Ceasefire
संदर्भ:
भारत और पाकिस्तान ने “पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम” (Ceasefire) पर सहमति व्यक्त की है, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
संघर्ष विराम की मुख्य बातें:
- संघर्ष विराम की घोषणा: 10 मई 2025 को, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच “पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम” की घोषणा की।
- पृष्ठभूमि: यह निर्णय 22 अप्रैल को भारतीय कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद आया, जिसमें 26 नागरिकों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, और सैन्य कार्रवाइयों में वृद्धि हुई थी।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, सऊदी अरब, तुर्की और अन्य देशों ने इस संघर्ष विराम का स्वागत किया और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इसे एक सकारात्मक कदम बताया।
- संभावित वार्ता: संघर्ष विराम के साथ ही, दोनों देशों ने एक तटस्थ स्थान पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे दीर्घकालिक शांति की संभावनाएं बढ़ी हैं।
संघर्ष विराम (Ceasefire) क्या है?
- परिभाषा:
- संघर्ष विराम (सीजफायर) एक ऐसा समझौता है, जिसके तहत युद्ध या सशस्त्र संघर्ष में शामिल पक्ष आपसी सहमति से लड़ाई को अस्थायी या स्थायी रूप से रोकने के लिए राज़ी होते हैं।
- उद्देश्य:
- शांति स्थापना की पहल
- मानवीय राहत प्रदान करना
- बातचीत का रास्ता खोलना
युद्ध में संघर्ष विराम की घोषणा:
संघर्ष विराम कई परिस्थितियों में घोषित किया जा सकता है, जैसे:
- बढ़ते सैन्य टकराव को रोकने के लिए
- आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए
- मानवीय सहायता या राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए
- शांति वार्ता की शुरुआत करने हेतु
- अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण
संघर्ष विराम के प्रकार–
- अस्थायी युद्धविराम: निश्चित अवधि के लिए लड़ाई को रोकने का समझौता
- अनिश्चितकालीन युद्धविराम: बिना समय सीमा के संघर्ष को रोकना
- स्थायी युद्धविराम: युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय
पूर्ण और तात्कालिक संघर्ष विराम:
उदाहरण:
- पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया।
- सहमति बनी कि दोनों पक्ष जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ–
- आतंकी ठिकानों का विनाश: भारतीय वायुसेना ने 9 लक्षित स्थानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर, मुरिदके, और मुज़फ़्फराबाद शामिल हैं। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्रों और हथियार भंडारों को नष्ट किया गया।
- प्रमुख आतंकवादियों का सफाया: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं।
- उन्नत हथियारों का प्रयोग: भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP क्रूज मिसाइलों और HAMMER बमों का उपयोग किया, जिससे उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों को निशाना बनाया गया।
- ड्रोन हमलों को विफल करना: पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमलों को भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने विफल किया, जिससे नागरिक क्षेत्रों में कोई हानि नहीं हुई।
- महिला नेतृत्व की भूमिका: ऑपरेशन सिंदूर की योजना और ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी सराहा।