CJI

संदर्भ:
न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है।
वे 24 नवंबर 2025 को पदभार ग्रहण करेंगे, और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के उत्तराधिकारी बनेंगे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति: प्रमुख तथ्य
संवैधानिक प्रावधान: भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
नियुक्ति की प्रक्रिया:
- सामान्यतः सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है।
- कानून मंत्री सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने को कहते हैं।
- यह सिफारिश प्रधानमंत्री को भेजी जाती है, जो राष्ट्रपति को अंतिम अनुमोदन के लिए सलाह देते हैं।
अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति:
- अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम प्रणाली के तहत नाम सुझाए जाते हैं।
- कोलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- कोलेजियम संबंधित वरिष्ठ न्यायाधीशों की लिखित राय प्राप्त करता है।
- यद्यपि यह प्रणाली संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है, परंतु यह पहले और तीसरे न्यायाधीश मामलों (Judges Cases) के निर्णयों से विकसित हुई है, जिसके बाद नियुक्ति की शक्ति कार्यपालिका से न्यायपालिका को स्थानांतरित हो गई।
सरकार की भूमिका: सरकार उम्मीदवार की पृष्ठभूमि की जांच कर सकती है और अपनी आपत्तियाँ दर्ज करा सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय कोलेजियम का ही प्रभावी रहता है। वरिष्ठता का सिद्धांत नियुक्ति में प्रमुख भूमिका निभाता है।
पात्रता मानदंड: मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश बनने के लिए व्यक्ति को —
भारतीय नागरिक होना चाहिए, और
- कम से कम 5 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुका हो, या
- कम से कम 10 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहा हो, या
- राष्ट्रपति द्वारा “प्रतिष्ठित विधिवेत्ता के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
