Cyclone Shakti
संदर्भ:
महाराष्ट्र में मौसम विभाग ने अरब सागर में बने चक्रवात ‘शक्ति’ को लेकर अलर्ट जारी किया है। तेज़ हवाओं, ऊँची लहरों और भारी बारिश की चेतावनी के साथ तटीय इलाकों में एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
चक्रवात शक्ति (Cyclone Shakti) – परिचय:
- वर्गीकरण:भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा इसे गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm – SCS) के रूप में वर्गीकृत किया गया।
- निर्माण क्षेत्र:यह अरब सागर के मध्य–पूर्वी भाग में बना।
- पवन गति:हवा की गति लगभग 130–145 किमी प्रति घंटा तक पहुँचने की संभावना जताई गई।
- वैज्ञानिक महत्व: यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) के विकास से जुड़ीभौतिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिनमें शामिल हैं —
- महासागरीय ऊष्मा सामग्री: समुद्र की सतह का तापमान और ऊष्मा ऊर्जा।
- कोरिओलिस बल: पृथ्वी के घूर्णन के कारण तूफान की दिशा में परिवर्तन।
- वायुमंडलीय अस्थिरता: तापमान और दाब में अंतर जिससे तूफान बनने की स्थिति बनती है।
- क्षेत्रीय संदर्भ:
- इस प्रकार के चक्रवातउत्तर हिंद महासागर बेसिन (North Indian Ocean Basin) का हिस्सा होते हैं, जिसमें अरब सागर और बंगाल की खाड़ी शामिल हैं।
- ऐसे उष्णकटिबंधीय तूफान भारत के तटीय क्षेत्रों कोपूर्व और पश्च मानसून अवधि में प्रभावित करते हैं।
नामकरण (Naming):
- नामकरण का आधार: चक्रवात “शक्ति” (Cyclone Shakti) का नामकरण विश्व मौसम संगठन (WMO) और ESCAP पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन्स के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है।
- नाम का स्रोत: “शक्ति” नाम श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित किया गया था। यह शब्द शक्ति और धैर्य (Power and Resilience) का प्रतीक है।
- सदस्य देश: उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम 13 सदस्य देशों की सूची से लिए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं — भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई, यमन और मालदीव।
- नामकरण का उद्देश्य:
- चक्रवातों की पहचान को आसान बनाना।
- भ्रम और दोहराव से बचना।
- आम जनता में जागरूकता और सतर्कता बढ़ाना।
चक्रवात क्या है?
- चक्रवात (Cyclone)एक विशाल, घूमता हुआ तूफ़ान प्रणाली (rotating storm system) है, जिसकी विशेषताएँ हैं — कम दबाव का केंद्र, तेज़ हवाएँ, भारी वर्षा
- दुनिया के विभिन्न भागों में इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
चक्रवात का निर्माण और विशेषताएँ?
कैसे बनते हैं (How They Form):
- गर्म समुद्री जल: समुद्र की सतह का तापमान कम-से-कम5°C होना चाहिए (लगभग 50 मीटर गहराई तक)। गर्मी और नमी (heat & moisture) तूफ़ान को ऊर्जा देती है।
- ऊपर उठती हवा: गर्म, नम हवा ऊपर उठती है और समुद्र के ऊपरकम दबाव क्षेत्र बनाती है।
- आसपास की हवा का प्रवेश (Incoming Air):
- आस-पास के उच्च-दाब क्षेत्रों से हवा उस कम दबाव क्षेत्र को भरने आती है।
- यह हवा भी गर्म होकर ऊपर उठती है, जिससे एकसतत चक्र बनता है।
- कोरिओलिस प्रभाव (Coriolis Effect):
- पृथ्वी के घूर्णन (rotation) से हवा मुड़ती है और तूफ़ान घूमने लगता है।
- उत्तरी गोलार्ध:वामावर्त दिशा
- दक्षिणी गोलार्ध :दक्षिणावर्त दिशा (l)।
- आँख का निर्माण (Eye Formation):
- जब तूफ़ान प्रबल होता है, तो इसके केंद्र में एकशांत और साफ क्षेत्र बनता है “आँख” कहा जाता है।
- यही वह स्थान होता है जहाँवायुमंडलीय दबाव सबसे कम होता है।