Bonda tribe

संदर्भ:
ओडिशा की बोंडा जनजाति को केंद्रीय सरकार की PM-Janman योजना के तहत 1,148 परिवारों के लिए प्रत्येक को 2 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं, ताकि वे अपने पुराने असुरक्षित आवासों की जगह स्थायी पक्का घर बना सकें।
बोंडा जनजाति का परिचय:
- स्थान: बोंडा जनजाति ओडिशा के मलकानगिरी जिले के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहती है। ये क्षेत्र छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमाओं के पास स्थित हैं।
- सामाजिक स्थिति: बोंडा जनजाति PVTG के रूप में वर्गीकृत है और भारत की आदिवासी नीति के तहत विशेष संरक्षण में आती है। बोंडा जनजाति ओडिशा की सबसे अलग-थलग और कमजोर जनजातियों में से एक है। वे सदियों से छप्पर वाले अस्थायी घरों में रहते आ रहे हैं।
- भाषा और संस्कृति: ये जनजाति रेमो भाषा बोलते हैं, जो ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार से संबंधित है। बोंडा जनजाति की संस्कृति अत्यंत प्राचीन और विशिष्ट है, जिसमें महिलाओं की गणमान्य स्थिति और पारंपरिक पोशाक में छोटे वस्त्र व बहुतेरे कांस्य और मनके की माला शामिल है।
- आर्थिक गतिविधियाँ: बोंडा लोग मुख्यतः कृषि पर निर्भर हैं। वे दांगड़ (shifting cultivation) और स्थायी कृषि दोनों का अभ्यास करते हैं, जिसमें धान, बाजरा, दालें और सब्ज़ियाँ उगाई जाती हैं।
PM-Janman योजना क्या है?
- परिचय: PM-Janman योजना (प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के जीवन स्तर को सुधारना है। यह योजना स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को एकीकृत करती है।
- आवासीय घटक: योजना के तहत बोंडा समुदाय को स्थायी पक्का आवास उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इससे परिवारों को मौसमी जोखिम, जैसे कि बारिश, भूस्खलन और तूफानी हवा से सुरक्षा मिलेगी।
गतिविधियां:
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- लाभार्थी संतृप्ति शिविर: आधार कार्ड, जनधन खाता, और आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने के लिए शिविर आयोजित करना।
- स्वास्थ्य जाँच: पीवीटीजी बस्तियों में सिकल सेल जैसी बीमारियों की जाँच करना।
- आवास और संपर्क: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास और सड़क निर्माण जैसे कार्य करना।
- अन्य सेवाएँ: नल से जल, विद्युतीकरण, और आजीविका के लिए कौशल विकास जैसी सुविधाएँ प्रदान करना।
