Central Bureau of Investigation
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशक की नियुक्ति के लिए गठित समिति की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक देश के सर्वोच्च जांच एजेंसी के नए प्रमुख के चयन की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कानून और व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI):
- परिचय:
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की प्रमुख जाँच पुलिस एजेंसी है।
- यह कार्मिक, पेंशन एवं लोक शिकायत मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करती है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आता है।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों की जाँच के लिए इसका संचालन केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के अधीन होता है।
- CBI इंटरपोल सदस्य देशों की ओर से जाँच का समन्वय करने वाली प्रमुख पुलिस एजेंसी भी है।
- संगठनात्मक संरचना:
- प्रमुख:
- CBI का नेतृत्व एक निदेशक द्वारा किया जाता है।
- निदेशक को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के पुलिस महानिरीक्षक के रूप में संगठन के प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई है।
- कार्यकाल सुरक्षा: CVC अधिनियम, 2003 के तहत CBI निदेशक को दो वर्ष का कार्यकाल सुनिश्चित किया गया है।
- निगरानी:
- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना का संचालन केंद्रीय सरकार के अधीन है।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराधों की जाँच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निगरानी की जाती है।
- निदेशक की नियुक्ति:
- नियुक्ति प्रक्रिया:
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम (2013) के अनुसार, CBI निदेशक की नियुक्ति तीन-सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है:
- प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)
- लोकसभा में विपक्ष के नेता
- भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम (2013) के अनुसार, CBI निदेशक की नियुक्ति तीन-सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है:
- संशोधन: दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम, 2014 के अनुसार, यदि लोकसभा में कोई मान्यता प्राप्त विपक्षी नेता नहीं है, तो सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता इस समिति का सदस्य होगा।
- कार्य और जिम्मेदारियाँ:
- देश में गंभीर और संवेदनशील मामलों की जाँच करना।
- अंतरराष्ट्रीय आपराधिक मामलों में इंटरपोल के साथ समन्वय करना।
- भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध और विशेष अपराधों की जाँच करना।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जुड़े प्रमुख चिंताएँ और चुनौतियाँ
- क्षेत्राधिकार और सहमति संबंधी समस्याएँ:
- राज्य सरकार की सहमति: CBI को किसी राज्य में जाँच करने के लिए राज्य सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक होती है।
- सामान्य सहमति की वापसी: कई राज्यों ने सामान्य सहमति वापस ले ली है, जिससे CBI की स्वतंत्र जांच करने की क्षमता सीमित हो गई है।
- कानूनी विवाद: इस स्थिति ने एजेंसी के अधिकार क्षेत्र को लेकर कई कानूनी विवाद उत्पन्न किए हैं।
- निगरानी और जवाबदेही:
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और मंत्रालय: CBI, केंद्रीय सतर्कता आयोग और कार्मिक मंत्रालय को रिपोर्ट करती है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप: सर्वोच्च न्यायालय ने CBI को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा, जिससे राजनीतिक हस्तक्षेप की चिंता उजागर हुई।
- जाँच और अभियोजन में देरी:
- प्रमुख मामलों में देरी: उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों में अक्सर प्रशासनिक अवरोधों और कानूनी जटिलताओं के कारण देरी होती है।