Asian Development Bank (ADB) to Invest ₹86,000 Crore in Indiav
सामान्य अध्ययन पेपर III: सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, विकास एवं प्रगति |
Asian Development Bank (ADB) to Invest ₹86,000 Crore in India
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत के शहरी विकास को गति देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इसके तहत भारत में आगामी पाँच वर्षों में 86 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की 5 वर्षीय निवेश योजना के मुख्य बिंदु
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- एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भारत के शहरी ढांचे को मजबूती देने के लिए 5 वर्षीय निवेश योजना का ऐलान किया है।
- इसके तहत 10 अरब डॉलर (लगभग 86 हजार करोड़ रुपये) भारत के प्रमुख शहरी परियोजनाओं में लगाए जाएंगे।
- यह योजना 2030 तक शहरी आबादी के लिए सुविधाएं तैयार करने की भारत की नीति के अनुरूप है।
- क्षेत्र: यह निवेश योजना मेट्रो रेल विस्तार, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), स्वच्छ जलापूर्ति, स्वच्छता, निवास योजनाएं और स्मार्ट सिटी सेवाओं को केंद्र में रखकर तैयार की गई है।
- स्रोत: ADB इस योजना में सॉवरेन लोन, निजी निवेश (Private Sector Funding) और थर्ड पार्टी पूंजी के माध्यम से निवेश करेगा।
- यह मॉडल सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी को बढ़ावा देगा। साथ ही, शहरी चैलेंज फंड (Urban Challenge Fund) के ज़रिए यह पूंजी देश के उन शहरों में प्रवाहित की जाएगी।
- तकनीकी सहायता: ADB इस योजना के अंतर्गत तकनीकी सहायता के लिए 3 मिलियन डॉलर (लगभग 26 करोड़ रुपये) भी प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य स्थानीय निकायों को योजना निर्माण में सहायता देना और प्रोजेक्ट डिज़ाइन में सुधार लाना है।
एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत की विकास साझेदारी का अवलोकन
- सक्रिय निवेश:
- ADB वर्तमान में भारत में 5.15 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की 27 सक्रिय ऋण परियोजनाओं पर कार्यरत है। ये परियोजनाएँ 22 राज्यों और 110 से अधिक शहरों में फैली हुई हैं।
- इन परियोजनाओं में मुख्य रूप से शहरी जल आपूर्ति, सीवरेज प्रणाली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और सस्ते आवास विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
- इसी के साथ अप्रैल 2025 तक ADB ने भारत को 59.5 अरब डॉलर का सॉवरेन लोन और 9.1 अरब डॉलर का गैर-सॉवरेन निवेश प्रदान किया है।
- इस समय 16.5 अरब डॉलर मूल्य के 81 ऋण परियोजनाएँ सक्रिय हैं।
- प्रमुख निवेश क्षेत्र:
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- शहरी बुनियादी ढाँचा: शहरों में जल, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और आवास से संबंधित परियोजनाएँ
- ऊर्जा क्षेत्र: नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और बिजली वितरण में निवेश
- रसद और परिवहन: राजमार्ग, रेलवे और बंदरगाह विकास
- सामाजिक क्षेत्र: शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
- जलवायु: हरित ऊर्जा, जल संसाधन प्रबंधन, और आपदा प्रबंधन योजनाएँ
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- सहयोग:
- पिछले दशक में ADB ने मेट्रो रेल और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजनाओं में लगभग 4 अरब डॉलर का निवेश किया है।
- इसके परिणामस्वरूप दिल्ली, चेन्नई, नागपुर, बेंगलुरु और मुंबई जैसे आठ शहरों में 300 किलोमीटर से अधिक लंबा शहरी रेल नेटवर्क विकसित हुआ है।
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- ADB ने भारत की शहरी विकास योजनाओं में UCF के ज़रिए निजी निवेश आकर्षित करने की कोशिश की है। यह मॉडल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देता है।
- ADB ने भारत के राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम को भी समर्थन दिया है। इसमें विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे को विशेष सहायता प्रदान की गई है।
- दिल्ली-मेरठ RRTS गलियारा: दिल्ली और मेरठ को जोड़ने वाला यह गलियारा ADB की वित्तीय सहायता से निर्मित हो रहा है, जो तेज़ और प्रदूषण मुक्त यात्रा को बढ़ावा देगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ: गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में ADB ने निवेश किया है।
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- लक्ष्य:
