भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी बी. श्रीनिवासन (B. Srinivasan) को देश के आतंकरोधी बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। श्री श्रीनिवासन, जो भारतीय पुलिस सेवा के बिहार कैडर के 1992 बैच के अधिकारी हैं, की नियुक्ति को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दी है।
बी. श्रीनिवासन (B. Srinivasan) के बारे में –
- वर्तमान में बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर के निदेशक के रूप में कार्यरत IPS बी. श्रीनिवासन को फरवरी 2024 में डीजी के पद पर नियुक्त किया गया था।
- NSG के महानिदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति की अवधि पदभार ग्रहण करने की तिथि से 31 अगस्त 2027 तक, यानी उनकी सेवानिवृत्ति तक रहेगी।
- NSG के मौजूदा महानिदेशक, आईपीएस नलिन प्रभात का करियर बेहद शानदार रहा है।
- उन्होंने अपने करियर में तीन पुलिस पदक और पराक्रम पदक सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
- 55 वर्षीय नलिन प्रभात को आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव है।
- NSG में आने से पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में विशेष एंटी नक्सल यूनिट ग्रेहाउंड्स का नेतृत्व किया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG):
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जिसे अक्सर “ब्लैक कैट्स” के नाम से जाना जाता है, भारत का एक विशिष्ट आतंकवाद विरोधी बल है। इसकी स्थापना 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भारतीय संसद के राष्ट्रीय सुरक्षक अधिनियम के अन्तर्गत कैबिनेट सचिवालय द्वारा 1986 में की गयी थी। NSG को विशेष परिस्थितियों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने, बंधक स्थितियों को हल करने और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
- NSG, भारत सरकार के सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
- यह बल ब्रिटिश सेना की विशेष वायु सेवा (SAS) और जर्मनी की विशेष इकाई GSG-9 से प्रेरित है।
- NSG में दो विशेष इकाइयाँ शामिल हैं: स्पेशल एक्शन ग्रुप और स्पेशल रेंजर ग्रुप।
- स्पेशल एक्शन ग्रुप में सेना के जवान शामिल होते हैं, जबकि स्पेशल रेंजर ग्रुप में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस के जवानों की भागीदारी होती है।
- इसके परिचालन मुख्यालय मानेसर, हरियाणा में स्थित हैं।
- NSG का आदर्श वाक्य है: “सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा।”
NSG के प्रमुख कार्य:
- आतंकवाद विरोधी अभियान: NSG को जटिल आतंकवादी हमलों से निपटने और बंधकों को मुक्त कराने के लिए तैनात किया जाता है।
- वीआईपी सुरक्षा: NSG भारत के प्रधान मंत्री और अन्य उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है।
- बम निरोध: NSG बम का पता लगाने और निष्क्रिय करने में विशेषज्ञता रखता है।
- विशेष अभियान: NSG को हाईजैकिंग और अपहरण जैसी विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।
NSG की संरचना:
- विशेष कार्य बल (SAF): यह NSG का मुख्य आतंकवाद विरोधी बल है, जिसमें भारतीय सेना के कर्मियों को शामिल किया गया है।
- विशेष रेंजर समूह (SRG): यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों से बना है और वीआईपी सुरक्षा और अन्य विशिष्ट कार्यों को संभालता है।
- राष्ट्रीय बम डेटा केंद्र (NBDC): यह बम से संबंधित जानकारी एकत्र करता है और उसका विश्लेषण करता है।
NSG की उपलब्धियां:
- ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1988): स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों के खिलाफ एक सफल अभियान।
- 26/11 मुंबई हमले (2008): NSG ने ताज होटल और नरीमन हाउस में बंधकों को मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पठानकोट हमला (2016): NSG ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले का जवाब दिया।
NSG का महत्व:
NSG भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बल है। यह देश को आतंकवाद और अन्य सुरक्षा खतरों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। NSG की विशेषज्ञता, प्रशिक्षण और समर्पण इसे भारत के सबसे कुशल सुरक्षा बलों में से एक बनाता है।
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