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एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission Ax-4) | UPSC Preparation

Axiom-4 Mission Ax-4

Axiom-4 Mission Ax-4

संदर्भ:

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए प्रस्तावित Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण अब 11 जून को किया जाएगा। पहले यह लॉन्च 10 जून को निर्धारित था, लेकिन प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण इसे टाल दिया गया है। इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जानकारी दी है।

  • यह Axiom Space द्वारा संचालित चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है और इसमें पहली बार एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ISS की यात्रा पर जाएंगे। यह मिशन न केवल भारत के लिए, बल्कि निजी क्षेत्र की मानव अंतरिक्ष उड़ानों के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
Axiom-4 Mission Ax-4: निजी अंतरिक्ष यात्रा में भारत की भागीदारी

मिशन का परिचय:

  • Axiom Mission 4 (Ax-4) एक निजी अंतरिक्ष मिशन है जिसे Axiom Space द्वारा आयोजित किया गया है।
  • उद्देश्य: 14-दिवसीय मिशन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुँचाना।
  • प्रक्षेपण स्थल: Kennedy Space Center, फ्लोरिडा (USA)।
  • लॉन्च वाहन: SpaceX का Falcon 9 रॉकेट
  • यान: SpaceX Crew Dragon – उन्नत तकनीक व सुरक्षा से युक्त।

साझेदारी और सहयोग:

  • NASA और Axiom Space के सहयोग से आयोजित यह मिशन सरकारी और निजी क्षेत्र के संयुक्त अंतरिक्ष अभियानों का उदाहरण है।

क्रू सदस्य:

  1. पेगी व्हिटसन (Peggy Whitson)– अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, ISS की कई यात्राओं का अनुभव।
  2. स्लावोश उज़्नांस्की (Sławosz Uznanski)– पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री; पोलैंड के लिए मील का पत्थर।
  3. तिबोर कापू (Tibor Kapu)– हंगरी के अंतरिक्ष यात्री।
  4. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla)– भारतीय वायुसेना अधिकारी; अंतरराष्ट्रीय क्रू में भारत का प्रतिनिधित्व।

भारत के लिए Axiom-4 मिशन का महत्व:

ISRO-NASA समझौता: Axiom-4 मिशन में भारत की भागीदारी ISRO और NASA के बीच हुए समझौते का परिणाम है, जो Gaganyaan मिशन की तैयारी में मदद करेगा।

वैज्ञानिक प्रयोग: ISRO ने लगभग 10 प्रयोग डिजाइन किए हैं, जैसे:

  • माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों पर प्रभाव
  • अंतरिक्ष में स्क्रीन उपयोग के मानसिक व शारीरिक प्रभाव
  • अंतरिक्ष यात्रा में बीजों की वृद्धि पर असर

टार्डीग्रेड्स का प्रेषण: ISRO टार्डीग्रेड्स (कठोर पर्यावरण में जीवित रहने वाले सूक्ष्मजीव) को ISS भेजकर यह अध्ययन करेगा कि जीवन अंतरिक्ष में कैसे अनुकूल हो सकता है।

Gaganyaan के लिए अनुभव: Axiom-4 मिशन के प्रयोग Gaganyaan में उन्नत स्तर पर दोहराए जाएंगे, जिससे ISRO को विश्वसनीय डेटा और अनुभव मिलेगा।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री की ऐतिहासिक उड़ान: शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के अधिकारी, अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो Gaganyaan टीम को व्यवहारिक अनुभव साझा कर सकेंगे।

Ax-4 पर भारत के प्रमुख वैज्ञानिक प्रयोग:

  1. माइक्रोग्रैविटी का मांसपेशियों की कमजोरी पर प्रभाव।
  2. शून्य गुरुत्वाकर्षण में कंप्यूटर स्क्रीन का मानव मस्तिष्क व दृष्टि पर प्रभाव।
  3. 6 प्रकार के बीजों का अंतरिक्ष में विकास अध्ययन।
  4. टार्डिग्रेड (Tardigrade) जीवों का जीवन–सर्वाइवल अध्ययन, जो चरम परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं।

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