संदर्भ:
भारत और रूस ने आपसी आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करते हुए छह नए रणनीतिक परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देना है।
पृष्ठभूमि:
- नई दिल्ली में भारत–रूस वर्किंग ग्रुप (IRWG-PIP) की 8वीं बैठक आयोजित की गई।
- यह बैठक भारत–रूस अंतर–सरकारी आयोग के तहत आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय, और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
मुख्य निर्णय:
- भारत और रूस ने 6 नई रणनीतिक परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय निवेश सहयोग को गहरा करना है।
- बातचीत सकारात्मक और सहयोगात्मक वातावरण में हुई।
- दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
परियोजनाओं का विवरण:
- भारत और रूस द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ छह नई रणनीतिक परियोजनाओं पर सहयोग करने पर सहमत हुए हैं।
- वाणिज्य मंत्रालय ने इन 6 परियोजनाओं का विशिष्ट विवरण साझा नहीं किया है।
- हालांकि, यह संकेत मिला है कि ये परियोजनाएँ आर्थिक हितों वाले विविध क्षेत्रों को कवर करेंगी।
भारत–रूस संबंध:
इतिहास और पृष्ठभूमि:
- भारत और रूस (पूर्व सोवियत संघ) के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंध 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही कायम हैं।
- शीत युद्ध (Cold War) के दौरान भारत और सोवियत संघ के बीच एक मज़बूत और रणनीतिक संबंध बना।
- सैन्य विचारधारा और आर्थिक नीतियों में समानता ने इस रिश्ते को और प्रगाढ़ किया।
सोवियत संघ के बाद भी संबंधों में मजबूती:
- सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने भारत के साथ वही घनिष्ठ संबंध बनाए रखे।
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर दोनों देश एक-दूसरे को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार” मानते हैं।
- दोनों सरकारें बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (multipolar world order) के निर्माण का समर्थन करती हैं, जिसमें वे स्वयं को “ध्रुव” (poles) मानती हैं।
रणनीतिक साझेदारी के 5 प्रमुख स्तंभ:
- राजनीतिक सहयोग
- रक्षा क्षेत्र में सहयोग
- नाभिकीय ऊर्जा
- आतंकवाद विरोधी सहयोग
- अंतरिक्ष अनुसंधान और यात्रा
संस्थागत सहयोग:
- IRIGC (India-Russia Intergovernmental Commission):दोनों देशों के बीच सरकारी स्तर पर मामलों को संचालित करने वाली प्रमुख संस्था है।
- संयुक्त सदस्यता:दोनों देश UN, BRICS, G20 और SCO जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य हैं।
महत्वपूर्ण समर्थन (Key Support):
- UNSC स्थायी सदस्यता:रूस, भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता देने का समर्थन करता है।
- SAARC में रुचि:रूस ने सार्क (SAARC) में पर्यवेक्षक की हैसियत से जुड़ने की इच्छा जताई है, जिसका भारत संस्थापक सदस्य है।