संदर्भ:
2020 के बाद से पैंगोलिन की वैश्विक तस्करी में तेजी से गिरावट आई है।
पैंगोलिन के बारे में जानकारी
प्रजातियाँ (Species):
विश्व में कुल 8 प्रजातियाँ पाई जाती हैं:
- एशिया में 4: भारतीय, चीनी, सुंडा, और फिलीपीनी पैंगोलिन
- अफ्रीका में 4: ब्लैक-बेली, व्हाइट-बेली, जायंट ग्राउंड, और टेमिंक का ग्राउंड पैंगोलिन
भौतिक व व्यवहारिक विशेषताएँ:
आवास: पैंगोलिन उष्णकटिबंधीय जंगलों, घास के मैदानों, और कृषि क्षेत्रों में रहते हैं, और अक्सर मानव बस्तियों के पास भी देखे जाते हैं।
- भारतीय पैंगोलिन भारत, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में व्यापक रूप से पाया जाता है।
आहार और पारिस्थितिकीय भूमिका:
- मुख्य रूप से दीमक और चींटियाँ खाते हैं।
- यह कीट नियंत्रण में सहायक होते हैं और मिट्टी की वायु-संचरण क्षमता (soil aeration) बढ़ाते हैं — जिससे पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है।
खतरे (Threats):
- अवैध व्यापार:
- एशिया में पैंगोलिन की भारी तस्करी होती है।
- इनकी खाल पारंपरिक औषधियों में और मांस को व्यंजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- आवास विनाश (Habitat loss) भी इनकी संख्या में गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
संरक्षण स्थिति (Conservation Status):
- भारतीय पैंगोलिन: IUCN की रेड लिस्ट में “संकटग्रस्त”
- चीनी पैंगोलिन: गंभीर संकटग्रस्त
- भारत में: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसूची-I में सूचीबद्ध — पूर्ण संरक्षण।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर: सभी 8 प्रजातियाँ CITES परिशिष्ट-I में शामिल हैं — अंतरराष्ट्रीय व्यापार पूर्णतः प्रतिबंधित।