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संदर्भ:
अनुच्छेद 101(4): स्वतंत्र सांसद अमृतपाल सिंह ने अपनी लोकसभा सीट गंवाने की आशंका के चलते पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, यदि कोई सांसद बिना अनुमति 60 लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है।
अनुच्छेद 101(4) के बारे में:
मुख्य प्रावधान:
- यदि कोई सांसद (MP) लगातार 60 दिनों तक संसद की बैठक में अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है।
- 60 दिनों की गणना लगातार होती है, जिसमें अवकाश (recess) शामिल होता है, लेकिन स्थगन (adjournment) शामिल नहीं होता।
- यदि सांसद ने अनुपस्थिति के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली है, तो संसद उसकी सीट रिक्त घोषित कर सकती है।
- हालांकि, अभी तक किसी भी सांसद की सदस्यता इस अनुच्छेद के तहत समाप्त नहीं हुई है।
- यदि सांसद वैध कारण प्रस्तुत करता है, तो सदन उसे छूट (condonation) दे सकता है।
सांसदों की अनुपस्थिति पर प्रतिबंध और सदस्यता समाप्ति:
- अवकाश (Leave) की सीमा:
- समिति अधिकतम 59 दिनों के लिए ही अवकाश स्वीकृत कर सकती है।
- यदि सांसद को अतिरिक्त अवकाश चाहिए, तो उसे नया अनुरोध (fresh request) जमा करना होगा।
- अनुपस्थिति के कारण सदस्यता समाप्ति:
- यदि सांसद अनुमति नहीं लेता या उसका अवकाश अस्वीकृत हो जाता है, तो संसद उसकी सीट रिक्त घोषित कर सकती है।
- यह निर्णय सदन में बहुमत (majority vote) से पारित होना चाहिए।
महत्व:
- यह प्रावधान सांसदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- लंबे समय तक अनुपस्थिति को रोकने में मदद करता है।
- यह लोकसभा और राज्यसभा दोनों पर लागू होता है।
अमृतपाल सिंह की स्थिति:
खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ में हिरासत में रखा गया है। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव जेल से जीता, लेकिन संसद की केवल 2% बैठकों (सिर्फ एक बैठक—जुलाई 2024 में शपथ ग्रहण) में शामिल हो पाए हैं। जुलाई 2024 से अब तक, हिरासत के कारण वह लगभग 50 सत्रों से अनुपस्थित रहे हैं।
अनुच्छेद 101 और उसके उपखंड:
अनुच्छेद 101: यह अनुच्छेद संसद की सदस्यता से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करता है।
- अनुच्छेद 101(1):
- कोई भी व्यक्ति संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) का सदस्य नहीं हो सकता।
- यदि कोई व्यक्ति दोनों सदनों के लिए चुना जाता है, तो उसे किसी एक सदन की सदस्यता छोड़नी होगी।
- अनुच्छेद 101(2):
- कोई भी व्यक्ति संसद और किसी राज्य की विधानसभा दोनों का सदस्य नहीं हो सकता।
- यदि कोई व्यक्ति दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे एक सदन की सदस्यता छोड़नी होगी।
- यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा के बाद उसकी संसद की सदस्यता समाप्त मानी जाएगी।
- अनुच्छेद 101(3):
- संसद का कोई भी सदस्य निम्नलिखित कारणों से अपनी सदस्यता खो सकता है:
(a) यदि वह अनुच्छेद 102(1) या 102(2) में दी गई अयोग्यता के अंतर्गत आता है।
(b) यदि वह अपने हाथ से लिखित इस्तीफा अध्यक्ष (राज्यसभा) या स्पीकर (लोकसभा) को सौंप देता है।
- संसद का कोई भी सदस्य निम्नलिखित कारणों से अपनी सदस्यता खो सकता है: