सामान्य अध्ययन पेपर – III: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ, वृद्धि और विकास |
चर्चा में क्यों?
2025 में विश्व आर्थिक मंच (WEF) का 55वां दावोस सम्मेलन स्विट्ज़रलैंड के दावोस-क्लोस्टर्स में आयोजित होगा। इस पांच दिवसीय आयोजन में दुनिया के सबसे प्रभावशाली और संपन्न व्यक्तियों की बैठक आयोजित की जाएगी, जो वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
55वीं दावोस सम्मेलन 2025 के प्रमुख बिंदु
- तिथियाँ: 55वां वार्षिक बैठक 20-24 जनवरी, 2025 को दावोस-क्लोस्टर्स, स्विट्ज़रलैंड में आयोजित होगी।
- वैश्विक भागीदारी: इस सम्मेलन में 2,500 से अधिक वैश्विक नेता विकास और नवाचार पर चर्चा करने के लिए एकत्र होंगे। जो सरकार, व्यवसाय, सिविल सोसाइटी, विज्ञान, और संस्कृति के क्षेत्र से हैं।
- विषय: सम्मेलन का विषय “बुद्धिमान युग के लिए सहयोग” रहेगा, जो विकास को फिर से जीवित करने और पुनः कल्पना करने के उद्देश्य से चर्चाओं को मार्गदर्शित करेगा।
- लक्ष्य: इसका मुख्य उद्देश्य एक सतत और समावेशी भविष्य के लिए नए साझेदारी और नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है, जो तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक हैं।
प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान:
- विकास की पुनः कल्पना: इस क्षेत्र का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक विकास को फिर से परिभाषित करना है, जिससे यह समावेशी और सतत हो, ताकि यह समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचा सके।
- बुद्धिमान युग में उद्योग: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वचालन, और अन्य प्रौद्योगिकी नवाचारों के उदय के साथ, इस क्षेत्र में यह चर्चा होगी कि कैसे उद्योग बुद्धिमान युग में विकसित हो सकते हैं।
- लोगों में निवेश: मानव पूंजी की भूमिका पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सम्मेलन में शिक्षा, कौशल, और श्रमबल की क्षमता को बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
- ग्रह की सुरक्षा: बढ़ते पर्यावरणीय संकटों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें जलवायु परिवर्तन, संसाधन संरक्षण और हरित प्रौद्योगिकियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह सम्मेलन भविष्य पीढ़ियों के लिए ग्रह की सुरक्षा पर भी जोर देगा।
- विश्वास का पुनर्निर्माण: यह क्षेत्र वैश्विक असहमति और राजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच, सरकारों, व्यवसायों और समाजों के बीच विश्वास पुनर्निर्माण पर जोर देगा। इसमें सहयोग और समझदारी को बढ़ावा देने, और वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए संस्थाओं की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।
विश्व आर्थिक मंच (WEF)
WEF द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टें:
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भारत की 55वीं दावोस समिट 2025 में भागीदारी
भारत की दावोस 2025 की 55वीं वार्षिक बैठक में भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल स्विट्ज़रलैंड पहुंचेगा, जो भारतीय सरकार के प्रमुख व्यक्तित्वों और उद्योग के प्रमुख नेताओं द्वारा नेतृत्वित होगा।
- भारतीय प्रतिनिधि: इस वर्ष, श्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल स्विट्ज़रलैंड पहुंचेगा।
- प्रतिनिधिमंडल में शामिल: इसमें कुल पांच केंद्रीय मंत्री, तीन राज्य के मुख्यमंत्री और लगभग 100 सीईओ शामिल होंगे, जो भारत की मजबूत नेतृत्व क्षमता और व्यापारिक संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेंगे।
- विशेष सत्र: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय अपने उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के माध्यम से विशेष सत्रों का आयोजन करेगा।
- आर्थिक प्रगति:
- भारत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) $1 ट्रिलियन से अधिक हो गया।
- वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में FDI में 26% की वृद्धि हुई है, जो $42.1 बिलियन तक पहुंच गई है, जो भारत की आर्थिक परिपक्वता का संकेत है। यह वृद्धि रणनीतिक नीतिगत पहलों और बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा द्वारा प्रेरित है।
भारत के फोकस क्षेत्र:
- सततता और विश्वास: भारत पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्राथमिकता देते हुए, सतत प्रणालियों के निर्माण और वैश्विक विश्वास को बढ़ावा देने पर जोर देगा।
- खाद्य सुरक्षा: भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं पर चर्चा करेगा, जिससे खाद्य उत्पादन, वितरण प्रणालियों और कृषि लचीलापन को बढ़ावा मिलेगा।
- निवेश-केन्द्रित आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देना: भारत विदेशी निवेशों को बढ़ावा देने और व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए आर्थिक साझेदारियां स्थापित करने का लक्ष्य रखेगा।
- बुनियादी ढांचे का विकास: भारत शहरीकरण को सपोर्ट करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें परिवहन नेटवर्क, स्मार्ट शहर और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा।
- आपूर्ति श्रृंखलाओं का विविधीकरण: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में होने वाली विघटनाओं के बीच, भारत आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण की बात करेगा ताकि यह अधिक लचीला और मजबूत हो सके।
- रासायनिक क्षेत्र में निवेश अवसर: भारत रासायनिक उद्योग को विदेशी निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करेगा।
- नवाचार और प्रौद्योगिकी में नेतृत्व: भारत प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास में नवाचार के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा, और खुद को वैश्विक प्रौद्योगिकी में अग्रणी के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेगा।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग: भारत यह बताएगा कि कैसे AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार प्रक्रियाओं के परिवर्तन के लिए किया जा सकता है, जिससे दक्षता, उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
UPSC पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQ) प्रश्न (2009):विश्व आर्थिक मंच (WEF) के संस्थापक कौन हैं? प्रश्न (2017): निम्नलिखित में से कौन “वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक” (Global Gender Gap Index) की रैंकिंग देशों को प्रदान करता है? प्रश्न (2019): वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट (Global Competitiveness Report) किसके द्वारा प्रकाशित की जाती है? |
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