संदर्भ:
त्रिपुरा राज्य पारंपरिक लोक रंगमंच ‘जात्रा‘ को बढ़ावा देने और उसकी सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाने के लिए ‘जात्रा उत्सव’ का आयोजन करने जा रहा है। जात्रा पूर्वी भारत की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कला形式 मानी जाती है।
जात्रा या जात्रापला:
अर्थ और उत्पत्ति:
- ‘जात्रा’ का मतलब है “यात्रा”, जो इसके एक घूम-घूमकर किए जाने वाले नाटक के रूप में उद्भव को दर्शाता है।
- यह आमतौर पर खुले मैदानों में खेला जाता है, जिससे दर्शकों से सीधा संवाद संभव होता है।
प्रमुख क्षेत्र:
- यह पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, और त्रिपुरा में विशेष रूप से लोकप्रिय है।
- यह इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को दर्शाता है।
प्रमुख विषय:
- पौराणिक कथाएं
- ऐतिहासिक प्रसंग
- वर्तमान सामाजिक मुद्दे
मुख्य विशेषताएं:
- इसमें नाटक, संगीत, नृत्य, और सामाजिक संदेश का समावेश होता है।
- इसकी प्रमुख पहचान:
- भव्य वेशभूषा
- तेज और भावुक संवाद
- नाटकीय हाव–भाव
- नैतिकता से जुड़ी कहानियां