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भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स जीआरएसई द्वारा निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) का सातवां जहाज ‘अभय’ मेसर्स एलएंडटी, कट्टुपल्ली में लोकार्पित किया गया।
ASW SWC परियोजना का विवरण:
- अनुबंध: रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के बीच अप्रैल 2019 में आठ ASW SWC जहाजों के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- उद्देश्य: अर्नाला श्रेणी के ये जहाज भारतीय नौसेना के सेवा में तैनात अभय श्रेणी के एएसडब्ल्यू कॉर्वेट की जगह लेंगे। ये जहाज तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियान, कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान (एलआईएमओ) और माइन लेइंग ऑपरेशन के लिए तैयार किए गए हैं।
तकनीकी विशेषताएँ:
- लंबाई: लगभग 77 मीटर
- अधिकतम गति: 25 नॉट
- सहनशक्ति: 1800 नॉटिकल मील (एनएम)
आत्मनिर्भरता का प्रतीक
- ‘अभय’ का लोकार्पण भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- ASW SWC जहाजों को 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ बनाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा किया जाता है।
- यह न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि रोजगार और क्षमता में भी वृद्धि करता है।
निष्कर्ष: ‘अभय’ का लोकार्पण भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समारोह देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रति संकल्प को दर्शाता है और भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलता है।
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