संदर्भ:
प्रथम फाउंडेशन ने वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024 (ASER) जारी की, जिसमें ग्रामीण भारत में स्कूली छात्रों के सीखने के परिणामों का आकलन किया गया।
- यह सर्वेक्षण2024 में 17,997 गांवों और 605 ग्रामीण जिलों में किया गया।
- 3-16 वर्ष की आयुके 49 लाख बच्चों को शामिल किया गया।
- 5-16 वर्ष के 5 लाख से अधिक बच्चोंकी पढ़ने और गणितीय कौशल की जांच की गई।
वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024 के मुख्य निष्कर्ष:
- सीखने के अंतर को सुधारना: ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 3 और 5 के छात्रों में बुनियादी पढ़ाई और गणित में सुधार देखा गया है, जो महामारी के बाद के नुकसान से वापसी को दर्शाता है।
- 2022 से सभी प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा I-VIII) में पढ़ाई और गणित के स्तर में सुधार हुआ है, जिसमें गणित के स्तर पिछले दशक के उच्चतम स्तर पर हैं।
- डिजिटल साक्षरता: 2024 में पहली बार 14-16 वर्ष आयु वर्ग में ‘डिजिटल साक्षरता’ का एक घटक शामिल किया गया है।
- स्मार्टफोन तक पहुंच: स्मार्टफोन की पहुंच लगभग सार्वभौमिक हो चुकी है: लगभग 90% लड़कियों और लड़कों के पास घर में स्मार्टफोन है।
- स्मार्टफोन स्वामित्व में लिंग अंतर: 2% लड़कों के पास स्मार्टफोन है, जबकि सिर्फ 26.9% लड़कियों के पास है।
- शिक्षा से ज्यादा सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का उपयोग: केवल 57% किशोर स्मार्ट डिवाइस का उपयोग शैक्षिक उद्देश्यों के लिए करते हैं, जबकि लगभग 76% सोशल मीडिया के लिए इसका उपयोग करते हैं।
- स्कूल की इंफ्रास्ट्रक्चर: ASER में शिक्षा के अधिकार (Right to Education) के सभी संकेतकों में हल्का सुधार हुआ है, जिसमें कार्यशील लड़कियों के शौचालय, पीने के पानी की सुविधाएँ आदि शामिल हैं।
समस्याएँ और चुनौतियाँ:
- क्षेत्रीय असमानता (Regional Discrepancy): नामांकन और सीखने के परिणामों में राज्यों के बीच बड़ा अंतर है। उदाहरण के लिए, मेघालय और उत्तर प्रदेश में 3 साल के बच्चों का सबसे अधिक अनुपात किसी भी स्कूल में नामांकित नहीं है (50% से अधिक)।
- लिंग अंतर (Gender Gap): डिजिटल कौशल में और स्कूल की संरचना में लिंग अंतर है, जो विशेष रूप से महिला छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने में बाधक है।
- अकादमिक और जिम्मेदारियों का संतुलन (Balancing Academics and Responsibilities): कई युवा स्कूल के साथ घरेलू काम या खेतों के काम को भी संभालते हैं, जिससे उनके सीखने के परिणामों पर असर पड़ता है।
ASER क्या है?
परिचय:
- ASER (Annual Status of Education Report) एक राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित नागरिक नेतृत्व वाला सर्वेक्षण है, जो ग्रामीण भारत में बच्चों की शिक्षा और सीखने की स्थिति का एक महत्वपूर्ण चित्र प्रदान करता है।
- इसे 2005 में लॉन्च किया गया था, और यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा से जुड़ी प्रवृत्तियों और चुनौतियों का ट्रैक करता है। ASER का दायरा, फोकस और आवृत्ति समय के साथ विकसित हुई है।
मुख्य क्षेत्र:
- नामांकन: ASER स्कूल और प्री-स्कूल नामांकन की प्रवृत्तियों पर नजर रखता है, और प्रत्येक राज्य और आयु समूह में सुधार और चुनौतियों को उजागर करता है।
- सीखने के परिणाम: यह बुनियादी पढ़ाई और गणित कौशल का मूल्यांकन करता है, जो प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर बच्चों की प्रगति को दिखाता है।
- डिजिटल साक्षरता: ASER 2024 में बड़े बच्चों के स्मार्टफोन कौशल का मूल्यांकन किया गया है, जिसमें अलार्म सेट करना, ब्राउज़िंग करना और मैसेजिंग जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
शिक्षा से संबंधित सरकारी पहल:
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संवर्धित शिक्षा कार्यक्रम
- सर्व शिक्षा अभियान
- प्रज्ञाता
- मिड डे मील योजना
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- पीएम श्री स्कूल
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020
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