Download Today Current Affairs PDF
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे गंभीर आर्थिक प्रभावों को रेखांकित करते हुए “एशिया-प्रशांत जलवायु रिपोर्ट 2024″ जारी की है।
एशिया-प्रशांत जलवायु रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:
- जलवायु परिवर्तन के आर्थिक प्रभाव:
- जीडीपी में संभावित गिरावट: उच्च ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन के तहत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वर्ष 2070 तक GDP में 17% तक की कमी देखी जा सकती है, और वर्ष 2100 तक यह गिरावट 41% तक हो सकती है।
- भारत में प्रभाव: भारत में वर्ष 2070 तक GDP में 24.7% की गिरावट होने का अनुमान है। बांग्लादेश, वियतनाम, और इंडोनेशिया भी गंभीर आर्थिक नुकसान झेल सकते हैं।
- आर्थिक घाटे के प्रमुख कारण:
- समुद्र स्तर में वृद्धि: वर्ष 2070 तक, समुद्र स्तर में वृद्धि से 300 मिलियन लोगों को तटीय बाढ़ का खतरा होगा, और वार्षिक क्षति 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकती है।
- श्रम उत्पादकता में कमी: श्रम उत्पादकता में गिरावट से क्षेत्र की GDP में 4.9% और भारत की GDP में 11.6% की हानि हो सकती है।
- शीतलन की मांग: तापमान बढ़ने से क्षेत्रीय GDP में 3.3% की कमी हो सकती है, जबकि भारत में यह गिरावट 5.1% तक हो सकती है।
- प्राकृतिक आपदाओं पर प्रभाव:
- नदी बाढ़: वर्ष 2070 तक वार्षिक नदी बाढ़ से APAC क्षेत्र में 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो सकता है। भारत में आवासीय और वाणिज्यिक क्षति की लागत क्रमशः 400 और 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकती है।
- तूफान और वर्षा: उष्णकटिबंधीय तूफानों और तीव्र वर्षा के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बिगड़ सकती है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में।
- वनों और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव: वर्ष 2070 तक, उच्च उत्सर्जन परिदृश्यों के तहत APAC क्षेत्र में वन उत्पादकता में 10-30% की गिरावट हो सकती है। भारत, वियतनाम और दक्षिण-पूर्व एशिया को 25% से अधिक नुकसान हो सकता है।
- सुधार के लिए आवश्यक कदम:
- नेट-ज़ीरो लक्ष्य और अंतराल: APAC की 44 अर्थव्यवस्थाओं में से 36 ने नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य निर्धारित किए हैं, लेकिन केवल चार देशों ने इसे कानूनी रूप दिया है। भारत और चीन ने क्रमशः 2070 और 2060 के नेट-ज़ीरो लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
- जलवायु वित्त: क्षेत्र को जलवायु अनुकूलन के लिए सालाना 102-431 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है, जबकि 2021-2022 में केवल 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए गए।
- नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन बाजार: रिपोर्ट नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजारों को अपनाने पर बल देती है।
एशियाई विकास बैंक (ADB)
ADB, एशिया में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से वर्ष 1966 में स्थापित एक क्षेत्रीय विकास बैंक है। इसके 69 शेयरधारक सदस्य हैं, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं। इसका मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है, और भारत इसका चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
रिपोर्ट ADB की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि समृद्ध, समावेशी, लचीले और सतत् एशिया-प्रशांत क्षेत्र की प्राप्ति के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/