Bioeconomy
संदर्भ:
भारत सरकार ने 2030 तक अपनी बायोइकोनॉमी को $300 अरब तक पहुंचाने के संकल्प को दोहराया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नीतिगत प्रयासों में निरंतरता, तेजी से उभरते स्टार्टअप्स, और महत्वपूर्ण बायो-इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाएं लागू की जा रही हैं। इस पहल का उद्देश्य जैविक संसाधनों के जिम्मेदार उपयोग के ज़रिए सतत विकास को बढ़ावा देना है, साथ ही ग्रामीण रोजगार और हरित नौकरियों के नए अवसर भी सृजित करना है।
Bioeconomy: प्रमुख जानकारी–
क्या है जैवअर्थव्यवस्था (Bioeconomy)?
- Bioeconomy का आशय उन नवीकरणीय जैविक संसाधनों के उपयोग से है जिनसे भोजन, ऊर्जा और औद्योगिक उत्पाद बनाए जाते हैं।
- इसका उद्देश्य सतत विकास और आर्थिक प्रगति को एक साथ बढ़ावा देना है।
- इसमें gene editing, bioprinting जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग हो रहा है, जो नवाचार को गति देते हैं।
- विभिन्न क्षेत्रों के एकीकरण से इसका दीर्घकालिक प्रभाव और अधिक मज़बूत होता है।
- डिजिटल टूल्स और सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों के साथ मिलकर यह पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान और सामाजिक भलाई को बढ़ावा देता है।
भारत में Bioeconomy:
- भारत दुनिया के टॉप 12 बायोटेक्नोलॉजी गंतव्यों में शामिल है और एशिया–प्रशांत में तीसरा सबसे बड़ा केंद्र है।
- भारत की बायोइकोनॉमी 2014 में $10 बिलियन से बढ़कर 2024 में $165.7 बिलियन तक पहुँच गई है — यानी 16 गुना वृद्धि।
- यह क्षेत्र भारत की GDP में 4.25% का योगदान करता है और पिछले चार वर्षों में 17.9% की CAGR से बढ़ा है।
- भारत का बायोटेक क्षेत्र चार भागों में विभाजित है:Biopharmaceuticals, Bio-agriculture, Bio-IT, Bio-services
भविष्य के लक्ष्य: भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक $300 बिलियन की Bioeconomy बनाई जाए।
साथ ही भारत वैश्विक बायो–फार्मा नेतृत्व, विशेषकर वैक्सीन, डायग्नोस्टिक्स और थेराप्यूटिक्स में अग्रणी बनने की दिशा में कार्य कर रहा है।
BioE3: भारत की Bioeconomy के लिए एक रणनीतिक पहल–
क्या है BioE3?
- BioE3 नीति (2024) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य Biotechnology for Economy, Environment, and Employment को सशक्त बनाना है।
- इसका लक्ष्य है बायोइकोनॉमी की गति को तेज़ करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और रोज़गार सृजन के नए अवसर पैदा करना।
नीति के मुख्य फोकस क्षेत्र:
- देशभर में Bio-AI Hubs, Bio-Foundries, और Bio-Enabler Hubs की स्थापना
- Advanced biotechnologies और सस्टेनेबल बायोमैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन
- पैन–इंडिया कार्यान्वयन का दृष्टिकोण, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित हो
प्रारंभिक सफलता: असम पहला राज्य बना जिसने औपचारिक रूप से BioE3 फ्रेमवर्क को अपनाया, जिससे नीति के राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ।
यह पहल भारत को वैश्विक बायोटेक्नोलॉजी नेतृत्व की दिशा में तेज़ी से आगे ले जाने की क्षमता रखती है।
आगे की राह: भारत की बायोइकोनॉमी एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है, जहाँ नवाचार, सततता और समावेशी विकास को एकीकृत दृष्टिकोण के साथ अपनाया जा रहा है — जो वैश्विक स्तर पर एक नया मानक स्थापित कर रहा है।
सरकार की मजबूत नीतिगत रूपरेखाएं, उन्नत शोध कार्य और विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग पर ज़ोर यह सुनिश्चित करता है कि भारत औद्योगिक और पर्यावरणीय परिदृश्य को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में मजबूती से अग्रसर है।