा (प्लेसबो) की तुलना में शुगर के स्तर (HbA1c) और वजन में महत्वपूर्ण कमी दिखाई।
- SURPASS-2: सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) की तुलना में, Tirzepatide ने बेहतर शुगर नियंत्रण और अधिक वजन घटाने का प्रदर्शन किया।
- SURPASS-3: Metformin (एक अन्य मधुमेह की दवा) के साथ मिलाने पर, Tirzepatide ने इंसुलिन डिग्लुडेक (Insulin degludec) की तुलना में HbA1c और वजन में अधिक कमी प्रदान की।
- SURPASS-4: हृदय संबंधी परिणामों का मूल्यांकन किया, जिसमें HbA1c, शरीर के वजन, और हृदय रोग के जोखिम कारकों पर सकारात्मक प्रभाव दिखा।
Tirzepatide का इस्तेमाल:
Tirzepatide को सप्ताह में एक बार त्वचा के नीचे (Subcutaneous) इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। खुराक डॉक्टर की सलाह के अनुसार तय की जाती है, आमतौर पर यह कम खुराक से शुरू होकर मरीज की प्रतिक्रिया और सहनशीलता के आधार पर बढ़ाई जाती है।
Tirzepatide के संभावित दुष्प्रभाव:
- मतली, उल्टी, दस्त (Nausea, Vomiting, Diarrhea): ये सबसे आम दुष्प्रभाव हैं, जो आमतौर पर हल्के होते हैं और समय के साथ कम हो जाते हैं।
- कब्ज, पेट दर्द (Constipation, Stomach ache): कुछ लोगों को ये दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
- अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): यह एक गंभीर लेकिन दुर्लभ दुष्प्रभाव है।
- पित्ताशय की थैली की समस्या Gallbladder problem): कुछ लोगों को पित्ताशय की थैली में पथरी या सूजन हो सकती है।
Semaglutide और Tirzepatide के मध्य तुलना-
Semaglutide और Tirzepatide दोनों दवा ही वजन घटाने और डायबिटीज प्रबंधन में प्रभावी हैं:
- Semaglutide: केवल GLP-1 रिसेप्टर्स पर काम करता है।
- Tirzepatide: GLP-1 और GIP दोनों रिसेप्टर्स पर काम करता है, जिससे संभावित रूप से बेहतर असर हो सकता है।
क्लिनिकल परीक्षणों में दिखाया गया है कि Tirzepatide, Semaglutide की तुलना में अधिक वजन घटा सकता है।
भारत में मोटापा (obesity in india)
भारत में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, लगभग चार में से एक भारतीय अधिक वजन का है। 2019-21 में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, Obesity पहले के सर्वेक्षण (2015-16) की तुलना में बढ़ गया है। विशेष रूप से, 15-49 वर्ष के पुरुषों में Obesity 19% से बढ़कर 23% हो गया, और इसी आयु समूह की महिलाओं में यह 21% से बढ़कर 24% हो गया।
आयु और लिंग संबंध (Age and Gender relationship):
आयु बढ़ने के साथ ही पुरुषों और महिलाओं दोनों में Obesity बढ़ता है। युवा (15-19 वर्ष) लोगों में Obesity कम होता है जबकि बड़े (40-49 वर्ष) लोगों में यह अधिक होता है।
शहरी-ग्रामीण विभाजन (urban-rural divide):
शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में Obesity ज्यादा है। शहरी क्षेत्रों में लगभग 30% पुरुष अधिक वजन के हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 19% है। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में 40-49 वर्ष के 41% पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 32% है।
धन और मोटापा (Money and Obesity):
Obesity घरेलू धन से जुड़ा है। जैसे-जैसे घरेलू धन बढ़ता है, मोटापे वाले लोगों का अनुपात भी बढ़ता है। उदाहरण के लिए, सबसे कम धन वाले समूह में 10% महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि सबसे अधिक धन वाले समूह में यह आंकड़ा 39% है।
राज्यवार भिन्नताएं (State wise variations):
दिल्ली और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मोटापा ज्यादा है, जहां क्रमशः 38% और 37% पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं। महिलाओं में, पुदुचेरी और चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा Obesity है, क्रमशः 46% और 44%।
उपाय, नीतियां, और कार्यक्रम (Measures, Policies, and Programs):
कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS): यह कार्यक्रम Obesity सहित गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य संवर्धन, जल्दी पहचान, और इलाज के माध्यम से काम करता है। यह जीवनशैली में सुधार, जागरूकता पैदा करने और शुरुआती पहचान और इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर केंद्रित है।
फिट इंडिया मूवमेंट (Fit India movement): 2019 में शुरू किया गया यह पहल लोगों को अपनी दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेल को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह आंदोलन स्वस्थ जीवनशैली और सभी आयु वर्ग में फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान चलाता है।
पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन): इस मिशन का उद्देश्य कुपोषण को कम करना और कुपोषण, एनीमिया और मोटापे की समस्याओं का समाधान करना है। यह संतुलित आहार को बढ़ावा देता है और विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं में स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करता है।
आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat): इस योजना के तहत, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs) प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं, जिसमें मोटापे जैसी जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के लिए रोकथाम के उपाय और स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियां शामिल हैं।
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम (School health program): आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा, यह कार्यक्रम स्कूल के बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई पर केंद्रित है। इसमें समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, पोषण मूल्यांकन, और स्कूलों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है।
चुनौतियाँ (Challenges):
जागरूकता और शिक्षा (Awareness and education): विभिन्न पहलों के बावजूद, मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच (Access to health services): खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना एक चुनौती रहती है। प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करके Obesity को प्रभावी ढंग से नियंत्रित और रोका जा सकता है।
नीति कार्यान्वयन (policy implementation): नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता है, खासकर नीचे स्तर पर। इन कार्यक्रमों की निरंतर मॉनिटरिंग और मूल्यांकन से आवश्यक सुधार और नवीनीकरण किया जा सकता है।
अनुसंधान और डेटा संग्रह (Research and data collection): मोटापे में बदलते रुझानों को समझने और लक्ष्ययुक्त अवसरों का विकसित करने के लिए चल रहे अनुसंधान और डेटा संग्रह अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इसमें मोटापे प्रसार पर विभिन्न सामाजिक-आर्थिक कारकों के प्रभाव का अध्ययन शामिल है।
इन चुनौतियों का सामना करके और विभिन्न पहलुओं के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के माध्यम से, भारत मोटापे का बोझ कम करने और सामान्य जनस्वास्थ्य में सुधार करने की दिशा में काम कर सकता है।
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