Brahmos Missile
संदर्भ:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक सुविधा उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UP DIC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्य विशेषताएं:
- यह सुविधा प्रति वर्ष 80 से 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों के उत्पादन में सक्षम है।
- ब्रह्मोस मिसाइल, भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित, 290 से 400 किमी की मारक क्षमता और मैक 8 की गति से लैस है।
- इस परियोजना पर ₹300 करोड़ का निवेश किया गया है और यह 80 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई है, जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान की गई है।
- यह सुविधा ब्रह्मोस-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) मिसाइलों का भी उत्पादन करेगी, जो हल्की और अधिक मारक क्षमता वाली होंगी, जिससे भारतीय वायुसेना के सुखोई जैसे लड़ाकू विमान एक साथ तीन मिसाइलें ले जाने में सक्षम होंगे।
ब्रह्मोस मिसाइल: ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो अपनी उच्च गति, सटीकता और बहुमुखी लॉन्च क्षमताओं के लिए जानी जाती है।
तकनीकी विशेषताएं
- गति: मैक 2.8 से 3.0 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना)
- मारक क्षमता:
- भूमि या समुद्री प्लेटफॉर्म से: 800–900 किमी
- वायु प्लेटफॉर्म से: 450–500 किमी
- निर्यात संस्करण: 290 किमी
- वजन: लगभग 3,000 किलोग्राम
- लंबाई: 8.4 मीटर
- वारहेड क्षमता: 200–300 किलोग्राम
- प्रणोदन प्रणाली: दो चरणीय—पहला चरण ठोस ईंधन बूस्टर और दूसरा चरण तरल रैमजेट इंजन
- मार्गदर्शन प्रणाली: मध्य मार्गदर्शन के लिए INS + सैटेलाइट नेविगेशन; अंतिम चरण में सक्रिय रडार होमिंग
- सटीकता: लगभग 1 मीटर CEP (Circular Error Probable)
संस्करण और लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म
ब्रह्मोस मिसाइल के विभिन्न संस्करण हैं, जो विभिन्न प्लेटफॉर्म से लॉन्च किए जा सकते हैं:
- भूमि–आधारित संस्करण: मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है, जो भारतीय सेना के लिए उपयुक्त है।
- समुद्री संस्करण: युद्धपोतों और पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है; INS रणवीर, INS रणविजय, INS तर्कश, और INS विशाखापत्तनम जैसे जहाजों पर तैनात है।
- वायु संस्करण: Su-30MKI जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है; विस्तारित रेंज संस्करण की मारक क्षमता लगभग 400 किमी है।
वैश्विक रुचि और निर्यात:
ब्रह्मोस मिसाइल की उच्च गति और सटीकता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों का ध्यान आकर्षित किया है। फिलीपींस ने इसे खरीदने का निर्णय लिया है, और वियतनाम, इंडोनेशिया, तथा संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी इसकी खरीद में रुचि दिखा रहे हैं ।
भविष्य की योजनाएं:
ब्रह्मोस एयरोस्पेस हाइपरसोनिक संस्करण ब्रह्मोस-II पर कार्य कर रहा है, जिसकी गति मैक 7 से 8 तक हो सकती है। यह संस्करण हाइपरसोनिक स्क्रैमजेट तकनीक पर आधारित होगा, जो इसे और अधिक घातक और सटीक बनाएगा ।
निष्कर्ष:
ब्रह्मोस मिसाइल भारत की रक्षा क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो इसकी बहुमुखी लॉन्च क्षमताओं, उच्च गति, और सटीकता के कारण दुश्मन के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है। इसकी निरंतर उन्नति और अंतरराष्ट्रीय मांग इसे वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।