Consumer Price Index
संदर्भ:
अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर अप्रैल 2025 में साल-दर-साल महंगाई दर 3.16% (अनंतिम) दर्ज की गई है। यह अप्रैल 2024 की तुलना में महंगाई में मामूली वृद्धि को दर्शाता है, लेकिन मार्च 2025 के मुकाबले इसमें 18 बेसिस पॉइंट की गिरावट दर्ज की गई है।
खुदरा महंगाई और खाद्य महंगाई से जुड़ी मुख्य बिंदु:
- CPI आधारित खुदरा महंगाई दरअप्रैल 2025 में गिरकर 16% रही, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है।
- मार्च 2025 में यह दर34% थी — यानी 18 बेसिस पॉइंट की गिरावट दर्ज की गई।
- खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमीइस गिरावट का प्रमुख कारण रही।
- CFPI (Consumer Food Price Index) के अनुसार अप्रैल 2025 कीसाल-दर-साल खाद्य महंगाई दर 78% रही।
- ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई85% औरशहरी क्षेत्रों में 1.64% दर्ज की गई।
- मार्च 2025 की तुलना में अप्रैल 2025 मेंखाद्य महंगाई में 91 बेसिस पॉइंट की तेज गिरावट हुई।
- अप्रैल 2025 की खाद्य महंगाई दरअक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम स्तर पर है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI): खुदरा मूल्य में बदलाव का मापक:
परिभाषा:
- यह खुदरा खरीदार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तनों को मापता है।
- प्रकाशन: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किया जाता है।
उद्देश्य:
- विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं (जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा देखभाल, शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि) की कीमतों में बदलाव की गणना।
- भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग के लिए खरीदी गई वस्तुओं की कीमतों में अंतर दिखाता है।
प्रमुख उप–समूह:
- खाद्य और पेय पदार्थ
- ईंधन और प्रकाश
- आवास
- कपड़े, बिस्तर और जूते
सीपीआई के प्रकार:
- औद्योगिक श्रमिकों के लिए सीपीआई (CPI-IW)
- कृषि श्रमिकों के लिए सीपीआई (CPI-AL)
- ग्रामीण श्रमिकों के लिए सीपीआई (CPI-RL)
- सीपीआई (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)
डेटा संकलन:
- पहले तीन सीपीआई (IW, AL, RL): श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित।
चौथा सीपीआई (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त): सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत NSO द्वारा संकलित।


