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वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के प्रमुख बंदरगाहों की उपलब्धि (Achievement of Major Ports of India in FY 2024-25) – UPSC Preparation

Achievement of Major Ports of India in FY 2024-25

 

संदर्भ:

भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने पिछले एक दशक में लगातार उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 माल ढुलाई, संचालन दक्षता और अवसंरचना आधुनिकीकरण के मामले में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

मुख्य बंदरगाह: प्रमुख उपलब्धियां (वित्त वर्ष 2024-25):

  • कार्गो हैंडलिंग:
    • वृद्धि दर: 3% वार्षिक (वित्त वर्ष 2023-24 में 819 मिलियन टन से बढ़कर ~855 मिलियन टन)।
    • ऐतिहासिक मील का पत्थर: पहली बार पारादीप पोर्ट अथॉरिटी (PPA) और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (DPA) ने 150 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग का आंकड़ा पार किया।
  • संचालन दक्षता:
    • औसत टर्नअराउंड समय (TRT): 48% सुधार (वित्त वर्ष 2014-15 में 96 घंटे से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 में 5 घंटे)।
    • निष्क्रिय समय में कमी: वित्त वर्ष 2014-15 से 2024-25 के बीच लगभग 29% की गिरावट।
  • वित्तीय प्रदर्शन: कुल आय: ₹11,760 करोड़ (वित्त वर्ष 2014-15) से बढ़कर ₹24,203 करोड़ (वित्त वर्ष 2024-25), 10 वर्षों में 5% वार्षिक वृद्धि दर (CAGR)।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं में निवेश में तीन गुना वृद्धि।

भारत का बंदरगाह क्षेत्र:

  • आर्थिक महत्त्व:
    • भारत की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा, क्योंकि 80% से अधिक माल व्यापार (वॉल्यूम के आधार पर) समुद्री मार्गों से परिवहन होता है।
    • 7,500 किमी से अधिक लंबी तटरेखा के साथ भारत, वैश्विक समुद्री व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रणनीतिक रूप से स्थित है।
  • स्वतंत्रता के बाद विकास:
    • स्वतंत्रता के समय भारत के पास केवल 5 प्रमुख बंदरगाह थे।
    • वर्तमान में, भारत में 13 प्रमुख और 200 से अधिक अधिसूचित गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं, जो वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के प्रमुख केंद्र और आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्रमुख और गैरप्रमुख बंदरगाह प्रबंधन:

  • प्रमुख बंदरगाह:
    • केंद्रीय सरकार द्वारा प्रबंधित।
    • भारतीय संविधान की संघ सूची के तहत आते हैं, जिससे इनका प्रबंधन और नियंत्रण संघ सरकार के अंतर्गत होता है।
  • गैरप्रमुख बंदरगाह:
    • राज्य सरकारों द्वारा उनके संबंधित राज्य समुद्री बोर्डों के माध्यम से प्रबंधित।
    • जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अपने राज्य समुद्री बोर्ड हैं।
    • ये बंदरगाह समवर्ती सूची के तहत आते हैं।

बंदरगाह बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए प्रमुख पहलें

  • सागरमाला:
    • 2015 में शुरू की गई प्रमुख योजना।
    • उद्देश्य: बंदरगाह आधुनिकीकरण, नए बंदरगाह विकास, बंदरगाह कनेक्टिविटी और तटीय समुदायों का विकास।
    • प्रगति: लगभग 839 परियोजनाओं की पहचान (मूल्य: ₹5.79 लाख करोड़)।
  • मैरीटाइम इंडिया विजन 2030: भारत को वैश्विक समुद्री नेतृत्व की ओर ले जाने के लिए 150 पहलों का खाका।

अन्य पहलें:

  • नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल (मरीन) – सागरसेतु: डिजिटल बुनियादी ढांचे का सशक्तिकरण।
  • रियलटाइम प्रदर्शन मॉनिटरिंग डैशबोर्ड: संचालन में पारदर्शिता और दक्षता।

सागर मंथन: परियोजनाओं और परिचालन की निरंतर निगरानी।

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