चर्चा में क्यों (Why in the news) ?
हर साल 1 अगस्त को विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day) मनाया जाता है, यह दिन आम तौर पर लोगों को शुरुआती पहचान (educating people about the importance of early detection), रोकथाम (prevention) और उपलब्ध उन्नत उपचार (advanced treatment) विकल्पों के महत्व के बारे में शिक्षित करने पर केंद्रित होता है। यह दिन रोगियों के सामने आने वाली चुनौतियों और प्रभावित लोगों के लिए निरंतर शोध (research)और सहायता (support) की आवश्यकता की याद दिलाता है।
World Lung Cancer Day 2024: थीम -:
Theme: देखभाल की कमी को दूर करें: कैंसर देखभाल तक सभी की पहुंच होनी चाहिए (Close the care gap: Everyone deserves access to cancer care)
थीम का उद्देश्य (theme aims) सरकारों (governments), स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों (healthcare professionals), शोधकर्ताओं (researchers) और आम जनता (general public) के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर एक समृद्ध भविष्य (prosperous future) के लिए मिलकर काम करना है, जहां फेफड़े का कैंसर (lung cancer) अब मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं रह जाएगा।
विश्व फेफड़े कैंसर दिवस का इतिहास (History of World Lung Cancer Day):
- विश्व फेफड़े कैंसर दिवस हर साल 1 अगस्त को मनाया जाता है, विश्व फेफड़े कैंसर दिवस (World Lung Cancer Day) की शुरुआत 2012 में की गई थी। इसे अंतर्राष्ट्रीय फेफड़े कैंसर एसोसिएशन (International Lung Cancer Association-ILCA)) और अमेरिकी फेफड़े एसोसिएशन (American Lung Association-ALA) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया।
- इसका उद्देश्य फेफड़े के कैंसर के बढ़ते मामलों और इसके प्रभाव के बारे में वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाना था।
प्रमुख उद्देश्य (Main objectives):
- फेफड़े के कैंसर के लक्षणों (symptoms), कारणों (causes), और उपचार (treatment के बारे में जानकारी प्रदान करना।
- धूम्रपान छोड़ने (quitting smoking) और स्वस्थ जीवनशैली (healthy lifestyle) अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- फेफड़े के कैंसर के अनुसंधान और नई तकनीकों (new technologies) के विकास के लिए समर्थन जुटाना।
फेफड़े का कैंसर क्या है (What is lung cancer)?
फेफड़े का कैंसर एक प्रकार का कैंसर (cancer) है जो फेफड़ों (lung में शुरू होता है। यह तब होता है जब फेफड़ों की कोशिकाएं (lung cells) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर (tumors) का निर्माण करती हैं। यह कैंसर फेफड़ों के अन्य हिस्सों और शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है।
फेफड़े का कैंसर दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जाता है (Lung cancer is divided into two main types):
- छोटे कोशिका फेफड़े का कैंसर (Small Cell Lung Cancer – SCLC): यह प्रकार तेजी से बढ़ता है और अक्सर फैलता है। यह आमतौर पर धूम्रपान करने (smokers) वालों में पाया जाता है।
- गैर-छोटे कोशिका फेफड़े का कैंसर (Non-Small Cell Lung Cancer – NSCLC): यह प्रकार अधिक सामान्य है और धीरे-धीरे बढ़ता है। इसके उपप्रकारों में एडेनोकार्सिनोमा (adenocarcinoma), स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (squamous cell carcinoma), और लार्ज सेल कार्सिनोमा (large cell carcinoma) शामिल हैं।
फेफड़े का कैंसर कैसे होता है (How does lung cancer occur)?