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- ADB ने भारत के लिए 2023 से 2027 तक की रणनीतिक योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत भारत को प्रतिवर्ष औसतन 5 अरब डॉलर तक का वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाएगा।
- इस राशि में से लगभग 1 अरब डॉलर का गैर-सॉवरेन लोन निजी क्षेत्र के लिए होगा।
- ADB की परियोजनाओं में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप योजनाएँ लागू करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
- ADB ने भारत के लिए 2023 से 2027 तक की रणनीतिक योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत भारत को प्रतिवर्ष औसतन 5 अरब डॉलर तक का वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाएगा।
एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा ऋण और सहायता प्रदान करने की शर्तें और प्रकार
- मानदंड (शर्ते):
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- देश की विकासशील स्थिति: ADB केवल उन्हीं देशों को सहायता देता है जो विकासशील माने जाते हैं। ऐसे देश जो गरीबी, बेरोज़गारी और आधारभूत संरचनाओं की कमी से जूझ रहे हैं, वे एडीबी की प्राथमिकता में होते हैं। इस सहायता का लक्ष्य आर्थिक वृद्धि को गति देना और जीवन स्तर में सुधार लाना होता है।
- ऋण चुकाने की क्षमता (साख योग्यता): ADB ऋण देने से पहले यह सुनिश्चित करता है कि संबंधित देश ऋण चुकाने में सक्षम हो। यह मूल्यांकन उस देश की वित्तीय स्थिरता, राजकोषीय प्रबंधन और विकास नीति की गुणवत्ता पर आधारित होता है। यदि किसी देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर है या भुगतान की विश्वसनीयता कम है, तो ADB उसकी परियोजनाओं में सीमित निवेश करता है।
- पर्यावरणीय और सामाजिक संवेदनशीलता: परियोजनाओं का पर्यावरण और समाज पर प्रभाव भी एक महत्वपूर्ण मानदंड है। ADB उन्हीं योजनाओं में निवेश करता है जो पर्यावरण के अनुकूल, समाज के लिए लाभकारी और मानवाधिकारों का सम्मान करने वाली हों। इससे सतत विकास सुनिश्चित होता है और स्थानीय समुदायों को सीधे लाभ मिलता है।
- क्षेत्रीय सहयोग और एकता: ADB उन योजनाओं को बढ़ावा देता है जो क्षेत्रीय विकास और आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करती हैं। जैसे कि बहु-देशीय परिवहन गलियारे, ऊर्जा ग्रिड और व्यापार से जुड़े बुनियादी ढाँचे। इससे केवल एक देश नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र को आर्थिक गति मिलती है।
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- सहायता के प्रकार:
- ऋण (Loan): ADB की सबसे सामान्य सहायता विधा ऋण होती है। यह ऋण सार्वजनिक परियोजनाओं जैसे सड़क, रेल, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए दिए जाते हैं। इनमें हार्ड लोन (सामान्य दर पर) और सॉफ्ट लोन (रियायती दर पर) दोनों शामिल हैं।
- तकनीकी सहायता (Technical Assistance): ADB उन देशों को तकनीकी मदद देता है जिनके पास नीतिगत सुधारों या योजना निर्माण की विशेषज्ञता की कमी है। इससे विकास योजनाओं को बेहतर तरीके से तैयार और क्रियान्वित किया जा सकता है।
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- अनुदान (Grants): गरीबी से ग्रस्त या आपदा प्रभावित देशों को ADB अनुदान भी देता है। यह सहायता बिना पुनर्भुगतान के दी जाती है और आमतौर पर सामाजिक कल्याण, पुनर्वास और जलवायु अनुकूलन परियोजनाओं में उपयोग होती है।
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- इक्विटी निवेश (Equity Investment): ADB केवल सरकारी परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निजी क्षेत्र में भी निवेश करता है। इसका उद्देश्य है कि विकासशील देशों में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाए और व्यवसायिक ढांचे को अधिक सक्षम बनाया जाए। ऐसे निवेश से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बनते हैं।
- ऋण संरचना:
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- OCR (Ordinary Capital Resources): OCR, एडीबी का प्रमुख वित्तीय स्रोत है जिसका उपयोग सामान्य शर्तों पर ऋण (हार्ड लोन) देने में होता है। इस पूंजी में सदस्य देशों द्वारा दी गई पूंजी और सरकारी गारंटी के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जुटाई गई निधियां शामिल होती हैं।
- ADF (Asian Development Fund): ADF का उपयोग रियायती दरों पर ऋण (सॉफ्ट लोन) देने के लिए किया जाता है, जो कि कमज़ोर अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के लिए विशेष रूप से निर्धारित है। यह फंड अत्यधिक गरीब देशों को लचीली शर्तों पर वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
एशियाई विकास बैंक (ADB)
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