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क्वाड सहयोग की 20वीं वर्षगांठ : भारत और अन्य क्वाड सदस्य देशों ने एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए मिलकर काम करने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की। सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने क्वाड सहयोग की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर एक संयुक्त बयान में यह संकल्प लिया।
क्वाड सहयोग की 20वीं वर्षगांठ के मुख्य बिंदु:
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण:
- क्वाड देशों का लक्ष्य एक स्वतंत्र, खुला, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र बनाना है।
- यह दृष्टिकोण प्रभावी क्षेत्रीय संस्थाओं द्वारा समर्थित है।
- आसियान की केंद्रीय भूमिका:
- क्वाड देशों ने आसियान (ASEAN) की केंद्रीयता और एकता के लिए अपने दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
- आसियान आउटलुक को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लागू करने और मुख्यधारा में लाने का संकल्प लिया।
- क्षेत्रीय संरचनाओं का सम्मान:
- प्रशांत क्षेत्रीय संरचनाओं का सम्मान किया गया, विशेष रूप से प्रशांत द्वीप समूहों के मंच (Pacific Islands Forum)।
- भारतीय महासागर रिम संघ (IORA) के लिए भी समर्थन व्यक्त किया गया।
- सामूहिक प्रयासों के माध्यम से विभिन्न चुनौतियों का समाधान:
- जलवायु परिवर्तन, कैंसर, महामारी, गुणवत्तापूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर, आतंकवाद विरोधी प्रयासों, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, और साइबर सुरक्षा जैसी जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग।
- क्वाड देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अन्य साझेदारों के साथ मिलकर इन मुद्दों पर काम करने की योजना बनाई।
क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) के बारे में संक्षेप में:
- क्वाड एक रणनीतिक मंच है, जिसमें चार देश शामिल हैं: अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया।
- इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाना है।
- सदस्य देश स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को बनाए रखने, लोकतंत्र और मानवाधिकार को बढ़ावा देने और चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए काम करते हैं।
- यह सैन्य गठबंधन नहीं है और अन्य देशों के लिए खुला है जो समान मूल्यों को साझा करते हैं।
क्वाड का महत्व भारत के लिए:
रणनीतिक महत्व:
- क्वाड भारत के लिए एक मंच है, जहाँ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की साझा चुनौतियों पर चर्चा की जाती है, जैसे चीन का उदय और उसकी बढ़ती आक्रामकता, खासकर ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ सिद्धांत के माध्यम से।
आर्थिक महत्व: क्वाड देशों ने कई पहलों की शुरुआत की है जैसे एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरीडोर, ब्लू डॉट नेटवर्क, और सप्लाई चेन रेजिलिएंस इनिशिएटिव, जो क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हैं।
- भारत इन पहलों में निवेश प्राप्त करने वाला प्रमुख देश है।
समुद्री सुरक्षा:
- क्वाड भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित करता है और नौवहन की स्वतंत्रता, समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने जैसे मुद्दों पर समन्वय करता है।
क्षेत्रीय स्थिरता:
- क्वाड भारत के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है।
- यह स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक के सिद्धांतों पर आधारित है और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है।
क्वाड के चुनौतियाँ:
- अस्पष्ट संरचना: क्वाड में कोई औपचारिक संरचना, सचिवालय या स्थायी निर्णय-निर्माण निकाय नहीं है।
- चीन की चिंता: चीन क्वाड को अपनी वृद्धि को रोकने का प्रयास मानता है, जिससे समूह के लिए चीन के साथ रचनात्मक तरीके से बातचीत करना कठिन होता है।
- असंतुलित सहयोग: सदस्य देशों के पास समान वित्तीय संसाधन, रणनीतिक जागरूकता और सैन्य क्षमताएँ नहीं हैं, जो भविष्य में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
- सीमित सैन्य क्षमताएँ: क्वाड के सदस्य देशों की सैन्य क्षमताएँ भिन्न हैं, जिससे आवश्यक होने पर समूह की कार्रवाई सीमित हो सकती है।
- घरेलू राजनीति: घरेलू राजनीतिक कारणों से देशों के बीच सहयोग में सीमाएँ हो सकती हैं, जैसे भारत की घरेलू राजनीति जो उसे अमेरिका के साथ अधिक निकटता से जुड़ने में कठिनाई पैदा कर सकती है।