संदर्भ:
भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के बागलीहार बांध से पाकिस्तान की ओर पानी के प्रवाह को अस्थायी रूप से रोक दिया है, और किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह के कदमों की योजना बना रहा है। यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
बगलिहार डैम के बारे में (Baglihar Dam):
- स्थान: यह जम्मू और कश्मीर के डोडा ज़िले में चेनाब नदी पर स्थित है।
- प्रकार: यह एक Run-of-the-River प्रकार (हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट) की जलविद्युत परियोजना है।
- डैम की विशेषताएँ:
- यह एक कंक्रीट ग्रैविटी डैम है।
- ऊँचाई: 5 मीटर
- लंबाई: 363 मीटर
- कुल निर्माण सामग्री: लगभग 9 मिलियन घन मीटर
- जलाशय की क्षमता: 475 मिलियन घन मीटर
- योजना और निर्माण:
- परियोजना की योजना 1992 में बनी और इसे 1996 में स्वीकृति मिली।
- निर्माण कार्य 1999 में शुरू हुआ।
- क्षमता और चरण:
- परियोजना दो चरणों में विभाजित है, प्रत्येक 450 मेगावाट की।
- पहला चरण 2004 में पूर्ण हुआ।
- दूसरा चरण 10 अक्टूबर 2008 को पूरा हुआ।
- कुल स्थापित क्षमता: 900 मेगावाट
बगलीहार परियोजना पर पाकिस्तान की आपत्ति:
- विवाद का कारण: बगलीहार जलविद्युत परियोजना भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय बनी रही। पाकिस्तान का आरोप था कि भारत इस परियोजना के माध्यम से सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) का उल्लंघन कर रहा है।
- पाकिस्तान का तर्क: पाकिस्तान ने दावा किया कि बगलीहार डैम के निर्माण से उसे मिलने वाले चेनाब नदी के जल प्रवाह में रुकावट आएगी, जिससे कृषि और जल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
- विश्व बैंक की मध्यस्थता: सिंधु जल संधि की एक शर्त के तहत विवाद की स्थिति में विश्व बैंक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
- इस मामले में विश्व बैंक ने विशेषज्ञों की एक टीम भेजी, जिसने तकनीकी मूल्यांकन के बाद पाकिस्तान के दावों को खारिज किया और परियोजना को संधि के अनुरूप बताया।
चेनाब नदी के बारे में (Chenab River)
- नाम की उत्पत्ति: “चेनाब” शब्द दो फारसी शब्दों से बना है — “चाँद (Chan)” और “पानी/नदी (Aab)”, अर्थात् “चाँद की नदी”।
- स्थिति: यह भारत और पाकिस्तान की एक प्रमुख नदी है तथा सिंधु नदी की एक उपनदी है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- लंबाई: लगभग 974 किमी (605 मील)
- सिंचाई: यह कई सिंचाई नहरों को जल प्रदान करती है।