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केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में I4C के पहले स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर साइबर अपराध की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण चार पहलों का शुभारंभ किया।
- गृह मंत्री ने साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (CFMC) को राष्ट्र को समर्पित किया और समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली) का उद्घाटन किया।
- इसके अलावा, श्री अमित शाह ने ‘Cyber Commandos’ कार्यक्रम और Suspect Registry का भी उद्घाटन किया।
- I4C के नए लोगो, विजन और मिशन का भी लोकार्पण किया।
साइबर अपराध की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण चार पहलों के बारे में –
- साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (CFMC):
- नई दिल्ली स्थित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) में स्थापित साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र में प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- ये सभी साझेदार ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। CFMC कानून प्रवर्तन में “सहकारी संघवाद” का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
- समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली): यह वेब-आधारित प्लेटफॉर्म साइबर अपराधों से संबंधित डेटा संग्रह, साझा करने, अपराध मानचित्रण, डेटा विश्लेषण, सहयोग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल के रूप में कार्य करेगा।
- ‘साइबर कमांडो‘ कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के अंतर्गत, साइबर सुरक्षा परिदृश्य के खतरों से निपटने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों में प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी। ये प्रशिक्षित साइबर कमांडो डिजिटल स्पेस की सुरक्षा में राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की सहायता करेंगे।
- Suspect Registry: इस पहल के तहत, वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए, बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर आधारित एक संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जाएगी, जिसमें विभिन्न पहचानकर्ताओं की सूची होगी।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C):भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश में साइबर अपराधों से समन्वित और प्रभावी ढंग से निपटना है। यह केंद्र नागरिकों को साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों पर समाधान प्रदान करता है, जिसमें विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के बीच समन्वय सुधारना, साइबर अपराध से निपटने की राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाना और नागरिक संतोषजनक सेवाओं में सुधार लाना शामिल है। स्थापना: · I4C की योजना को 5 अक्टूबर 2018 को मंजूरी मिली थी। · इसके आरंभ के बाद से, इसने साइबर अपराधों से निपटने के लिए देश की सामूहिक क्षमता को बढ़ाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करने की दिशा में कार्य किया है। · I4C का उद्घाटन 10 जनवरी 2020 को गृह मंत्री द्वारा किया गया था। पृष्ठभूमि: · साइबर स्पेस की वैश्विक प्रकृति और साइबर अपराधों की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण, इन अपराधों से निपटने के लिए विभिन्न अधिकार क्षेत्रों और हितधारकों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। · इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि और नई तकनीकों के विकास ने साइबर अपराधों में भी वृद्धि की है। · इस चुनौती का समाधान करने के लिए, गृह मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया, जिसने देश में साइबर अपराधों के मुकाबले के लिए एक रोडमैप तैयार किया और संबंधित सिफारिशें कीं। I4C के उद्देश्य:
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