संदर्भ:
पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में ड्राफ्ट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता (GEI) लक्ष्य नियम, 2025 जारी किए हैं। यह कदम ऊर्जा–गहन क्षेत्रों से ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में कमी लाने के सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता (Greenhouse Gases Emissions Intensity – GEI):
परिचय:
- ग्रीनहाउस गैसें (GHGs) पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग होती है।
- प्रमुख GHGs हैं:
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- मीथेन (CH₄)
- नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
- कृत्रिम गैसें (जैसे CFCs, HCFCs)
GEI क्या है?
- GEI का अर्थ है प्रति उत्पादित इकाई (जैसे सीमेंट या एल्युमिनियम के प्रति टन) के लिए उत्सर्जित GHGs की मात्रा।
- इसे tCO₂e (टन CO₂ समतुल्य) में मापा जाता है, ताकि सभी गैसों के प्रभाव को एक मापदंड में जोड़ा जा सके।
- इसका उद्देश्य क्लाइमेट चेंज को कम करना और उद्योगों में स्वच्छ तकनीकों को प्रोत्साहित करना है।
ड्राफ्ट GEI टार्गेट नियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान:
- उद्योगों के लिए लक्ष्य निर्धारण:
- 2025-26 और 2026-27 के लिए उत्सर्जन तीव्रता में कमी के लक्ष्य तय किए गए हैं।
- यह नियम ऊर्जा–गहन क्षेत्रों पर लागू होंगे जैसे:
- एल्युमिनियम
- सीमेंट
- पेपर व पल्प
- क्लोर-एल्कली
- बेसलाइन और चरणबद्ध कटौती:
- 2023-24 को बेसलाइन वर्ष माना जाएगा।
- इसके आधार पर, GHGs में धीरे–धीरे कटौती की जाएगी।
- कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना (CCTS):
- GEI लक्ष्य पूरा करने वाले उद्योगों को कार्बन क्रेडिट मिलेंगे।
- ये क्रेडिट भारत के कार्बन बाजार में बेचे जा सकते हैं।
- लक्ष्य न पाने वालों को क्रेडिट खरीदने या जुर्माना भरने की आवश्यकता होगी।
- लाभार्थी इकाइयाँ:
- 13 एल्युमिनियम संयंत्र
- 186 सीमेंट संयंत्र
- 53 पल्प व पेपर संयंत्र
- 30 क्लोर-एल्कली संयंत्र
- प्रोत्साहन और दंड:
- स्वच्छ तकनीकों (जैसे कोयले की जगह बायोमास का प्रयोग) को बढ़ावा।
- नियमों का उल्लंघन करने पर पेनल्टी या क्रेडिट खरीदने का प्रावधान।
- पेरिस समझौते के साथ सामंजस्य: 2005 की तुलना में 2030 तक GDP की उत्सर्जन तीव्रता में 45% कमी का लक्ष्य।
- निगरानी और अनुपालन:
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) करेगा निगरानी।
- उद्योगों से नियमित प्रगति रिपोर्ट की अपेक्षा होगी।
जीईआई लक्ष्य नियमों का मसौदा भारत के औद्योगिक क्षेत्र को निम्न–कार्बन विकास की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।