फेफड़े का कैंसर तब होता है जब फेफड़ों की कोशिकाओं में डीएनए (DNA) क्षतिग्रस्त (damaged) हो जाता है और वे अनियंत्रित रूप से बढ़ने (grow uncontrollably) लगती हैं। धूम्रपान (Smoking), वायु प्रदूषण (air pollution), रेडॉन गैस (radon gas), और कुछ औद्योगिक रसायन इस डीएनए क्षति (DNA damage) के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
फेफड़े के कैंसर के सामान्य कारण (Common causes of lung cancer):
- धूम्रपान (Smoking): तंबाकू का धूम्रपान (Tobacco smoking) फेफड़े के कैंसर (lung cancer) का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। इसमें सिगरेट (cigarettes), सिगार (cigars), और पाइप (pipes) शामिल हैं।
- वायु प्रदूषण (Air pollution): प्रदूषित हवा (polluted air) में लंबे समय तक रहने से फेफड़े का कैंसर हो सकता है।
- रेडॉन गैस (Radon gas): यह एक रेडियोधर्मी गैस (radioactive gas) है जो मिट्टी (soil) और चट्टानों (rocks) में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है और इमारतों में प्रवेश कर सकती है।
- अस्बेस्टस और अन्य रसायन (Asbestos and other chemicals): कुछ औद्योगिक रसायन (industrial chemicals), जैसे अस्बेस्टस (asbestos), फेफड़े के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
फेफड़े के कैंसर के सामान्य लक्षण (Common symptoms of lung cancer):
- लगातार खांसी (Persistent cough)
- खांसी के साथ खून आना (Coughing up blood)
- सांस लेने में कठिनाई (Difficulty breathing)
- सीने में दर्द (Chest pain)
- भूख में कमी और वजन घटाना (Loss of appetite and weight loss)
- आवाज में परिवर्तन (Change in voice)
- थकान (Fatigue)
- निमोनिया या ब्रोंकाइटिस (Pneumonia or bronchitis)
- हड्डियों में दर्द (Bone pain)
- गर्दन और चेहरे में सूजन (Swelling in the neck and face)
कैंसर का निदान कैसे किया जाता है (How is cancer diagnosed)?
कई कैंसर (cancers) धीरे-धीरे बढ़ते हैं और उनके लक्षण दिखने में कई वर्ष लग सकते हैं। कभी-कभी नियमित जांच या कैंसर की जांच के दौरान कैंसर का पता चलता है। कैंसर का सही निदान करने में समय लग सकता है।
कैंसर के निदान के लिए विभिन्न परीक्षणों का उपयोग किया जाता है। ये समस्या के स्थान और आपके लक्षणों पर निर्भर करते हैं। परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- रक्त परीक्षण (Blood tests): खून की जांच करना।
- एक्स-रे (X-rays): शरीर के अंदर की तस्वीरें लेना।
- सीटी स्कैन (CT scan): शरीर के अंदर की विस्तृत तस्वीरें लेना।
- एमआरआई स्कैन (MRI scan): चुंबकीय तरंगों का उपयोग करके शरीर के अंदर की तस्वीरें लेना।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): ध्वनि तरंगों (sound waves) का उपयोग करके शरीर के अंदर की तस्वीरें लेना।
- बायोप्सी (Biopsy): प्रभावित ऊतक (tissue) या कोशिकाओं का नमूना लेकर सूक्ष्मदर्शी से जांच करना।
- एंडोस्कोपी (Endoscopy): शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जांच के लिए एक पतली, लचीली ट्यूब का उपयोग करना।
उदाहरण: कोलोनोस्कोपी, गैस्ट्रोस्कोपी, ब्रोंकोस्कोपी।
कैंसर का उपचार (Cancer treatment)
कैंसर (Cancer) का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जो कैंसर के प्रकार, उसकी अवस्था, और मरीज की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। उपचार के प्रमुख तरीकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- सर्जरी (Surgery):
- उद्देश्य (Purpose): ट्यूमर (tumor) को शल्यक्रिया (Surgical) द्वारा निकालना।
- उपयोग (Use): शुरुआती चरण के कैंसर के लिए प्रभावी होता है।
- कीमोथेरपी (Chemotherapy):
- उद्देश्य (Purpose) : कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग करना।
- उपयोग (Use): कैंसर को फैलने से रोकने, आकार को छोटा करने, या बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।
- रेडियोथेरपी (Radiotherapy):
- उद्देश्य (Purpose): उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना।
- उपयोग (Use): ट्यूमर (tumor) को छोटा करने या शल्यक्रिया (surgery) के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।
- इम्यूनोथेरपी (Immunotherapy):
- उद्देश्य (Purpose): शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए सुदृढ़ करना।
