Apni Pathshala

गर्भपात (Abortion) | Apni Pathshala

Abortion

Abortion

संदर्भ:

ब्रिटेन में सांसद महिलाओं को गर्भपात के लिए दंडित किए जाने से रोकने के उद्देश्य से गर्भपात कानूनों में संशोधन पर विचार कर रहे हैं। इस पहल का मकसद महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करना और उन्हें गर्भावस्था समाप्त करने के कारण किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्रवाई से बचाना है। 

  1. महिलाओं के लिए अपराधमुक्ति (Tonia Antoniazzi का संशोधन):
  • प्रस्ताव: किसी भी गर्भावस्था चरण में महिला द्वारा स्वयं गर्भपात कराने पर दंडित न किया जाए।
  • उद्देश्य:
    • कमज़ोर और संकटग्रस्त महिलाओं को कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा देना
    • गर्भपात को स्वास्थ्य और अधिकार के रूप में मान्यता देना
  1. चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा:
  • प्रस्ताव: गर्भपात में सहायता करने वाले डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को अभियोजन से संरक्षण दिया जाए
  • उद्देश्य:
    • चिकित्सा पेशेवरों को कानूनी भय से मुक्त करना
    • सुरक्षित और कानूनी गर्भपात सेवाओं को बढ़ावा देना
गर्भपात (Abortion) क्या है?

परिभाषा: गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भावस्था को समाप्त किया जाता है, जिससे भ्रूण या भ्रूणीय अंश (embryo or fetus) गर्भाशय से हटाया जाता है।

गर्भपात के तरीके:

  1. औषधीय गर्भपात (Medication): गर्भावस्था के शुरुआती चरण (आमतौर पर 10 सप्ताह तक) में गर्भावस्था को रोकने के लिए मेडिकल गोलियों का उपयोग
  2. शल्य गर्भपात (Surgical Procedure): गर्भावस्था के आगे के चरणों में सर्जिकल उपकरणों द्वारा भ्रूण को हटाया जाता है

भारत में गर्भपात कानून: संरचना, संशोधन और चुनौतियाँ

कानूनी ढांचा: Medical Termination of Pregnancy (MTP) Act, 1971

  • यह अधिनियम सुरक्षित गर्भपात को कानूनी मान्यता देता है।
  • Section 312 IPC के तहत सामान्यतः गर्भपात अपराध है, पर MTP Act इसके लिए अपवाद प्रदान करता है।
  • उद्देश्य: महिलाओं को असुरक्षित गर्भपात से बचाना व उनकी स्वास्थ्य-सुरक्षा सुनिश्चित करना।

2021 संशोधन के बाद MTP Act की प्रमुख प्रावधानें:

  • 20 सप्ताह तक: एक Registered Medical Practitioner (RMP) की राय से गर्भपात संभव।
  • 20 से 24 सप्ताह:
    • दो RMPs की सहमति आवश्यक।
    • कुछ विशिष्ट श्रेणियों की महिलाओं के लिए मान्य।
  • 24 सप्ताह से अधिक: केवल तभी, जब Medical Board यह निष्कर्ष दे कि भ्रूण में गंभीर असामान्यता है।
  • अदालतें विशेष परिस्थितियों (जैसे बलात्कार, स्वास्थ्य संकट) में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

24 सप्ताह तक गर्भपात के लिए पात्र श्रेणियाँ

  • बलात्कार/यौन उत्पीड़न/अनाचार की शिकार महिलाएँ।
  • नाबालिग लड़कियाँ।
  • विवाहिक स्थिति में परिवर्तन (जैसे तलाक, विधवा होना)।
  • शारीरिक रूप से विकलांग महिलाएँ (Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 के अनुसार)।
  • मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाएँ।
  • भ्रूण में जीवन के लिए अक्षम या गंभीर विकृति की स्थिति।
  • आपदा, मानवीय संकट या आपातकाल की सरकारी घोषित परिस्थितियाँ।

भारत बनाम वैश्विक परिदृश्य:

  • कई देशों की तुलना में अधिक प्रगतिशील कानून (जैसे कुछ अमेरिकी राज्यों में पूर्ण प्रतिबंध)।
  • Pro-choice दृष्टिकोण: भारतीय न्यायालय प्रायः महिलाओं की स्वायत्तता को भ्रूण के अधिकारों से ऊपर मानते हैं।

मौजूदा चुनौतियाँ और आलोचना:

  • अविवाहित महिलाओं को अपवाद नहीं दिया गया:
    • 20–24 सप्ताह की श्रेणी में स्पष्ट रूप से शामिल नहीं।
    • सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में एक अविवाहित महिला को 24 सप्ताह पर गर्भपात की अनुमति दी — यह न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है।
  • महिलाकेंद्रित नहीं, डॉक्टरकेंद्रित कानून: MTP Act अधिकतर डॉक्टरों की रक्षा के लिए डिज़ाइन है, न कि महिला के गर्भपात के अधिकार की गारंटी के लिए।
  • फीटल वायबिलिटी बहस: 24 सप्ताह के बाद भ्रूण जीवित रह सकता है, यह विचार न्यायालयों द्वारा गर्भपात याचिकाएँ अस्वीकार करने का आधार बनता है।

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top