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भारतनेट ने ऑप्टिकल फाइबर, रेडियो और सैटेलाइट तकनीकों का उपयोग करते हुए 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़ा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है।
भारत के डिजिटल नेटवर्क विस्तार और कनेक्टिविटी प्रयास:
- नेटवर्क विस्तार: 2,14,283 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है।
- सस्ती इंटरनेट सेवा: ग्रामीण क्षेत्रों में ₹99/माह से ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध।
- पब्लिक वाई–फाई हॉटस्पॉट्स: 1,04,574 हॉटस्पॉट्स गांवों में स्थापित।
- फाइबर टू द होम (FTTH): 11,60,367 कनेक्शन चालू।
भारतनेट परियोजना के बारे में:
- शुरुआत और नामकरण:
- यह परियोजना अक्टूबर 2011 में राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) के रूप में शुरू हुई।
- 2015 में इसे भारतनेट परियोजना नाम दिया गया।
- उद्देश्य:
- देश के सभी ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना।
- सभी घरों को 2 Mbps से 20 Mbps की किफायती ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- ई-गवर्नेंस, ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, इंटरनेट और अन्य सेवाओं की ग्रामीण भारत में पहुंच सुनिश्चित करना।
- भागीदारी और कार्यान्वयन:
- इस परियोजना को राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में पूरा किया जा रहा है।
- BSNL, रेलटेल और पावर ग्रिड जैसी सार्वजनिक उपक्रमों की मौजूदा फाइबर संपत्तियों का उपयोग किया गया।
- जहां आवश्यक हुआ, ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त फाइबर बिछाया गया।
- वित्तपोषण:
- परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) से वित्त पोषित किया जा रहा है।
- इस फंड का उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीकॉम सेवाओं में सुधार करना है।
- नोडल एजेंसी:
- परियोजना का क्रियान्वयन भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) नामक एक विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) द्वारा किया जा रहा है।
- इसे 25 फरवरी 2012 को भारतीय कंपनियां अधिनियम 1956 के तहत पंजीकृत किया गया था।
संशोधित भारतनेट कार्यक्रम 2023:
- स्वीकृति और लागत:
- 2023 में सरकार ने संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (ABP) को मंजूरी दी।
- कुल लागत: ₹1,39,579 करोड़।
- लक्ष्य और उद्देश्य:
- ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी:
- 64 लाख ग्राम पंचायतों (GPs) को रिंग टोपोलॉजी में जोड़ना।
- लगभग 8 लाख गैर–GP गांवों को मांग आधारित कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- संचालन और रखरखाव:
- अगले 10 वर्षों तक नेटवर्क का संचालन और रखरखाव।
- केंद्रीय नेटवर्क ऑपरेटिंग सेंटर (CNOC) के माध्यम से नेटवर्क अपटाइम की निगरानी।
- प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन एजेंसी (PIA) को सेवा स्तर समझौते (SLA) के अनुसार भुगतान।
- पावर बैकअप: ग्राम पंचायतों और ब्लॉक्स में पर्याप्त स्तर का पावर बैकअप।
- रिमोट फाइबर मॉनिटरिंग सिस्टम (RFMS): ब्लॉक्स में फाइबर मॉनिटरिंग के लिए RFMS की स्थापना।
- ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी:
भारतनेट का कार्यप्रणाली:
- स्थापना: भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) एक विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) के रूप में 2012 में स्थापित किया गया था।
- फेज़ 1: 2016 में, टेलीकॉम कमीशन ने इस परियोजना को तीन चरणों में लागू करने की मंजूरी दी। पहले चरण में 1 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- फेज़ 2: दूसरे चरण में ऑप्टिकल फाइबर, रेडियो और सैटेलाइट तकनीकों का उपयोग करके अतिरिक्त 5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया।
- फेज़ 3: तीसरे चरण का उद्देश्य नेटवर्क को भविष्य के लिए तैयार करना है, जिसमें 5G तकनीकों का एकीकरण, बैंडविड्थ क्षमता को बढ़ाना और अंतिम मील कनेक्टिविटी को मजबूत करना शामिल है। यह चरण अभी भी जारी है।