चर्चा में क्यों?
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई को अपने केंद्रीय बजट भाषण के दौरान घोषणा की कि बिहार (Bihar) के गया (Gaya) में Vishnupad and Mahabodhi Temple Corridor के लिए परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
- इन्हें “काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर” (Kashi Vishwanath Temple Corridor) के मॉडल पर बनाया जाएगा, ताकि इन्हें विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों (tourist destinations) में बदला जा सके।
- केंद्रीय बजट 2024 (Union Budget 2024) में बिहार के लिए अलग-अलग क्षत्रों (different sectors) मे 58900 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसमें कई प्रोजेक्ट्स (projects) पर काम होगा। इस परियोजना के तहत सड़कों और तीर्थस्थलों (Roads and pilgrimage sites) विकास किया जाएगा। इसी प्रकार आम बजट में राजगीर (Rajgir) के समग्र विकास की भी पहल शुरू करने की घोषणा की गई है।
विष्णुपद मंदिर के बारे में (About Vishnupad Temple):
- स्थान: गया, बिहार, भारत।
- महत्व (Significance): यह मंदिर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और यहां विष्णु के पदचिह्न स्थित हैं।
- निर्माण (Significance): वर्तमान मंदिर 1787 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर (Maharani Ahilyabai Holkar) द्वारा बनवाया गया था।
- संरचना (Structure): मंदिर का निर्माण ग्रेनाइट पत्थरों (granite stones) से किया गया है और इसमें 100 फीट ऊंचा एक अष्टकोणीय स्तंभ है।
- पदचिह्न (Footprint) : मंदिर के गर्भगृह में 40 सेंटीमीटर लंबा भगवान विष्णु का पदचिह्न है जिसे चांदी के बाड़े से सुरक्षित रखा गया है। जो उस स्थान को चिह्नित करता है जहाँ उन्होंने गयासुर (Gayasur) को हराया था। और उसके सिर पर अपना दाहिना पैर रख दिया, और उसे पाताल लोक में भेज दिया ।
- पिंडदान का महत्व (Significance of Pind Daan): यह स्थल हिंदू धर्म में पिंडदान (Pind Daan) के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां पितरों (ancestors) को तर्पण दिया जाता है।
- त्योहार (Festivals): मंदिर में विष्णु की आराधना और पिंडदान करने के लिए विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होती है, विशेष रूप से पितृपक्ष में।
- संरक्षण (Preservation): मंदिर का प्रबंधन विष्णुपद प्रबंध समिति द्वारा किया जाता है, जो इसकी देखरेख और पूजा-अर्चना का आयोजन करती है।
महाबोधि मंदिर के बारे में (About Mahabodhi Temple)
- स्थान (Location): महाबोधि मंदिर,भारत के बोधगया (Bodh Gaya) में स्थित है ।
- महाबोधि मंदिर उस स्थान को चिह्नित करता है जहां सिद्धार्थ (गौतम, जिन्हें बाद में बुद्ध के नाम से जाना गया), ने 589 ईसा पूर्व के आसपास ज्ञान (enlightenment) प्राप्त किया था।
- मूल मंदिर की स्थापना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक (Emperor Ashoka ने की थी।
- मंदिर की संरचना (Temple Structure): महाबोधि मंदिर का केंद्रीय टॉवर, या शिखर, लगभग 55 मीटर ऊंचा है, जो चार छोटे टॉवरों से घिरा हुआ है।
- आर्किटेक्चर (Architecture) : मंदिर की वास्तुकला (Architecture) भारतीय, विशेष रूप से गुप्तकालीन शैली (Gupta style) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- तीर्थ स्थल (Pilgrimage site): यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और दुनियाभर से श्रद्धालु यहां आते हैं।
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site): 2002 में, महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) को इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक (cultural and historical) महत्व को उजागर करते हुए यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
भारत में हाल की धार्मिक कॉरिडोर परियोजनाएँ (Recent Religious Corridor Projects in India)
हाल ही में भारत में कई धार्मिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए गए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख परियोजनाएँ हैं:
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विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor):
- स्थान (Location): वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
- उद्देश्य (Objective): काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी के बीच एक सुगम और सुंदर रास्ता बनाना।
- विशेषताएँ(Features): इसमें श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएँ, बेहतर मार्ग, घाटों का नवीनीकरण और नए यात्री सुविधाएँ शामिल हैं।
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कार्तिकेय मंदिर कॉरिडोर (Karthikeya Temple Corridor):
- स्थान (Location): कांचीपुरम, तमिलनाडु।
- उद्देश्य (Objective): मंदिर के आसपास की सुविधाओं को बेहतर बनाना और श्रद्धालुओं के लिए एक आसान पहुँच प्रदान करना।
- विशेषताएँ (Features): बेहतर सड़कों, प्रकाश व्यवस्था और साफ-सफाई की व्यवस्था।
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महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor):
- स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश।
- उद्देश्य (Objective): महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के परिसर और आसपास के क्षेत्र को विकसित करना।
- विशेषताएँ (Features): विस्तारित परिसर, बेहतर यातायात प्रबंधन और आधुनिक सुविधाओं का निर्माण।
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रामायण कॉरिडोर (Ramayana Corridor):
- स्थान (Location): अयोध्या, उत्तर प्रदेश।
- उद्देश्य (Objective): भगवान राम के जीवन से संबंधित स्थानों को जोड़ना और उन्हें विकसित करना।
- विशेषताएँ (Features): अयोध्या में मंदिर निर्माण, बेहतर सड़कों, यात्री सुविधाएँ और सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण।
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सोमनाथ कॉरिडोर (Somnath Corridor):
- स्थान (Location): सोमनाथ, गुजरात।
- उद्देश्य (Objective): सोमनाथ मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्रों का पुनर्विकास।
- विशेषताएँ (Features): आधुनिक यात्री सुविधाएँ, बेहतर सड़कों, और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सुविधाएँ।
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श्री शंकराचार्य कॉरिडोर (Shri Shankaracharya Corridor):
- स्थान (Location): केदारनाथ, उत्तराखंड।
- उद्देश्य (Objective): केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और उसके चारों ओर के क्षेत्रों का विकास।
- विशेषताएँ (Features): आपदा प्रबंधन, सुरक्षा, और यात्री सुविधाओं में सुधार।
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