Apni Pathshala

जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (CBD COP17) | Ankit Avasthi Sir

CBD COP17

CBD COP17

संदर्भ:

आर्मेनिया ने हाल ही में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity – CBD) के 17वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP17) के लिए आधिकारिक लोगो और नारे का अनावरण किया है। जिसका आयोजन अक्टूबर 2026 में आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में किया जाएगा।  

  • लोगो: येरेवन ब्लू बटरफ्लाई (Polyommatus eriwanensis)। यह कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF) के लक्ष्यों को दर्शाता है। 
  • नारा (Slogan): “प्रकृति के लिए कार्रवाई करना” (“Taking action for nature”)। यह इस बात पर जोर देता है कि अब प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़कर ठोस ज़मीनी कार्रवाई करने का समय है।

जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन COP:

  • जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (CBD) का कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) वह सर्वोच्च निकाय है जो वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए नीतियां निर्धारित करता है। 
  • यह 1992 के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन (Earth Summit) के दौरान हस्ताक्षरित एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है।
  • यह CBD का मुख्य निर्णय लेने वाला अंग है। इसके सदस्य देश (पार्टियां) हर दो साल में मिलते हैं ताकि कन्वेंशन के कार्यान्वयन की समीक्षा की जा सके।
  • भारत 1994 से इसका सक्रिय सदस्य है और उसने जैव विविधता अधिनियम, 2002 जैसे कानून इसके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बनाए हैं। 
  • इसका उद्देश्य प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा करना, आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों को स्थानीय समुदायों और देशों के साथ न्यायसंगत रूप से साझा करना है।
  • CBD का सचिवालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है। जो बैठकों का आयोजन, दस्तावेज़ों का मसौदा तैयार करने और सदस्य देशों की सहायता करने का काम करता है।
  • इसमें SBSTTA (वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रौद्योगिकीय सलाह के लिए सहायक निकाय) COP को वैज्ञानिक और तकनीकी सलाह प्रदान करता है।

प्रमुख प्रोटोकॉल:

  • कार्टाजेना प्रोटोकॉल (2003): यह आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी से उत्पन्न ‘जीवित संशोधित जीवों’ (LMOs) के सुरक्षित हस्तांतरण और उपयोग पर केंद्रित है।
  • नागोया प्रोटोकॉल (2010): यह आनुवंशिक संसाधनों तक पहुंच और उनके लाभों के उचित बंटवारे (ABS) के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
  • कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF): यह COP15 (2022) में अपनाया गया, जिसमें 2030 तक जैव विविधता की हानि को रोकने के लिए 23 वैश्विक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। 

विशेष: COP16 (2024 – कैली, कोलंबिया) में ‘कैली फंड’ (Cali Fund) की स्थापना की गई ताकि डिजिटल अनुक्रम जानकारी (DSI) से होने वाले वित्तीय लाभों को साझा किया जा सके।

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top