Download Today Current Affairs PDF
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM), जो 27 सितंबर 2021 को लॉन्च किया गया था, भारत के डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच, दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाना है। यह मिशन डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा में अंतर-परिचालन (इंटरऑपरेबिलिटी) को सक्षम बनाता है, जिससे देश में एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है।
ABDM का इतिहास और उद्देश्य:
ABDM की जड़ें राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) से जुड़ी हुई हैं, जिसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा तक व्यापक पहुंच का लक्ष्य था। इसके बाद नेशनल हेल्थ स्टैक (2018) और नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट (2019) ने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आधारभूत संरचना तैयार की, जिसमें विशिष्ट स्वास्थ्य पहचानकर्ता और सत्यापित रजिस्ट्रियां शामिल थीं।
ABDM की प्रमुख विशेषताएँ:
- विशिष्ट स्वास्थ्य पहचानकर्ता (एबीएचए आईडी): यह आईडी प्रत्येक नागरिक के लिए होती है, जो उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित तरीके से संग्रहीत करती है।
- स्वास्थ्य सेवा व्यवसायी रजिस्ट्री (एचपीआर): इसमें विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले सभी व्यवसायियों का डेटा होता है, जो उन्हें डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ता है।
- स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर): इसमें देश भर की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (सरकारी और निजी) का डेटा होता है, जिसमें अस्पताल, क्लीनिक, लैब, फ़ार्मेसी आदि शामिल हैं।
- स्वास्थ्य सूचना विनिमय और सहमति प्रबंधक (एचआईई-सीएम): यह नागरिकों को अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और साझा करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे डेटा गोपनीयता सुरक्षित रहती है।
- एकीकृत स्वास्थ्य इंटरफ़ेस (यूएचआई): यह स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और उनके प्रदायगी को सुगम बनाता है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज (एचसीएक्स): यह बीमा से जुड़े दावों की प्रक्रिया को सरल बनाता है और भुगतान प्रणाली को मानकीकृत करता है।
डेटा सुरक्षा और गोपनीयता:
ABDM के तहत स्वास्थ्य संबंधी जानकारी की सुरक्षा को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के अनुसार संरक्षित किया जाता है। यह मिशन डेटा गोपनीयता और इंटरऑपरेबिलिटी पर जोर देता है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदायगी में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।
ABDM की प्रमुख पहलें:
- स्कैन और शेयर सेवा: यह एक क्यूआर-कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण सेवा है, जिससे अस्पतालों में रोगियों की पंजीकरण प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है।
- डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआईएस): यह योजना निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिभागियों को ABDM इकोसिस्टम को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- माइक्रोसाइट पहल: इस पहल का उद्देश्य निजी क्षेत्र को ABDM अपनाने में आने वाली चुनौतियों से निपटना है।
- एंड टू एंड ABDM अपनाने का परीक्षण: यह देशभर की स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप में बदलने का एक प्रयास है, जिससे उन्हें मॉडल ABDM सुविधाओं में बदलने का लक्ष्य है।
ABDM की उपलब्धियाँ:
- अब तक 67 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाए गए हैं।
- 42 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड एबीएचए से जोड़े गए हैं।
- 236 से अधिक निजी संस्थाएं और 1.3 लाख से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं ABDM से जुड़ी हैं, जिनमें 17,000 से अधिक निजी सुविधाएं शामिल हैं।
- ABDM के तहत 3.3 लाख स्वास्थ्य सुविधाएं और 4.7 लाख स्वास्थ्य सेवा पेशेवर पंजीकृत हो चुके हैं।
- इसके साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर (एनएमसी) और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा रजिस्टर (एनडीआर) जैसे पोर्टल भी विकसित किए गए हैं, जो स्वास्थ्य पेशेवरों और सुविधाओं की जानकारी का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं।
परिवर्तन की ओर अग्रसर:
- साझेदारियों और सहयोगों का विस्तार: ABDM ने स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा, महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज (एमयूएचएस) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर डिजिटल स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह पहल डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता और कुशलता को बढ़ाने का काम कर रही है।
- व्हाट्सएप चैटबॉट और प्रशिक्षण: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने एक व्हाट्सएप चैटबॉट लॉन्च किया है, जो ABDM से जुड़े हितधारकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह एक उपयोगकर्ता अनुकूल मंच के रूप में काम करता है, जिससे डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को समझना और अपनाना आसान हो जाता है।
- नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स (एनएबीएच): एनएबीएच ने एचआईएस/ईएमआर सिस्टम के लिए डिजिटल स्वास्थ्य मानकों का पहला संस्करण लॉन्च किया है, जिससे भारत में डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकों को तेजी से अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।
- एबीएचए आईडी और स्वास्थ्य लाभ: ABDM के अंतर्गत नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) आईडी की शुरुआत की गई है। यह आईडी नागरिकों को उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक एकीकृत और सुरक्षित पहुंच प्रदान करती है। इसके माध्यम से लोग डॉक्टर की नियुक्ति लेने, पंजीकरण कराने और स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग करने में आसानी महसूस करते हैं।
- नैदानिक निर्णय सहायता प्रणाली (सीडीएसएस): डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नैदानिक निर्णय सहायता प्रणाली (सीडीएसएस) भी उपलब्ध कराई जा रही है। यह प्रणाली स्वास्थ्य पेशेवरों को रोगी के इतिहास तक आसान पहुंच प्रदान करती है, जिससे वे अधिक सटीक निर्णय ले सकें और बेहतर उपचार परिणाम प्राप्त कर सकें।
डिजिटल स्वास्थ्य का भविष्य:
ABDM की योजना एक ऐसे डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम की है जहां प्रत्येक नागरिक के पास अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक सुरक्षित और तत्काल पहुंच हो। रजिस्ट्रियों की त्रिमूर्ति (एबीएचए, एचपीआर और एचएफआर) और गेटवे की त्रिमूर्ति (एचआईईसीएम, यूएचआई और एनएचसीएक्स) जैसे महत्वपूर्ण घटकों के माध्यम से ABDM ने स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल बदलाव की दिशा में ठोस आधार तैयार किया है।
इस मिशन के साथ, भारत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर अग्रसर है, जहां नागरिकों को अधिक सुलभ, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/