संदर्भ:
भारत में सक्रिय गतिशीलता (Active Mobility) को अब अधिक महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि देश को बढ़ते ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, स्वास्थ्य समस्याओं और पैदल यात्रियों की बढ़ती मौतों जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
Active Mobility (सक्रिय गतिशीलता) क्या है?
- परिभाषा: सक्रिय गतिशीलता (Active Mobility) ऐसे परिवहन के तरीकों को कहा जाता है, जोमानव शक्ति पर आधारित होते हैं, न कि मोटर या ईंधन पर।
- उदाहरण:
- पैदल चलना
- साइकिल चलाना
- स्केटबोर्डिंग
- अन्य गैर-मोटर चालित साधन, जो यात्रा (Travel) के लिए उपयोग होते हैं, न कि केवल मनोरंजन के लिए।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार: सक्रिय गतिशीलता से चार प्रकार के लाभ होते हैं:
- आर्थिक लाभ(Economic Benefits)
- सामाजिक लाभ(Social Benefits)
- पर्यावरणीय लाभ(Environmental Benefits)
- स्वास्थ्य लाभ(Health Benefits)
वर्तमान रुझान और आंकड़े (Current Trends and Data):
- 2020 में स्थिति:
- कर्नाटक ने देश में सबसे ज़्यादापैदल यात्रियों की मौतें दर्ज की थीं।
- यह संख्याकुल पैदल यात्री मृत्युओं का 13% थी।
- 2024 में सुधार:
- बेंगलुरु मेंपैदल यात्रियों की मौतें 233 दर्ज की गईं।
- यह कमीसरकार द्वारा किए गए लक्षित उपायों के कारण आई।
- सामान्य स्थिति (देशभर में):
- भारत के अधिकतर शहरों मेंActive Mobility (सक्रिय गतिशीलता) का उपयोग बहुत कम है।
- मुख्य कारण हैं:
- कमज़ोर बुनियादी ढांचा(Inadequate Infrastructure)
- नीतिगत प्राथमिकता की कमी(Low Policy Prioritisation)
Active Mobility के लाभ:
- ईंधन और परिवहन खर्च में कमी: पैदल चलने या साइकिल चलाने सेईंधन पर निर्भरता कम होती है और यात्रा का खर्च बचता है।
- पर्यावरण के लिए लाभकारी:
- यहसतत (sustainable) परिवहन को बढ़ावा देता है।
- यातायात जाममें कमी आती है और हवा अधिक स्वच्छ होती है।
- भारत कीसड़क परिवहन से होने वाले 12% कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य सेवाओं पर कम खर्च: Active Mobility सेलोगों का शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बीमारियाँ घटती हैं और चिकित्सा खर्च कम होता है।
- शहरों को अधिक जीवंत और जलवायु–सजग बनाना:
- इससेस्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
- शहररहने योग्य (livable) बनते हैं और जलवायु के प्रति जागरूक होते हैं।
Active Mobility को बढ़ावा देने में चुनौतियाँ:
- बुनियादी ढांचे की कमी:सही फुटपाथ, साइकिल लेनऔर सुरक्षित क्रॉसिंग का अभाव पैदल चलने या साइकिल चलाने को असुरक्षित और असुविधाजनक बनाता है।
- सामाजिक बाधाएँ: कई क्षेत्रों मेंनिजी वाहन को प्रतिष्ठा और सामाजिक दर्जे से जोड़ा जाता है, जिससे गैर-मोटर चालित परिवहन को अपनाने में कमी आती है।
- जलवायु और भौगोलिक कठिनाइयाँ: तीव्र गर्मी/बारिश, लंबी दूरी, औरकमजोर कनेक्टिविटी के कारण पैदल चलना या साइकिल चलाना व्यावहारिक नहीं रह जाता।
- सड़क सुरक्षा की चिंताएँ: तेज यातायात, कमजोर ट्रैफिक कानूनों का पालन, औरसुरक्षित ज़ोन की कमी पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए बड़ा खतरा बनते हैं।