Black Box – Ahmedabad Plane Crash
Black Box – Ahmedabad Plane Crash –
संदर्भ:
12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के ब्लैक बॉक्स मिल गया है, इससे विमान हादसे की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: एक भीषण त्रासदी
- घटना: एयर इंडिया का एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद में एक कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया, जिससे 200 से अधिक लोगों की जान गई।
- जांच में सहायक उपकरण: विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए हैं, जिनसे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि यह दुर्घटना कैसे और क्यों हुई।
- एविएशन नीतियों पर असर: यह हादसा भारत की विमानन सुरक्षा नीतियों को दोबारा परिभाषित कर सकता है, खासकर जब भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन चुका है।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
- ब्लैक बॉक्स दो मुख्य रिकॉर्डिंग उपकरणों से मिलकर बना होता है – फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR)।
- FDR (Flight Data Recorder) उन तकनीकी जानकारियों को रिकॉर्ड करता है, जैसे विमान की ऊंचाई, गति, इंजन की परफॉर्मेंस, कंट्रोल इनपुट और ऑटोपायलट की स्थिति।
- CVR (Cockpit Voice Recorder) कॉकपिट में मौजूद पायलटों की बातचीत, रेडियो पर संचार, अलार्म या इंजन की आवाज जैसी अन्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है।
ब्लैक बॉक्स की खासियतें
- मजबूत टाइटेनियम या स्टील केसिंग में सुरक्षित
- 1100°C तक की गर्मी और भारी दबाव को सहन करने की क्षमता
- इसमें एक ‘अंडरवॉटर लोकेटर बीकन’ होता है
- पानी में गिरने पर 30 दिनों तक सिग्नल भेज सकता है
ब्लैक बॉक्स कैसे करेगा हादसे की जांच में मदद?
- ब्लैक बॉक्स से यह जानकारी मिल सकती है कि क्या पायलट ने फ्लाइट से नियंत्रण खो दिया था।
- इससे यह भी पता चल सकता है कि कहीं विमान का इंजन तो अचानक फेल नहीं हुआ था।
- ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड आखिरी क्षणों की बातचीत से यह भी स्पष्ट हो सकता है कि पायलटों ने किन समस्याओं का सामना किया।
- तकनीकी गड़बड़ियों की पुष्टि भी ब्लैक बॉक्स के डेटा से की जा सकती है।
- इसलिए ब्लैक बॉक्स को विमान दुर्घटनाओं की जांच में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है।
भारत की विमानन क्षेत्र में तेज़ प्रगति:
- यात्री यातायात: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 152 मिलियन से अधिक घरेलू यात्रियों को संभाला, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% वृद्धि दर्शाता है।
- कार्गो बाजार:भारत विश्व का छठा सबसे बड़ा एयर कार्गो बाजार है, जिसने 2022-23 में 3.33 मिलियन टन माल परिवहन किया।
- हवाईअड्डा अवसंरचना: वर्तमान में भारत में 150+ परिचालन हवाई अड्डे हैं।
पिछले 9 वर्षों में 75 नए हवाई अड्डे बनाए गए हैं उड़ान (UDAN) योजना के अंतर्गत। - रोजगार: यह क्षेत्र सीधे और परोक्ष रूप से 40 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
भारत के विमानन क्षेत्र की चुनौतियाँ
बाजार पर अत्यधिक नियंत्रण:
- IndiGo (60%) और टाटा समूह की एयरलाइंस (30%) मिलकर 90% घरेलू बाजार पर नियंत्रण रखते हैं।
- इससे प्रतिस्पर्धा की कमी और दोपक्षीय संरचना (duopoly) बन गई है।
नए प्रवेशकर्ताओं के लिए बाधाएँ:
- उच्च परिचालन लागत, भेड़िया मूल्य निर्धारण (predatory pricing),
- एल्गोरिदमिक समन्वय, और अपारदर्शी स्लॉट आवंटन नई एयरलाइनों को प्रवेश से रोकते हैं।
वित्तीय अस्थिरता:
- कई एयरलाइंस लगातार घाटे में चल रही हैं।
- एयर इंडिया ने FY22 में ₹9,556 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया।
सुरक्षा से जुड़ी चिंताएँ:
- IndiGo पर 2023 में ₹1.2 करोड़ का जुर्माना सुरक्षा उल्लंघनों के लिए लगा।
- Akasa Air और Air India को DGCA द्वारा सुरक्षा और तकनीकी जांच में लापरवाही पर दंडित किया गया।