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ब्लैक होल

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हाल ही में हुए एक शोध ने ब्लैक होल के गुणों (properties) को मापने का एक नया तरीका सुझाया है। इस विधि में, ब्लैक होल से टकराने पर उत्पन्न प्रकाश की प्रतिध्वनियों (इको) का विश्लेषण करके उनकी विशेषताओं का पता लगाया जाता है।

मुख्य बिंदु:

  1. गुरुत्वीय लेंसिंग: जब प्रकाश ब्लैक होल के पास से गुजरता है, तो ब्लैक होल के प्रबल गुरुत्वाकर्षण के कारण प्रकाश मुड़ जाता है। इसे गुरुत्वीय लेंसिंग कहते हैं।
  2. प्रकाश की प्रतिध्वनियाँ: गुरुत्वीय लेंसिंग से प्रकाश की प्रतिध्वनियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  3. विभिन्न मार्गों से गुजरता प्रकाश:
    • ब्लैक होल के पास से गुजरने वाला प्रकाश विभिन्न रास्तों से गुजर सकता है।
    • कुछ प्रकाश किरणें सीधे दर्शक तक पहुँचती हैं, जबकि अन्य ब्लैक होल के चारों ओर घुमने के बाद वापस अपने मार्ग पर लौटती हैं।
  4. लाइट इको की परिभाषा: इस प्रक्रिया में प्रकाश की किरणें पृथ्वी पर अलग-अलग समय पर पहुँचती हैं। पहले पहुँची किरण के बाद आने वाली किरण उसकी प्रतिध्वनि कहलाती है।
  5. लंबी-आधार रेखा इंटरफेरोमेट्री:
    • वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित किया है कि ब्लैक होल के द्रव्यमान और घूर्णन को मापने के लिए प्रकाश प्रतिध्वनियों का उपयोग किया जा सकता है।
    • इसके लिए “लंबी-आधार रेखा इंटरफेरोमेट्री” नामक तकनीक का उपयोग करने की योजना है, जो विभिन्न समयों पर पहुँचने वाली किरणों के बीच हस्तक्षेप पैटर्न का विश्लेषण करती है।
  6. आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत: अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत ने भी प्रकाश प्रतिध्वनि की इस घटना की भविष्यवाणी की थी।

सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत (General Theory of Relativity – GTR):

परिचय: सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा प्रस्तुत गुरुत्वाकर्षण का एक मौलिक सिद्धांत है।

  • मुख्य बिंदु:
    1. अंतरिक्ष-समय की वक्रता: विशाल पिंड अंतरिक्ष-समय में वक्रता उत्पन्न करते हैं। इस वक्रता के कारण अन्य पिंड घुमावदार मार्ग पर चलते हैं।
    2. प्रकाश की गति का स्थायित्व: प्रकाश की गति सभी जड़त्वीय संदर्भ फ्रेमों में स्थिर रहती है। इसका अर्थ है कि किसी भी प्रेक्षक की स्थिति या गति चाहे जो हो, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रकाश की गति समान रहेगी।

ब्लैक होल क्या है?

  • परिभाषा:
    • ब्लैक होल एक अत्यधिक घना पिंड है जिसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक होती है कि प्रकाश भी उससे बच नहीं सकता।
    • इसका कोई ठोस सतह नहीं होता; यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पदार्थ अपने ही भार से संकुचित हो जाता है।
  • निर्माण: यह तब बनता है जब एक विशाल तारा अपना ईंधन समाप्त कर लेता है और उसके केंद्र का गुरुत्वाकर्षण बल इतना बढ़ जाता है कि वह अपने आप में ढह जाता है।
  • केंद्र (सिंगुलैरिटी): ब्लैक होल का केंद्र एक गुरुत्वीय सिंगुलैरिटी होता है, जहाँ सामान्य भौतिकी के नियम काम नहीं करते।

प्रकाश प्रतिध्वनि (Light Echo):

  • परिभाषा: यह वह प्रक्रिया है जिसमें किसी दूर स्थित खगोलीय पिंड से निकलने वाला प्रकाश (जैसे तारा या आकाशगंगा) अंतरिक्ष में धूल या अन्य संरचनाओं से टकराकर वापस पृथ्वी तक पहुँचता है।
  • महत्त्व:
    • वैज्ञानिक प्रकाश प्रतिध्वनि का उपयोग ब्लैक होल के द्रव्यमान और घूर्णन को मापने के लिए कर सकते हैं।
    • ब्लैक होल के चारों ओर की सामग्री और विकिरण के कारण इसकी विशेषताओं को मापना कठिन होता है, लेकिन प्रकाश प्रतिध्वनि सिग्नल-टू-नॉइज़ अनुपात को सुधार सकती है।

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