- उपयोग (Use): कुछ विशेष प्रकार के कैंसर, जैसे मेलानोमा और फेफड़ों का कैंसर।
- हार्मोन थेरपी (Hormone Therapy):
- उद्देश्य (Purpose): हार्मोन-संवेदनशील कैंसर (जैसे स्तन और प्रोस्टेट कैंसर) के विकास को धीमा या रोकना।
- उपयोग (Use): हार्मोन स्तरों को बदलकर कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकना।
- टार्गेटेड थेरपी (Targeted Therapy):
- उद्देश्य (Purpose): कैंसर कोशिकाओं की विशिष्ट कमजोरियों को लक्षित करना।
- उपयोग (Use): विशेष दवाओं का उपयोग करके जो केवल कैंसर कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं।
भारत सरकार द्वारा निपटने की पहल (Initiatives to tackle by the Government of India)
भारत सरकार ने फेफड़ों के कैंसर से निपटने और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कई पहल और कार्यक्रम (programs) शुरू किए हैं। ये पहल मुख्य रूप से धूम्रपान नियंत्रण (smoking control), वायु प्रदूषण में कमी (smoking control), और जागरूकता बढ़ाने (raising awareness) पर केंद्रित हैं। यहां कुछ प्रमुख सरकारी पहलें दी गई हैं:
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (National Tobacco Control Programme):
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग को कम करना और तंबाकू से संबंधित बीमारियों, जैसे फेफड़े के कैंसर, को रोकना है।
- इसमें तंबाकू के उपयोग के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता (awareness) बढ़ाने के लिए अभियान शामिल हैं।
- धूम्रपान छोड़ने के लिए परामर्श और सहायता (Counselling and support) प्रदान की जाती है।
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme):
- NCAP का उद्देश्य भारत के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता (air quality) में सुधार करना है।
- इसके तहत वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नीतियां और उपाय लागू किए जा रहे हैं, जैसे कि वाहन उत्सर्जन मानकों में सुधार, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, और औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करना।
- स्वास्थ्य जागरूकता अभियान (Health awareness campaigns):
- सरकार (government) विभिन्न माध्यमों, जैसे रेडियो, टीवी, और सोशल मीडिया, के माध्यम से फेफड़ों के कैंसर और अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता अभियान चलाती है।
- धूम्रपान छोड़ने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है।
विश्व में फेफड़े के कैंसर के आंकड़े (Lung Cancer Statistics in the World)
फेफड़े का कैंसर विश्व भर में कैंसर से संबंधित मृत्यु का प्रमुख कारण है। यहां कुछ नवीनतम आंकड़े दिए गए हैं जो इस बीमारी की व्यापकता और गंभीरता को दर्शाते हैं:
- विकृति दर (Incidence Rate): 2020 में, वैश्विक स्तर पर लगभग 2 मिलियन (2.2 million) नए फेफड़े के कैंसर के मामले दर्ज किए गए।
- मृत्यु दर (Mortality Rate): 2020 में, फेफड़े के कैंसर से लगभग 8 मिलियन (1.8 million) लोगों की मृत्यु हुई। यह आंकड़ा इसे कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण बनाता है।
- लिंग अनुपात (Gender Ratio): पुरुषों (men) में फेफड़े का कैंसर अधिक आम है, हालांकि महिलाओं में भी इसकी घटनाएं बढ़ रही हैं।
2020 में, पुरुषों में फेफड़े के कैंसर के मामले लगभग 1.4 मिलियन (1.4 million) थे, जबकि महिलाओं (women) में यह संख्या लगभग 770,000 थी।
- भारत में फेफड़े के कैंसर के आंकड़े (Lung Cancer Statistics in India)
फेफड़े का कैंसर (Lung cancer) भारत में तेजी से बढ़ता हुआ एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। निम्नलिखित नवीनतम आंकड़े और तथ्य इस बीमारी की गंभीरता को उजागर करते हैं:
- विकृति दर (Incidence Rate):भारत में फेफड़े के कैंसर के मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2020 में, भारत में लगभग 72,510 नए फेफड़े के कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे।
- मृत्यु दर (Mortality Rate): फेफड़े के कैंसर से होने वाली मौतों (deaths) की संख्या भी काफी अधिक है। 2020 में, लगभग 66,279 लोग इस बीमारी के कारण मारे गए।
- लिंग अनुपात (Gender Ratio): पुरुषों में फेफड़े का कैंसर महिलाओं की तुलना में अधिक आम है। धूम्रपान पुरुषों में इसका प्रमुख कारण है।
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