Download Today Current Affairs PDF
संदर्भ:
विटिलिगो (Vitiligo): नवीन शोध से पता चला है कि आंत के अनुकूल बैक्टीरिया विटिलिगो की प्रगति को धीमा कर सकते हैं, जिससे इस ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों के लिए नई उम्मीद जगी है।
विटिलिगो (Vitiligo): त्वचा का रंग हल्का या सफेद होना
- क्या है विटिलिगो: विटिलिगो एक त्वचा संबंधी स्थिति है जिसमें त्वचा का रंग सफेद या हल्का हो जाता है।
- शरीर के कौन–कौन से हिस्से प्रभावित: यह आमतौर पर हाथ, कलाई, पैर और चेहरा से शुरू होता है, लेकिन आंखें, कान, मुंह, नाक, जननांग (वजाइना) और गुदा (रेक्टल क्षेत्र) को भी प्रभावित कर सकता है।
- बालों पर प्रभाव: यदि यह बालों वाले क्षेत्र में होता है, तो वहां के बाल सफेद या सिल्वर रंग के हो सकते हैं।
- किन लोगों पर ज्यादा असर होता है?: यह महिला–पुरुष सभी को प्रभावित कर सकता है और सभी जातियों में पाया जाता है, लेकिन गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में यह अधिक स्पष्ट दिखाई देता है।
विटिलिगो (Vitiligo) के कारण
हमारी त्वचा और बालों का रंग मेलानिन (Melanin) पिगमेंट द्वारा निर्धारित होता है। जब शरीर मेलानोसाइट्स (Melanocytes) नामक कोशिकाओं को नष्ट कर देता है या उनका कार्य बंद हो जाता है, तो विटिलिगो विकसित होता है। शोध के अनुसार, इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune Disease): जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली (Immune System) स्वस्थ मेलानोसाइट्स को खतरनाक बाहरी तत्व समझकर उन पर हमला कर देती है और एंटीबॉडीज़ बनाकर उन्हें नष्ट कर देती है।
- आनुवंशिक बदलाव (Genetic Alterations)
- DNA में म्यूटेशन (Mutation) या कोई अन्य आनुवंशिक परिवर्तन मेलानोसाइट्स के कार्य को प्रभावित कर सकता है।
- वैज्ञानिकों ने 30 से अधिक जीन को विटिलिगो से जोड़कर देखा है।
- तनाव: लगातार मानसिक या शारीरिक तनाव, विशेष रूप से किसी दुर्घटना के बाद, मेलानोसाइट्स द्वारा पिगमेंट के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
- पर्यावरणीय कारक: हानिकारक रसायनों (Chemicals) और पराबैंगनी किरणों (UV Light) के संपर्क में आने से मेलानोसाइट्स का कार्य बाधित हो सकता है।
विटिलिगो के प्रकार
विटिलिगो कई प्रकार का हो सकता है, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- जनरलाइज्ड विटिलिगो (Generalized Vitiligo): यह सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।
- सेगमेंटल विटिलिगो (Segmental Vitiligo): यह केवल शरीर के किसी एक विशेष हिस्से (जैसे हाथ या चेहरे) पर ही होता है।
- म्यूकोसल विटिलिगो (Mucosal Vitiligo): यह मुँह और जननांगों (Vaginal और Oral Mucous Membranes) की झिल्लियों को प्रभावित करता है।
- फोकल विटिलिगो (Focal Vitiligo): इसमें सफेद धब्बे छोटे क्षेत्र में बनते हैं और 1-2 वर्षों तक एक निश्चित पैटर्न में नहीं फैलते।
- ट्राइक्रोम विटिलिगो: इसमें एक सफेद केंद्र, हल्के रंग का मध्य भाग, और चारों ओर सामान्य त्वचा टोन का एक स्पष्ट पैटर्न विकसित होता है।
विटिलिगो का उपचार:
- जीवन के लिए खतरा नहीं: यह बीमारी न तो जानलेवा होती है और न ही संक्रामक (contagious) होती है।
- रंग वापस लाने का प्रयास: उपचार से प्रभावित त्वचा का रंग दोबारा लाया जा सकता है।
- नया प्रभाव नहीं रोकता: हालांकि, यह उपचार आगे होने वाले रंग परिवर्तन या पुनरावृत्ति (recurrence) को नहीं रोक सकता।